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हरिद्वार से कानपुर जा रही स्लीपर बस में 12 वर्षीय बच्चे के साथ दुर्व्यवहार, ड्राइवर गिरफ्तार

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हरिद्वार से कानपुर जा रही एक स्लीपर बस में 12 साल के एक बच्चे के साथ हुए अपमानजनक व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। घटना में बच्चा अपने पिता के साथ यात्रा कर रहा था, जब अचानक पेट खराब होने पर वह बस के टॉयलेट में गया। वहां अचानक हुई स्थिति से घबराए ड्राइवर ने बस रोक दी और बच्चे को टॉयलेट की गंदगी साफ करने को मजबूर कर दिया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है।

बच्चा टॉयलेट गया था, ड्राइवर ने किया रोक

जानकारी के मुताबिक, शास्त्री नगर के पूर्व पार्षद राघवेंद्र 20 मई को अपने दो बच्चों के साथ देहरादून और मसूरी की यात्रा के बाद वापस कानपुर लौट रहे थे। वे हरिद्वार से कानपुर जा रही शताब्दी स्लीपर बस में सवार थे। इसी दौरान 12 वर्षीय बेटे का पेट खराब हो गया और वह टॉयलेट गया। टॉयलेट में बच्चे की अचानक दीर्घशंका की वजह से गंदगी फैल गई।

इसी दौरान बस के ड्राइवर महेंद्र सिंह ने आगरा यमुना एक्सप्रेस-वे पर बस रोक दी। ड्राइवर ने बच्चे को अपमानित करते हुए कहा, “जाओ अपने बाप को जगाओ, और वह टॉयलेट की सफाई करेगा, नहीं तो बस नहीं चलेगी।”

बच्चे से कराया टॉयलेट की सफाई

ड्राइवर के इस आचरण से बच्चा सहम गया, लेकिन मजबूरी में उसने टॉयलेट सीट साफ करना शुरू कर दिया। बच्चे के पिता जब मौके पर पहुंचे, तो ड्राइवर ने उनकी भी गाली-गलौज की। उसने साफ होने तक बस चलाने से मना कर दिया और जब परिवार ने विरोध किया, तो ड्राइवर ने उन्हें बस से उतरने का दबाव भी बनाया।

पिता ने वायरल किया वीडियो, पुलिस में शिकायत दर्ज

बच्चे के पिता राघवेंद्र ने पूरे मामले का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर वायरल कर दिया। वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस ने पीड़ित से संपर्क किया और स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराने को कहा।

फजलगंज थाने में पिता की तहरीर के आधार पर आरोपी ड्राइवर महेंद्र सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। थाने के प्रभारी सुनील कुमार सिंह ने पुष्टि की कि ड्राइवर को गिरफ्तार कर आगामी कार्रवाई की जा रही है।

ड्राइवर की गुंडागर्दी पर लोगों में गुस्सा

इस पूरे मामले ने लोगों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। कई लोग ड्राइवर के व्यवहार को निंदनीय और असंवेदनशील बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी बच्चे के साथ हुई इस घटिया हरकत की जमकर निंदा हो रही है। लोग मांग कर रहे हैं कि ड्राइवर को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई भी ऐसा व्यवहार दोहराने से पहले सोचे।

बच्चों के प्रति संवेदनशीलता जरूरी

विशेषज्ञों का कहना है कि यात्रा के दौरान छोटे बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार पूरी तरह गलत और अमानवीय है। खासकर जब बच्चे की तबीयत खराब हो, तो ड्राइवर और स्टाफ को और भी अधिक सहनशील और संवेदनशील होना चाहिए।

यह मामला यात्रियों की सुरक्षा और सम्मान को लेकर भी कई सवाल खड़े करता है। प्रशासन और परिवहन विभाग को इस तरह की घटनाओं पर कड़ी नजर रखनी होगी और जिम्मेदारों को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

यह घटना दर्शाती है कि आम जनता की शिकायतें और सोशल मीडिया पर उनकी आवाज कितनी महत्वपूर्ण है, जिससे कि अन्याय के खिलाफ कार्रवाई हो सके। उम्मीद की जा रही है कि पुलिस इस मामले में पूरी जांच कर दोषियों को उचित सजा देगी।

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