LiteratureMirza Ghalib Shayari: महान शायर मिर्ज़ा ग़ालिब की वो बेहतरीन शायरी जो छू लेगी दिल कोBy Yashaswi GargTue, 19 Sep 2023 /1तेरे वादे पर जिये हम, तो यह जान झूठ जाना, कि ख़ुशी से मर न जाते, अगर एतबार होता ।-मिर्जा गालिब /1बना कर फकीरों का हम भेस ग़ालिब तमाशा-ए-अहल-ए-करम देखते है..-मिर्जा गालिब /1कहाँ मयखाने का दरवाज़ा ‘ग़ालिब’ और कहाँ वाइज पर इतना जानते है कल वो जाता था के हम निकले..-मिर्जा गालिब /1मरते है आरज़ू में मरने की मौत आती है पर नही आती, काबा किस मुँह से जाओगे ‘ग़ालिब’ शर्म तुमको मगर नही आती ।-मिर्जा गालिब /1मगर लिखवाए कोई उस को खत तो हम से लिखवाए हुई सुब्ह और घरसे कान पर रख कर कलम निकले..-मिर्जा गालिब /1मोहब्बत में नही फर्क जीने और मरने का उसी को देखकर जीते है जिस ‘काफ़िर’ पे दम निकले..!-मिर्जा गालिब /1तू ने कसम मय-कशी की खाई है ‘ग़ालिब’ तेरी कसम का कुछ एतिबार नही है..!-मिर्जा गालिब /1तुम अपने शिकवे की बातें न खोद खोद के पूछो हज़र करो मिरे दिल से कि उस में आग दबी है..-मिर्जा गालिब /1तेरे वादे पर जिये हम तो यह जान,झूठ जाना कि ख़ुशी से मर न जाते अगर एतबार होता ..-मिर्जा गालिब /1इश्क़ ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया। वर्ना हम भी आदमी थे काम के।।-मिर्जा गालिब Share this storyPost a Comment