LiteratureMirza Ghalib Shayari: मशहूर शायर मिर्ज़ा ग़ालिब की प्यार पर लिखी कुछ सबसे बेहतरीन शायरियांBy Yashaswi GargTue, 26 Sep 2023 /1ये हम जो हिज्र में दीवार-ओ-दर को देखते है। कभी सबा को, कभी नामाबर को देखते है।।-मिर्ज़ा ग़ालिब /1ये रश्क है कि वो होता है हमसुख़न हमसे। वरना ख़ौफ़-ए-बदामोज़ी-ए-अदू क्या है।।-मिर्ज़ा ग़ालिब /1बना कर फकीरों का हम भेस ग़ालिब तमाशा-ए-अहल-ए-करम देखते है-मिर्ज़ा ग़ालिब /1आईना देख अपना सा मुँह ले के रह गए साहब को दिल न देने पे कितना ग़ुरूर था-मिर्ज़ा ग़ालिब /1जब लगा था तीर तब इतना दर्द न हुआ ग़ालिब ज़ख्म का एहसास तब हुआ जब कमान देखी अपनों के हाथ में।-मिर्ज़ा ग़ालिब /1हम न बदलेंगे वक़्त की रफ़्तार के साथ, जब भी मिलेंगे अंदाज पुराना होगा।-मिर्ज़ा ग़ालिब /1यही है आज़माना तो सताना किसको कहते हैं अदू के हो लिए जब तुम तो मेरा इम्तहां क्यों हो-मिर्ज़ा ग़ालिब /1इश्क़ पर जोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब कि लगाये न लगे और बुझाये न बुझे-मिर्ज़ा ग़ालिब /1तुम न आए तो क्या सहर न हुई हाँ मगर चैन से बसर न हुई मेरा नाला सुना ज़माने ने एक तुम हो जिसे ख़बर न हुई-मिर्ज़ा ग़ालिब /1जला है जिस्म जहाँ दिल भी जल गया होगा कुरेदते हो जो अब राख जुस्तजू क्या है-मिर्ज़ा ग़ालिब Share this storyPost a Comment