Samachar Nama
×

ISMAIL MERATHI SHAYARI: मशहूर शायर इस्माइल मेरठी की लिखी कुछ सबसे चुनिंदा शायरी 

ISMAIL MERATHI SHAYARI: मशहूर शायर इस्माइल मेरठी की लिखी कुछ सबसे चुनिंदा शायरी

इस्माइल मेरठी का नाम मशहूर शायरों की फेहरिस्त में शुमार है. 'इस्माइल' ने बच्चों की शायरी से खूब लोकप्रियता बटोरी. जानकारी के मुताबिक मिर्ज़ा ग़ालिब उनके गुरु थे. साल 1844 में 12 नवंबर को उत्तर प्रदेश के मेरठ में उनका जन्म हुआ था. आपको बता दें कि तत्कालीन सरकार ने उन्हें 'ख़ान साहब' के ख़िताब से नवाजा था, तो आईये आज आपको पढ़ाएं इनकी मशहूर शायरी....

इस्माइल मेरठी का नाम मशहूर शायरों की फेहरिस्त में शुमार है. 'इस्माइल' ने बच्चों की शायरी से खूब लोकप्रियता बटोरी. जानकारी के मुताबिक मिर्ज़ा ग़ालिब उनके गुरु थे. साल 1844 में 12 नवंबर को उत्तर प्रदेश के मेरठ में उनका जन्म हुआ था. आपको बता दें कि तत्कालीन सरकार ने उन्हें 'ख़ान साहब' के ख़िताब से नवाजा था, तो आईये आज आपको पढ़ाएं इनकी मशहूर शायरी

छुरी का तीर का तलवार का तो घाव भरा, लगा जो ज़ख़्म ज़बाँ का रहा हमेशा हरा

इस्माइल मेरठी का नाम मशहूर शायरों की फेहरिस्त में शुमार है. 'इस्माइल' ने बच्चों की शायरी से खूब लोकप्रियता बटोरी. जानकारी के मुताबिक मिर्ज़ा ग़ालिब उनके गुरु थे. साल 1844 में 12 नवंबर को उत्तर प्रदेश के मेरठ में उनका जन्म हुआ था. आपको बता दें कि तत्कालीन सरकार ने उन्हें 'ख़ान साहब' के ख़िताब से नवाजा था, तो आईये आज आपको पढ़ाएं इनकी मशहूर शायरी

कभी भूल कर किसी से न करो सुलूक ऐसा, कि जो तुम से कोई करता तुम्हें नागवार होता

इस्माइल मेरठी का नाम मशहूर शायरों की फेहरिस्त में शुमार है. 'इस्माइल' ने बच्चों की शायरी से खूब लोकप्रियता बटोरी. जानकारी के मुताबिक मिर्ज़ा ग़ालिब उनके गुरु थे. साल 1844 में 12 नवंबर को उत्तर प्रदेश के मेरठ में उनका जन्म हुआ था. आपको बता दें कि तत्कालीन सरकार ने उन्हें 'ख़ान साहब' के ख़िताब से नवाजा था, तो आईये आज आपको पढ़ाएं इनकी मशहूर शायरी

तारीफ़ उस ख़ुदा की जिस ने जहाँ बनाया, कैसी ज़मीं बनाई क्या आसमाँ बनाया

इस्माइल मेरठी का नाम मशहूर शायरों की फेहरिस्त में शुमार है. 'इस्माइल' ने बच्चों की शायरी से खूब लोकप्रियता बटोरी. जानकारी के मुताबिक मिर्ज़ा ग़ालिब उनके गुरु थे. साल 1844 में 12 नवंबर को उत्तर प्रदेश के मेरठ में उनका जन्म हुआ था. आपको बता दें कि तत्कालीन सरकार ने उन्हें 'ख़ान साहब' के ख़िताब से नवाजा था, तो आईये आज आपको पढ़ाएं इनकी मशहूर शायरी

क्या हो गया इसे कि तुझे देखती नहीं, जी चाहता है आग लगा दूँ नज़र को मैं

इस्माइल मेरठी का नाम मशहूर शायरों की फेहरिस्त में शुमार है. 'इस्माइल' ने बच्चों की शायरी से खूब लोकप्रियता बटोरी. जानकारी के मुताबिक मिर्ज़ा ग़ालिब उनके गुरु थे. साल 1844 में 12 नवंबर को उत्तर प्रदेश के मेरठ में उनका जन्म हुआ था. आपको बता दें कि तत्कालीन सरकार ने उन्हें 'ख़ान साहब' के ख़िताब से नवाजा था, तो आईये आज आपको पढ़ाएं इनकी मशहूर शायरी

तू न हो ये तो हो नहीं सकता, मेरा क्या था हुआ हुआ न हुआ

Share this story

Tags