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बीते कल का दर्द बन गया है आज की परेशानी, तो अभी इस वीडियो में जाने 7 असरदार उपाय जो देंगे आपको मानसिक शांति 

बीते कल का दर्द बन गया है आज की परेशानी, तो अभी इस वीडियो में जाने 7 असरदार उपाय जो देंगे आपको मानसिक शांति 

हम सभी के जीवन में कुछ ऐसे पल आते हैं जो लंबे समय तक हमारे ज़ेहन में छाए रहते हैं। ये पल कभी धोखे, दुख, नुकसान या अपनों के साथ हुए किसी दर्दनाक अनुभव के रूप में हमारे साथ चिपक जाते हैं। अतीत की कड़वी और बुरी यादें न केवल मानसिक रूप से परेशान करती हैं, बल्कि वर्तमान को भी प्रभावित करती हैं। हर दिन जब हम आगे बढ़ना चाहते हैं, तब यही यादें हमें पीछे खींचने लगती हैं। लेकिन क्या इससे हमेशा के लिए निजात पाना संभव नहीं? जवाब है – हां, कुछ हद तक ज़रूर। अगर सही तरीके अपनाए जाएं, तो इन यादों का असर कम किया जा सकता है और जीवन में सुकून पाया जा सकता है।

क्यों छोड़ना मुश्किल होता है अतीत?

अतीत की बुरी घटनाएं हमारे दिमाग में गहरे छप जाती हैं, खासकर जब वे भावनात्मक रूप से जुड़ी होती हैं। हमारा मस्तिष्क बार-बार उन्हीं बातों को दोहराता है जो हमें आहत करती हैं। यह एक तरह का survival instinct है, जिससे हमारा दिमाग बार-बार हमें सतर्क करता है कि वैसी स्थिति दोबारा न हो। लेकिन यह चेतावनी कब घाव बन जाती है, हमें पता ही नहीं चलता।

इन तरीकों से पा सकते हैं मानसिक शांति

1. स्वीकार करें कि जो हुआ, वह हो चुका है

बीते समय को बदला नहीं जा सकता। इसलिए यह स्वीकार करना बहुत जरूरी है कि जो हुआ, वह अब अतीत है। जब हम किसी घटना को स्वीकार करते हैं, तो वह हमारी मानसिक ऊर्जा को कम नुकसान पहुंचाती है।

2. खुद को दोष देना बंद करें

अक्सर हम किसी बुरी घटना के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराने लगते हैं। “काश मैं ऐसा न करता” या “मेरी ही गलती थी” जैसे विचारों से हम खुद को मानसिक रूप से मारते रहते हैं। याद रखें, हर परिस्थिति में सब कुछ आपके नियंत्रण में नहीं होता।

3. लेखन से करें मन की सफाई

जो कुछ भी आपको परेशान कर रहा है, उसे एक डायरी में लिख डालें। यह तकनीक journal therapy कहलाती है। इससे आपकी भावनाएं बाहर निकलती हैं और मन हल्का होता है।

4. माफ करना सीखें

चाहे किसी ने आपको धोखा दिया हो या चोट पहुंचाई हो, माफ करना न केवल दूसरों के लिए बल्कि खुद के लिए भी जरूरी होता है। माफ करने का मतलब यह नहीं कि आप भूल गए, बल्कि इसका अर्थ है कि आप अब उस दर्द से खुद को आज़ाद कर रहे हैं।

5. माइंडफुलनेस और मेडिटेशन अपनाएं

ध्यान और माइंडफुलनेस यानी वर्तमान में रहना, अतीत की यादों से दूरी बनाने का बेहद प्रभावशाली तरीका है। इससे मस्तिष्क को सुकून मिलता है और आप वर्तमान क्षण में जीना सीखते हैं।

6. पेशेवर मदद लेने से न हिचकिचाएं

अगर कोई घटना आपको बार-बार बेचैन करती है, नींद नहीं आने देती या आपके रिश्तों को प्रभावित कर रही है, तो किसी काउंसलर या थेरेपिस्ट की मदद जरूर लें। मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही जरूरी है जितना शारीरिक।

7. नए अनुभवों को अपनाएं

अतीत से बाहर आने के लिए जरूरी है कि आप खुद को नए अनुभवों में शामिल करें – जैसे यात्रा करना, नया शौक अपनाना या किसी सामाजिक गतिविधि से जुड़ना। इससे मस्तिष्क को नई ऊर्जा और फोकस मिलता है।

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