एलआईसी ने की आरबीआई से मांग, क्या भारत में मिलेगा 100 साल का बॉन्ड?
जीवन बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एलआईसी ने भारतीय रिजर्व बैंक से 100 वर्ष की अवधि सहित दीर्घकालिक सरकारी बांड जारी करने का अनुरोध किया है। एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एलआईसी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी सिद्धार्थ मोहंती ने कहा कि बीमा कंपनी पूरे जीवन के लिए बीमा पॉलिसियां बेचती है, इसलिए दीर्घावधि बांड में निवेश की जरूरत है।उन्होंने कहा कि आरबीआई 20-30 साल के बांड की अनुमति दे रहा है और उसने 40 साल के बांड को भी हरी झंडी दे दी है। मोहंती ने यहां जीसीए25 में संवाददाताओं से कहा, "मैं 50 वर्ष या 100 वर्ष के बांड की भी उम्मीद कर रहा हूं।" हमारे लोग समय-समय पर आरबीआई के साथ इस पर चर्चा कर रहे हैं और केंद्रीय बैंक भी इस पर विचार कर रहा है।उन्होंने कहा कि जहां वैश्विक बाजार में कई देश 100 साल के बांड जारी करते हैं, वहीं भारत ने सीमित मांग और द्वितीयक बाजार में कम गतिविधि के कारण अभी तक ऐसे बांड पेश नहीं किए हैं।
सरकारी स्वामित्व वाली भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी ने एक डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। यह प्लेटफॉर्म एलआईसी के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रोजेक्ट ड्राइव द्वारा की गई पहली पहल है। इससे आम लोगों के बीमा संबंधी कार्य आसान हो जाएंगे और इसके साथ ही बीमा क्षेत्र में निगम की प्रतिष्ठा और बढ़ेगी। यह प्लेटफॉर्म एलआईसी को अति-व्यक्तिगत ग्राहक जुड़ाव और डिजिटल बीमा नवाचार प्रदान करने में मजबूती प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि मार्टेक महज एक तकनीकी नवाचार नहीं है। बल्कि, यह एक रणनीतिक बदलाव है जो एलआईसी को डिजिटल बीमा नवाचार में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करता है। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट डाइव हमारे भविष्य के दृष्टिकोण का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में एलआईसी डिजिटल बीमा क्षेत्र में अपना दबदबा बनाएगी।मार्टेक प्लेटफॉर्म के माध्यम से पॉलिसीधारकों और एजेंटों के साथ बेहतर संपर्क स्थापित किया जाएगा। यह प्लेटफॉर्म हाइपर-पर्सनलाइज्ड और मल्टी-चैनल मार्केटिंग की सुविधा प्रदान करेगा, जिसके माध्यम से सभी पॉलिसीधारकों को उनकी पॉलिसी के बारे में बेहतर जानकारी मिल सकेगी। कंपनी ने बताया कि इस MarTech प्लेटफॉर्म को प्रोजेक्ट DIVE के पहले चरण के तहत लॉन्च किया गया है। आगे बढ़ते हुए, एलआईसी नई डिजिटल क्षमताओं को जोड़ना जारी रखेगी, ताकि वह वैश्विक बीमा क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत कर सके।