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क्या है मुद्रा योजना, जिसके लाभार्थियों से पीएम मोदी ने की बात- जानें कौन कर सकता है आवेदन

दिल्ली सरकार द्वारा प्रदेश की महिलाओं के हित में लगातार योजनाएं चलाई जा रही हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार और सुरक्षा के क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए समय-समय पर नई योजनाएं शुरू की जाती रही हैं। अब एक बार फिर सरकार ने महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से 'महिला समृद्धि योजना' शुरू करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही, महिलाओं के लिए फ्री बस यात्रा योजना में भी अहम बदलाव किया गया है। अब महिलाओं को पिंक स्लिप की जगह डिजिटल कार्ड दिया जाएगा, जिससे वे सार्वजनिक बसों में निशुल्क यात्रा कर सकेंगी।  इस आर्टिकल में हम विस्तार से समझेंगे कि महिला समृद्धि योजना क्या है, फ्री सफर के बदले हुए नियम क्या हैं, और खासकर यूपी-बिहार जैसी जगहों से दिल्ली आईं प्रवासी महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा या नहीं।  महिला समृद्धि योजना: आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर कदम दिल्ली सरकार की ओर से महिला समृद्धि योजना का उद्देश्य प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के अंतर्गत सरकार महिलाओं को स्वरोजगार, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता देने की तैयारी में है। महिला समृद्धि योजना का फोकस विशेष रूप से निम्न आय वर्ग, अकेली महिला, विधवा, घरेलू कामकाजी, और झुग्गी-बस्तियों में रहने वाली महिलाओं पर होगा।  इस योजना के तहत महिलाओं को:  स्वरोजगार के लिए सस्ती ब्याज दर पर लोन दिया जाएगा  छोटे उद्योग, हस्तशिल्प, घरेलू उद्योग के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा  सरकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए सहायता की जाएगी  हर वार्ड में महिला सहायता केंद्र बनाए जाएंगे  इस योजना को आगामी महीनों में पूर्ण रूप से लागू किया जाएगा। इससे लाखों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा।  फ्री बस यात्रा योजना: अब डिजिटल कार्ड से होगी एंट्री दिल्ली सरकार की एक लोकप्रिय योजना रही है महिलाओं के लिए डीटीसी और क्लस्टर बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा, जो 2019 में शुरू की गई थी। पहले इसके लिए महिलाओं को पिंक स्लिप दी जाती थी, लेकिन अब सरकार ने इसे डिजिटल कार्ड में बदलने का फैसला लिया है।  डिजिटल कार्ड क्यों? पिंक स्लिप प्रणाली में फर्जीवाड़ा और दुरुपयोग की शिकायतें सामने आईं थीं।  डिजिटल कार्ड से योजना में पारदर्शिता आएगी।  रजिस्ट्रेशन के आधार पर डेटा संग्रह होगा जिससे भविष्य की योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।  इससे दिल्ली सरकार को यह जानने में आसानी होगी कि वास्तव में किस महिला ने योजना का लाभ लिया है।  डिजिटल कार्ड कैसे मिलेगा? सरकार की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार:  महिला को दिल्ली की निवासी होना आवश्यक है  आधार कार्ड, राशन कार्ड, या बिजली बिल जैसे दस्तावेज़ों से निवास का प्रमाण देना होगा  केवल प्रमाणित महिलाओं को ही डिजिटल कार्ड दिया जाएगा  कार्ड मिलने के बाद ही वे फ्री सफर कर सकेंगी  क्या यूपी-बिहार से दिल्ली आईं महिलाओं को भी मिलेगा फ्री सफर का लाभ? यह सबसे बड़ा सवाल उन महिलाओं के लिए है जो यूपी, बिहार या अन्य राज्यों से दिल्ली में मजदूरी या काम की तलाश में आती हैं। क्या उन्हें भी दिल्ली सरकार की बसों में मुफ्त यात्रा का लाभ मिलेगा?  जवाब है – नहीं, या फिर 'बहुत सीमित तौर पर' दिल्ली सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि डिजिटल कार्ड केवल दिल्ली की महिलाओं के लिए ही बनेगा। यानी यदि किसी महिला के पास दिल्ली में रहने का प्रमाण नहीं है, तो उसे यह सुविधा नहीं दी जाएगी।  इससे यह स्पष्ट हो गया है कि यूपी-बिहार या अन्य राज्यों से आईं प्रवासी महिलाएं, जो दिल्ली में अस्थायी रूप से रहती हैं लेकिन उनके पास दिल्ली का कोई प्रमाण नहीं है, वे इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगी।  लोगों की प्रतिक्रियाएं और संभावित असर डिजिटल कार्ड प्रणाली लागू करने के फैसले पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं:  समर्थन में: इससे योजना में पारदर्शिता आएगी  फर्जी लाभार्थियों की संख्या घटेगी  सरकारी खजाने का सही उपयोग होगा  विरोध में: प्रवासी महिलाओं के लिए अन्यायपूर्ण निर्णय  जो महिलाएं झुग्गी या अस्थायी बस्तियों में रहती हैं, वे प्रमाण पत्र नहीं दिखा पाएंगी  यह फैसला महिलाओं की सुविधा को सीमित कर देगा  दिल्ली की सामाजिक संस्थाएं और महिला संगठन सरकार से मांग कर रहे हैं कि अस्थायी प्रवासी महिलाओं के लिए भी एक वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, ताकि वे भी इस योजना का लाभ ले सकें।  आगे क्या? डिजिटल कार्ड को लेकर अभी सभी दिशानिर्देश पूरी तरह से स्पष्ट नहीं किए गए हैं। अनुमान है कि सरकार जल्द ही वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करेगी। इसके अलावा, कुछ वार्डों में फिजिकल कैंप लगाकर भी रजिस्ट्रेशन किया जाएगा, ताकि उन महिलाओं को मदद मिल सके जो ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकतीं।  निष्कर्ष दिल्ली सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में महिला समृद्धि योजना और फ्री बस यात्रा योजना में किया गया यह बदलाव एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, इसे और अधिक समावेशी बनाने की आवश्यकता है ताकि दिल्ली में रहने वाली हर महिला – चाहे वह मूल निवासी हो या प्रवासी – इन योजनाओं का लाभ ले सके।  सरकार को चाहिए कि डिजिटल कार्ड के लिए नियमों में थोड़ी ढील देकर ऐसी महिलाओं को भी शामिल करे जो फिलहाल दस्तावेजों के अभाव में इससे वंचित हो रही हैं। साथ ही, महिला समृद्धि योजना को ज़मीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए विस्तृत जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है।  आने वाले समय में यह देखा जाएगा कि ये दोनों योजनाएं वास्तव में कितनी महिलाओं तक पहुंचती हैं और उन्हें किस हद तक सशक्त बना पाती हैं।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) ने 8 अप्रैल 2025 को अपने 10 वर्ष पूरे कर लिए हैं, और इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना के लाभार्थियों से संवाद किया। यह योजना स्वरोजगार को बढ़ावा देने और छोटे उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी

योजना का उद्देश्य और विकास

PMMY का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपने व्यवसाय को शुरू कर सकें या उसका विस्तार कर सकें। इस योजना के तहत बिना किसी गारंटी के ऋण प्रदान किया जाता है, जिससे उद्यमियों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने में मदद मिलती है

ऋण की श्रेणियाँ

योजना के तहत ऋण को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है:​

  • शिशु: ₹50,000 तक का ऋण, जो छोटे स्तर पर व्यवसाय शुरू करने वालों के लिए है।​

  • किशोर: ₹50,001 से ₹5 लाख तक का ऋण, जो अपने व्यवसाय का विस्तार करना चाहते हैं

  • तरुण: ₹5 लाख से ₹10 लाख तक का ऋण, जो व्यवसाय को और बढ़ाना चाहते हैं।​

  • तरुण प्लस: ₹10 लाख से ₹20 लाख तक का ऋण, जो तरुण श्रेणी का ऋण सफलतापूर्वक चुका चुके हैं और अपने व्यवसाय का और विस्तार करना चाहते हैं।​

यह वृद्धि विशेष रूप से उभरते उद्यमियों के लिए लाभकारी है, जिससे उन्हें विकास और विस्तार में सहायता मिलेगी।

PMMY के तहत ऋण के लिए आवेदन करने के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंड हैं

  • आवेदक की आयु 18 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

  • आवेदक को भारतीय नागरिक होना चाहिए।​

  • आवेदक ने बैंक से लोन लेकर डिफॉल्ट न किया हो।​

  • आवेदक के पास व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक शैक्षिक योग्यता होनी चाहिए।​

आवेदन प्रक्रिया के लिए आवेदक को अपने नजदीकी बैंक, NBFC, या माइक्रो फाइनेंस संस्थान में जाना होगा और आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे। ऑनलाइन आवेदन के लिए आवेदक www.udyamimitra.in पर जा सकते हैं।​

आवश्यक दस्तावेज

आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:​

  • पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र)

  • निवास प्रमाण (बिजली बिल, पानी का बिल, टेलीफोन बिल, बैंक खाता विवरण)

  • व्यवसाय से संबंधित दस्तावेज (उद्योग आधार, लाइसेंस, पंजीकरण प्रमाणपत्र)पासपोर्ट साइज फोटो

ब्याज दर और चुकौती अवधि

ब्याज दर बैंक की नीति पर निर्भर करती है, लेकिन आमतौर पर यह 8% से 12% के बीच होती है। चुकौती अवधि ऋण राशि पर निर्भर करती है

  • ₹5 लाख तक के ऋण के लिए अधिकतम 5 वर्ष।

  • ₹5 लाख से ₹20 लाख तक के ऋण के लिए अधिकतम 7 वर्ष।​

योजना की सफलता

पिछले 10 वर्षों में, PMMY के तहत 33 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरित किया गया है, जिससे 53 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ मिला है। इस योजना के तहत 70% से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने देश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने और छोटे उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस योजना के तहत बिना गारंटी के ऋण प्रदान किया जाता है, जिससे उद्यमियों को अपने व्यवसाय को शुरू करने या उसका विस्तार करने में मदद मिलती है। आवेदकों को सलाह दी जाती है कि वे योजना के तहत ऋण के लिए आवेदन करने से पहले सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार रखें और आवेदन प्रक्रिया को सही ढंग से पूरा करें।

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