Samachar Nama
×

सात समंदर पार शुरू हुई थी प्रेम कहानी! लेकिन एक हल्के मजाक ने हमेशा के लिए तोड़ दी मूमल-महेंद्र की खुशियाँ, देखे वीडियो 

सात समंदर पार शुरू हुई थी प्रेम कहानी! लेकिन एक हल्के मजाक ने हमेशा के लिए तोड़ दी मूमल-महेंद्र की खुशियाँ, देखे वीडियो 

राजस्थान का स्वर्णिम शहर जैसलमेर, जिसके टीले डूबते सूरज की रोशनी में सुनहरे से लगते हैं। यह शहर अपनी ऐतिहासिक धरोहरों और सुनहरे रेत के टीलों के लिए तो प्रसिद्ध है ही, इसकी धरती कई ऐसी प्रेम कहानियों को भी समेटे हुए है जो सदियों से अमर हैं। इन्हीं कहानियों में से एक है मूमल और महेंद्र की प्रेम कहानी।



मूमल को मरुधरा की मोनालिसा कहा जाता है

मूमल जैसलमेर के लोद्रवा की राजकुमारी थीं, जिनकी सुंदरता और बुद्धिमत्ता के चर्चे दूर-दूर तक थे। मूमल की सुंदरता के कारण उन्हें 'मरुधरा की मोनालिसा' भी कहा जाता है। उनकी आँखें हिरणी की तरह चंचल थीं। लोद्रवा का किला, जहाँ मूमल रहती थीं, आज भी दोनों के प्रेम का प्रतीक बना हुआ है।

महेंद्र उमरकोट के राणा थे

महेंद्र उमरकोट (पाकिस्तान) के राणा थे। वे अपनी बहादुरी और साहसिक कारनामों के लिए जाने जाते थे। एक लोककथा के अनुसार, जब महेंद्र ने मूमल की सुंदरता के बारे में सुना, तो वह उनसे मिलने के लिए बहुत बेचैन हो गए। वह उमरकोट के दुर्गम रास्तों और रेगिस्तान की चुनौतियों का सामना करते हुए मूमल के दर्शन करने लोद्रवा पहुँचे। जहाँ मूमल महल की मेड़ी (छत पर बने कमरे) में रहती थी।

महेंद्र ऊँट पर सवार होकर मूमल से मिलने आता था

मूमल और महेंद्र की पहली मुलाकात प्रेम में बदल गई। धीरे-धीरे उनका प्रेम परवान चढ़ने लगा। महेंद्र अक्सर ऊँट पर सवार होकर मूमल से मिलने 100 कोस की दूरी तय करके लोद्रवा आता था। बदले में मूमल भी मेड़ी पर बैठकर उसका इंतज़ार करती थी। जिस मेड़ी पर मूमल महेंद्र का इंतज़ार करती थी, वह आज भी लोद्रवा में मौजूद है। राजा महेंद्र पहले से ही विवाहित थे और उनकी सात रानियाँ थीं।

सातों पत्नियों ने राजा को रोकने की साजिश रची थी

कुछ दिनों बाद जब राजा की सात पत्नियों को यह बात पता चली, तो उन्होंने राजा महेंद्र को रोकने की साजिश रची। उन्होंने उन सभी रास्तों पर पहरे लगा दिए जहाँ से मूमल राजा से मिलती थी। लेकिन राजा खुद को सच्चे प्यार से रोक नहीं पाए। वह राजकुमारी से मिलने गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, राजकुमारी उसका इंतज़ार करते-करते सो गई।

प्रेम कहानी में एक भयानक मोड़

एक दिन मूमल की बहन सुमल उसके साथ खेलते-खेलते सो गई। उस दिन सुमल ने पुरुषों के कपड़े पहने हुए थे। जब राजा उससे मिलने वहाँ पहुँचा और देखा कि मूमल किसी पुरुष के साथ है, तो वह लौट गया। इस दौरान उसका कोड़ा टूटकर वहीं गिर गया। राजा को लगा कि मूमल उसे धोखा दे रही है। अगली सुबह जब मूमल उठी, तो उसने कोड़ा देखा और समझ गई कि राजा उससे मिले बिना ही लौट गया है।

सेविका के ज़रिए भेजा संदेश
मूमल के विश्वासघात के बारे में सोचकर राजा बहुत देर तक राजकुमारी के पास नहीं गया। दूसरी ओर, राजकुमारी किसी भी कीमत पर राजा को सच्चाई बताना चाहती थी। इसके लिए उसने कई पत्र भी भेजे, लेकिन उसकी रानियों ने उन्हें फाड़ दिया। ऐसे में राजकुमारी ने एक सेवक के ज़रिए एक गीत के ज़रिए अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं, जिसे जानकर राजा को पछतावा हुआ।

प्रेमिका आँखें फाड़े अपने प्रेमी का इंतज़ार कर रही है

इसके बाद राजकुमारी ने फिर राजा को संदेश भेजा कि वह अमरकोट आ रही है। उसी समय, जब महेंद्र को यह बात पता चली, तो उसने संदेश भिजवाया कि मूमल को यहाँ आने की ज़रूरत नहीं है, वह स्वयं उससे मिलने आ रहा है। राजकुमारी मूमल यह सुनकर बहुत खुश हुई और राजा महेंद्र की प्रतीक्षा करती रही।

प्रेमकथा का दुखद अंत

उसी समय राजा ने सोचा कि क्यों न मूमल के प्रेम की परीक्षा ली जाए? तभी राजा लोद्रवा पहुँचे और संदेश भिजवाया कि उसे साँप ने काट लिया है जिससे उसकी मृत्यु हो गई। यह संदेश सुनकर राजकुमारी वहीं गिर पड़ी। और कई बार महेंद्र-महेंद्र पुकारने के बाद उसने प्राण त्याग दिए।उधर, जब यह समाचार राजा तक पहुँचा, तो उसे अपने मज़ाक पर पछतावा हुआ। राजकुमारी मूमल के वियोग में उसने अपने प्राण त्याग दिए, इस प्रकार इस अनोखी प्रेमकथा का बहुत दुखद अंत हुआ।

Share this story

Tags