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कामयाबी के मायने हर किसी के लिए अलग होते हैं! लेकिन शॉर्टकट कभी नहीं होता उसका रास्ता, वीडियो में जानिए क्यों ?

कामयाबी के मायने हर किसी के लिए अलग होते हैं! लेकिन शॉर्टकट कभी नहीं होता उसका रास्ता, वीडियो में जानिए क्यों ?

मुझे जीवन में कई सफल लोगों से मिलने और काम करने का मौका मिला। मैंने सफल लोगों की किताबें पढ़ीं। उन सभी से मैंने यही सीखा कि जीवन में सफलता के लिए एक दीर्घकालिक योजना होनी चाहिए। संभव है कि हर किसी की सफलता की परिभाषा अलग-अलग हो। एक गरीब आदमी के लिए दो वक्त की रोटी ही सफलता है। मेरी नज़र में टाटा, बिड़ला, रिलायंस, मदर टेरेसा, कैलाश विद्यार्थी सभी सफल लोग हैं। मेरी सफलता की परिभाषा यह है कि आप जीवन में कितने लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला सकते हैं।


जीवन का लक्ष्य
पहले की तरह आज भी अगर आप जीवन में कुछ हासिल करना चाहते हैं, तो उसका कोई शॉर्टकट नहीं है। उसके लिए आपको पूरी लगन के साथ अथक परिश्रम करना होगा और वह भी लगातार और लंबे समय तक। अब अगर आप उदाहरण के लिए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन के बारे में जानेंगे, तो आपको पता चलेगा कि वे कितने गरीब परिवार से थे और उन्होंने कितनी दूर तक पहुँच बनाई। बचपन में उन्होंने अखबार/पत्रिकाएँ बेचकर अपनी पढ़ाई पूरी की। इसरो में निदेशक के तौर पर उन्होंने देश के लिए अतुलनीय योगदान दिया। उसके बाद उन्होंने देश के राष्ट्रपति बनकर देश का नाम रोशन किया। 

अगर आप उनके जीवन का सार या उद्देश्य जानने की कोशिश करेंगे तो आपको पता चलेगा कि अगर कोई उनसे मिलता था तो कलाम साहब का एकमात्र उद्देश्य उसके लिए कुछ अच्छा करना होता था और वह जिस व्यक्ति से मिलते थे वह उनका असिस्टेंट या चाय परोसने वाला कोई ऑफिस बॉय या किसी देश का प्रधानमंत्री हो सकता था। उनका एक ही उद्देश्य था और वह इसमें पूरी तरह सफल भी रहे। इसी तरह का एक और उदाहरण जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी का लिया जा सकता है जो एक बहुत बड़ी अमेरिकी मल्टीनेशनल कंपनी है। इसकी सफलता के पीछे एक शख्स का हाथ था और वह नाम है जैक वेल्श। 

अब अगर आप जैक वेल्श के जीवन के बारे में पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा कि उनका जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। अपने स्कूली दिनों में वह स्कूल से आने के बाद पास के गोल्फ कोर्स में काम करते थे। स्कूल की छुट्टियों में वह सड़क किनारे जूते-चप्पल आदि बेचा करते थे। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने GE कंपनी में बतौर ट्रेनी अपना करियर शुरू किया और 14 साल बाद वह कंपनी के CEO के पद पर पहुंच गए। सीईओ बनने के बाद उन्होंने एक बदलाव किया कि मेरे पास कोई शॉर्ट टर्म प्लान मत लेकर आओ, लॉन्ग टर्म प्लान ही लेकर आओ। उनके इस फैसले ने कंपनी को बदल कर रख दिया। अगर आप अपने आस-पास देखेंगे तो आपको और भी कई उदाहरण मिल जाएंगे।

विश्वास के साथ कड़ी मेहनत
जीवन में सफलता के लिए हम सभी को भी लॉन्ग टर्म सोचना चाहिए और छोटी-छोटी असफलताओं से घबराए बिना आगे बढ़ने की कोशिश करते रहना चाहिए। आज कोरोना की वजह से हम सभी किसी न किसी परेशानी से जूझ रहे हैं। ऐसे में अगर हम निराश न हों और अपने लक्ष्य को पाने के लिए कोशिश करते रहें तो हमें सफलता जरूर मिलेगी। चाहे हम पढ़ाई कर रहे हों, नौकरी कर रहे हों या फिर अपना कोई काम कर रहे हों, अगर हम पूरे विश्वास के साथ मेहनत करते रहेंगे तो हमें सफलता जरूर मिलेगी।

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