महिलाएं कृपया ध्यान दें! मां बनने की कर रही हैं प्लानिंग? तो आज ही छोड़ दें ये आदतें

सुनो दोस्त! क्या आपको पता है कि अगर आपको गर्भधारण करने में परेशानी हो रही है...लंबे समय तक कोशिश करने के बाद भी मां नहीं बन पा रही हैं...क्या आपको अपने पीरियड्स और ओवुलेशन डेज को ट्रैक करने के बाद भी प्रेग्नेंट होने में दिक्कत हो रही है...अगर ऐसा है, तो इसके लिए आपकी कुछ आदतें जिम्मेदार हो सकती हैं। प्रेग्नेंट होने के लिए खान-पान और लाइफस्टाइल से जुड़ी हेल्दी आदतें अपनाना जरूरी है। वहीं, अगर आपका खान-पान सही नहीं है और लाइफस्टाइल भी अनहेल्दी है, तो इसका सीधा असर आपकी फर्टिलिटी और एग क्वालिटी पर पड़ता है। इन आदतों को बदलने से आपके लिए मां बनना आसान हो जाएगा। इस बारे में जानकारी दे रही हैं डायटीशियन मनप्रीत। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन में मास्टर्स किया है। वे हॉरमोन और गट हेल्थ कोच हैं।
आज ही छोड़ दें ये आदतें जो आपकी फर्टिलिटी को नुकसान पहुंचा रही हैं
अगर आप अपनी डाइट में कम मात्रा में प्रोटीन ले रहे हैं, तो इसका असर आपकी फर्टिलिटी पर भी पड़ता है। इसकी वजह से इंसुलिन सेंसिटिविटी प्रभावित होती है और एग और स्पर्म दोनों की क्वालिटी प्रभावित होती है। फर्टिलिटी को बेहतर बनाने के लिए पुरुष और महिला दोनों को प्रोटीन युक्त डाइट लेनी चाहिए।
ज्यादा प्रोसेस्ड फूड खाने से भी फर्टिलिटी पर असर पड़ता है। इसमें ट्रांस फैट और शुगर की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में सूजन बढ़ा सकता है।
अगर आप सोने से पहले बहुत ज़्यादा फ़ोन का इस्तेमाल करते हैं, तो इसकी वजह से शरीर में हैप्पी हॉरमोन मेलोटोनिन कम होने लगता है और इसकी वजह से मासिक धर्म चक्र प्रभावित होता है।
लंबे समय तक बैठे रहना, योग और व्यायाम न करना भी आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है। इससे शरीर में हॉरमोन असंतुलन होता है और ओवुलेशन प्रभावित होता है।
शारीरिक गतिविधि की कमी एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हॉरमोन के स्तर को प्रभावित करती है, जिससे गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है।
अगर आप लंबे समय से तनाव में हैं, तो इससे भी गर्भधारण करने में दिक्कत हो सकती है। इसकी वजह से अंडे की गुणवत्ता खराब हो सकती है और पीरियड्स भी अनियमित हो सकते हैं।
भावनात्मक खाने से शरीर में एंड्रोजन और एस्ट्रोजेन प्रभावित होते हैं और इसकी वजह से महिलाओं का गर्भवती होना मुश्किल हो जाता है।
अगर आप प्लास्टिक के कंटेनर में खाना खा रहे हैं या स्टोर कर रहे हैं, तो उनमें मौजूद केमिकल एंडोक्राइन सिस्टम को भी बाधित कर सकते हैं और गर्भधारण करना मुश्किल बना सकते हैं।
अगर आपने अपनी व्यस्त जिंदगी में रेडी-टू-ईट मील को अपना दोस्त बना लिया है, तो यह आपकी प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है। इनमें सोडियम, प्रिजर्वेटिव और अस्वास्थ्यकर वसा होती है, जो शरीर में तनाव बढ़ा सकती है। अत्यधिक कैफीन का सेवन शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को भी प्रभावित करता है और प्रजनन अंगों में रक्त के प्रवाह को कम कर सकता है।