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अगर दफ्तर में बॉस से हो जाए मनमुटाव तो इन तरीकों से करें दूर 

अगर दफ्तर में बॉस से हो जाए मनमुटाव तो इन तरीकों से करें दूर 

लाइफस्टाइल न्यूज़ डेस्क,वैचारिक मतभेद या बेहतर करने और अनुमान लगाने की इच्छा के कारण अक्सर कार्यालय के सहयोगियों के बीच दूरी होती है। दिन का ज्यादातर समय ऑफिस में बीतता है। उनमें से कई सहकर्मियों के बीच दोस्ती और आपसी समझ का रिश्ता विकसित करते हैं। वहीं, इनमें से कई साथी ऐसे भी होते हैं, जिनसे मनमुटाव हो सकता हैउनके साथ ऑफिस में साथ काम करना, किसी बात पर चर्चा करना मुश्किल होता है। कई बार आप दोनों के बीच लड़ाई का फायदा दूसरे सहकर्मी भी उठा लेते हैं और दूरियां बढ़ जाती हैं। इससे नकारात्मकता बढ़ती है और व्यावसायिक संबंध भी प्रभावित होते हैं।

अगर आपका भी ऑफिस के किसी सहकर्मी से वैचारिक मतभेद है या किसी कारण से आप दोनों के बीच विवाद हो गया था तो कोशिश करें कि दूरी को बढ़ने न दें। कुछ गलतियों से बचें ताकि दो पदाधिकारियों के बीच की लड़ाई से नकारात्मकता न फैले। यहां आपको कुछ ऐसी गलतियों से बचने की सलाह दी जा रही है जो आपको किसी सहकर्मी से विवाद के बाद कभी नहीं करनी चाहिए।किसी सहकर्मी से विवाद की स्थिति में स्वयं ही निपटें। हर बात की बॉस से शिकायत न करें। काम से मनमुटाव है तो मिलकर समाधान निकालें। यदि यह संभव न हो तो किसी वरिष्ठ की मदद ली जा सकती है, लेकिन दोनों साथियों को मिलकर निर्णय लेना चाहिए। अपने साथी के बारे में विशेष रूप से शिकायत करने से बचें। इससे आप दोनों का रिश्ता और भी गंभीर हो जाता है और वह शिकायत भी करने लगता है।

अगर काम को लेकर आपके सहकर्मी के साथ तनाव बढ़ता है, तो उससे सीधे बात करें। सहकर्मी को बताएं कि आप किस बात से असहमत हैं। यह पता लगाने की कोशिश करें कि आपके सहकर्मी के साथ क्या समस्या है, ताकि आप दोनों मिलकर समस्या को कम कर सकें।किसी भी विवाद की सबसे बड़ी वजह होती है दो लोगों के बीच किसी तीसरे शख्स की एंट्री। जब किसी सहकर्मी से विवाद होता है, तो आप दूसरे सहयोगी से बहस करते हैं। वह तीसरा व्यक्ति आपका सहयोगी भी है और साथी भी। इससे ऑफिस गॉसिप बढ़ती है और विवाद कम होने के बजाय बढ़ने लगता है। कई बार साथी का तीसरा साथी भी आपके विवाद का फायदा उठाने की कोशिश कर सकता है।सहकर्मी से दूरी होने पर भी पेशेवर मुद्रा बनाए रखें। जरूरत पड़ने पर किसी सहकर्मी की मदद अवश्य करें। अपनी नाराजगी और गुस्से में नैतिकता को न भूलें। गलत स्पेलिंग, क्रोधित व्यक्तिगत टिप्पणियों से बचना याद रखें।

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