क्या किसी ओर का झगड़ा देख आपके दिमाग में भी चलती है पारिवारिक कलह? तो अभी जानें इससे निपटने के तरीके

परिवारों में झगड़े और असहमति का अनुभव होना बिल्कुल सामान्य है। हर परिवार में झगड़े होते हैं। क्योंकि घर के अलग-अलग सदस्यों की कई बातों पर अलग-अलग राय हो सकती है। जिससे तनाव और बहस हो सकती है। हालाँकि, कुछ घरों में आपस में काफ़ी लड़ाई-झगड़ा, मनमुटाव और चीख-पुकार कई तरह की समस्याओं का संकेत हो सकती है। दरअसल, जब परिवार के बीच खराब संवाद, अनसुलझे संघर्ष या भावनात्मक समस्याएँ होती हैं, तो यह घर में लड़ाई-झगड़े का कारण हो सकता है।
क्या बार-बार लड़ाई-झगड़े देखकर मन अशांत हो जाता है?
घर के लोगों के बीच खराब संवाद, एक अजीब सी खाई, भावनात्मक समस्याएँ, अगर लोगों के बीच सही संवाद न हो, तो मन बहुत अशांत हो सकता है। आप भी अपने परिवार में इस तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं। इसलिए आपको सबसे पहले अपने परिवार के सदस्यों के साथ बैठकर बात करनी चाहिए। क्योंकि हम आपस में किसी भी समस्या को बातचीत से ही सुलझा सकते हैं।
माता-पिता का हमेशा सम्मान किया जाता है
मैं उस भारतीय समाज से हूँ जो माता-पिता द्वारा अपने बच्चों के लिए किए गए अच्छे कामों और त्याग की सराहना करता है। माता-पिता का हमेशा सम्मान किया जाता है। इसलिए उनके खिलाफ कुछ भी करना या कहना बुरा माना जाता है या आपको कम नैतिक मूल्यों वाला व्यक्ति माना जाता है। इतना कहने के बाद, मैं यह स्वीकार करना चाहता हूँ कि मैं अपने माता-पिता से नफरत करता हूँ। मेरे दिल में उनके लिए सिर्फ़ नफ़रत है। वे इतने ज़हरीले हैं कि आपके अंदर का जीवन नशे में मर जाएगा। मैंने जीवन में कुछ भी करने की सारी प्रेरणा और इच्छाशक्ति खो दी है। लड़ाई न केवल लड़ने वाले लोगों को बल्कि उनके आस-पास के लोगों को भी प्रभावित करती है।
बार-बार पारिवारिक झगड़ों के कई कारण हो सकते हैं, जैसे संवाद की कमी, आर्थिक तनाव या व्यक्तिगत मतभेद, लेकिन खुलकर बात करना, एक-दूसरे को सुनना और समझना और समाधान खोजने के लिए मिलकर काम करना ज़रूरी है।
सबसे पहले हमें यह समझने की ज़रूरत है कि परिवार में झगड़े क्यों होते हैं? दरअसल, जिस परिवार में बातचीत की कमी, पैसे की कमी, असहमति, खुलकर बात न करना, एक-दूसरे की बिल्कुल न सुनना और समझने के लिए तैयार न होना कई समस्याओं को बढ़ा सकता है।
परिवार में बार-बार झगड़े होने के कारण
बातचीत की कमी: जब परिवार के सदस्य एक-दूसरे से खुलकर बात नहीं करते। वे एक-दूसरे की बात नहीं सुनते। और अगर आप अपनी बात सही तरीके से नहीं कहते हैं, तो आपके बीच बातचीत की कमी होती है। जिसकी वजह से परिवार में अक्सर झगड़े होते रहते हैं। परिवार के सदस्यों के बीच प्रभावी ढंग से संवाद न करना, एक-दूसरे की बात न सुनना या अपनी बात सही तरीके से न कहना।
पैसों की कमी: पैसों की कमी, तंगी, अत्यधिक खर्च, नौकरी की असुरक्षा, वित्तीय समस्याओं समेत कई मुद्दों की वजह से परिवार में बहस और झगड़े हो सकते हैं।
व्यक्तिगत मतभेद: विचारों, मूल्यों और व्यवहार में अंतर की वजह से भी परिवार में मतभेद और झगड़े हो सकते हैं। एक-दूसरे से गलत उम्मीदें रखने या गलतफहमियां होने की वजह से भी परिवार के सदस्य झगड़ सकते हैं।
समय की कमी: परिवार के सदस्यों के पास एक-दूसरे के लिए पर्याप्त समय न होना, जिससे रिश्ता कमज़ोर होता है और छोटी-छोटी बातों पर भी झगड़े होने लगते हैं।
घर में होने वाले झगड़ों से ऐसे निपटें
जब भी आपको लगे कि घर में कुछ गलत हो रहा है, तो लड़ने की बजाय एक-दूसरे से बात करें। एक-दूसरे की बात ध्यान से सुनें। और बात को समझने की कोशिश करें।
झगड़ों को बढ़ाने की बजाय उन्हें सुलझाने की कोशिश करें। इससे एक-दूसरे के साथ आपके रिश्ते अच्छे और लचीले बने रहेंगे। काम के बाद अगर समय मिले तो परिवार के साथ समय बिताएं। ताकि रिश्ता मजबूत बना रहे। और एक दूसरे को बेहतर तरीके से समझें। अगर परिवार में झगड़े होते हैं। तो कोशिश करें कि परिवार में एक दूसरे के बीच खास बातचीत हो। ऐसी स्थिति में शांत और धैर्य रखें। खुले दिमाग से: परिवार के सदस्यों के बीच खुले और ईमानदार संवाद को प्रोत्साहित करें, ताकि वे अपनी भावनाओं और विचारों को व्यक्त कर सकें।