पीरियड्स से जुड़ी इन अफवाहों पर भूलकर भी ना करें विश्वास, जानिये क्या हैं धारणाएं

पीरियड्स हर महीने महिलाओं में होने वाली एक सामान्य जैविक प्रक्रिया है। लेकिन, इससे जुड़े कई ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब आज भी महिलाओं को या तो नहीं पता या फिर उन्हें गलत जवाब पता हैं। इसके अलावा कई ऐसे मिथक हैं, जिन पर महिलाएं यकीन करती हैं। दरअसल, ऐसा आज भी इस बारे में खुलकर बात करने से हिचकिचाहट के कारण है। इससे कोई नुकसान नहीं होगा। इन दिनों में आपको ठंडा और खट्टा दही खाने से बचना चाहिए। इससे शरीर में कफ और वात का असंतुलन होता है। पीरियड्स के दिनों में व्रत रखने से भोजन छोड़ने से बचना चाहिए।
इन दिनों आपका शरीर खुद को डिटॉक्स करने की प्रक्रिया में होता है। ऐसे में आपको हल्का खाना और गर्म खाना खाना चाहिए। इससे शरीर को पोषण मिलता है। पीरियड्स के खून में गहरे रंग का खून या थक्के बनना अक्सर महिलाओं को कुछ गड़बड़ होने का संकेत लगता है। लेकिन, ऐसा नहीं होता है। यह शरीर में विषाक्त पदार्थों के बढ़ने या वात और कफ के असंतुलन के कारण हो सकता है। यह हमेशा खतरे का संकेत नहीं होता है। हालांकि, अगर आपको अक्सर ऐसा अनुभव हो रहा है और इन दिनों में तेज दर्द भी हो रहा है, तो खान-पान और जीवनशैली में बदलाव करें और डॉक्टर से सलाह लें।
पीरियड्स के दर्द को अक्सर महिलाएं सामान्य मानती हैं और उन्हें लगता है कि इसे ठीक नहीं किया जा सकता। लेकिन, आयुर्वेद के अनुसार, सही खान-पान और जीवनशैली के जरिए इसे कम किया जा सकता है। आहार में दशमूल और अशोक जैसी जड़ी-बूटियां शामिल करें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। इन दिनों अगर आप दर्द की वजह से हर महीने पेनकिलर लेते हैं तो यह सही नहीं है। इससे दर्द कुछ समय के लिए ही रुकता है लेकिन कारण बना रहता है। पेनकिलर का लंबे समय तक इस्तेमाल लिवर की सेहत पर भी असर डाल सकता है।