
यूटिलिटी न्यूज़ डेस्क !!! कई ऐसे मामले भी देखे गए हैं जिनमें पाया गया है कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर भी फर्जी तरीके से लोन देने का काम कर रहे हैं. इसलिए आरबीआई इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है.
देश में डिजिटल क्रांति के दौरान ऐसे कई बदलाव हुए हैं। इन बदलावों से लोगों को फायदा तो हुआ है, लेकिन काफी नुकसान भी उठाना पड़ा है। खासकर जब बात कर्ज की आती है तो बैंकों से कर्ज लेना एक बुरा विचार माना जाता था। अब खबर ये है कि मार्केट में हर दूसरे दिन एक नया ऐप आ जाता है. जो दावा करते हैं कि चंद सेकेंड में खाते में पैसे आ जाएंगे। दरअसल, बाजार में फर्जी लोन ऐप्स की बाढ़ आ गई है।
ये ऐप्स आपको मिनटों में लोन देने के नाम पर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं. अब ये ऐप्स नहीं रहेंगे. क्योंकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक नया सिस्टम तैयार करने जा रहा है. जिसके बाद फर्जी लोन ऐप्स जनता के साथ खिलवाड़ करने के बारे में सोचेंगे भी नहीं. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा प्लान
RBI एक नया सिस्टम तैयार कर रहा है
भारतीय रिजर्व बैंक इन ऐप्स से निपटने के लिए एक सिस्टम बना रहा है। इसके तहत जो ऐप्स बैंकिंग नियामक प्रणाली से नहीं जुड़े होंगे उन्हें निष्क्रिय कर दिया जाएगा। इसका मतलब यह है कि अब इन ऐप्स को बैंकिंग नियमों के दायरे में ही लोगों को कर्ज देना होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरबीआई ने हाल ही में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से अपने ऐप्स की सूची साझा करने को कहा है। माना जा रहा है कि आरबीआई नई व्यवस्था को लागू करने पर तेजी से काम शुरू करेगा। सूत्रों के मुताबिक आरबीआई ने नॉन-बैंकिंग ऐप्स की लिस्ट की ये डिटेल वित्त मंत्रालय के साथ साझा की थी.
कंपनियों पर हुई कार्रवाई
आरबीआई द्वारा वित्त मंत्रालय के साथ सूची साझा करने के बाद कुछ फर्जी ऋण वितरण कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। लेकिन हाल के दिनों में कुछ चीनी ऐप्स के मामले सामने आए हैं. ये ऐप्स फर्जी तरीके से लोन देने के नाम पर लोगों को बरगला रहे हैं. अगर आरबीआई नई व्यवस्था लागू करता है तो इन ऐप्स की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। दरअसल, ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें पाया गया है कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर भी फर्जी तरीके से लोन दे रहे हैं. इसलिए आरबीआई इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है.