अगर आप सरकारी नौकरी करते हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि 1 अप्रैल 2025 से केंद्र सरकार की नई पेंशन स्कीम – यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू हो चुकी है। लंबे समय से सरकारी कर्मचारी गारंटीड पेंशन की मांग कर रहे थे, और इसी के जवाब में सरकार ने यह नई स्कीम पेश की है।
तो चलिए जानते हैं कि UPS क्या है, किन्हें इसका फायदा मिलेगा, और क्या शर्तें पूरी करनी होंगी।
✅ क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS)?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम एक फंड-बेस्ड गारंटीड पेंशन स्कीम है जिसे केंद्र सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के अंतर्गत लॉन्च किया है। UPS का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा और स्थायीत्व देना है ताकि रिटायरमेंट के बाद उन्हें निश्चित आय मिलती रहे।
इस स्कीम के अंतर्गत:
-
गारंटीड मंथली पेंशन दी जाएगी।
-
फैमिली पेंशन का भी प्रावधान है।
-
न्यूनतम पेंशन की सीमा भी तय की गई है।
💼 गारंटीड पेंशन कैसे मिलेगी? क्या हैं शर्तें?
UPS के तहत गारंटीड पेंशन पाने के लिए कुछ अहम शर्तें तय की गई हैं:
-
कर्मचारी को अपनी अंतिम बेसिक सैलरी और डीए (महंगाई भत्ता) का 10% योगदान करना होगा।
-
सरकार भी इसमें समान योगदान करेगी।
-
इस फंड से रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि और हर महीने कम से कम ₹10,000 की पेंशन मिलेगी।
-
यदि कर्मचारी 25 साल की सेवा के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेता है, तो उसे पेंशन तभी मिलेगी जब वह नॉर्मल रिटायरमेंट ऐज तक पहुंचेगा।
-
रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को एक लम्पसम अमाउंट भी मिलेगा।
👨👩👧👦 फैमिली पेंशन का भी प्रावधान
अगर किसी कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उनके पति/पत्नी को फैमिली पेंशन दी जाएगी।
-
फैमिली पेंशन, मूल पेंशन का 60% होगी।
-
उदाहरण के लिए, अगर कर्मचारी को ₹10,000 मासिक पेंशन मिल रही थी, तो मृत्यु के बाद परिवार को ₹6,000 प्रति माह पेंशन दी जाएगी।
❌ किन्हें नहीं मिलेगा UPS का लाभ?
हर सरकारी कर्मचारी को इस स्कीम का फायदा नहीं मिलेगा। कुछ शर्तों के आधार पर व्यक्ति UPS के लिए अयोग्य माना जाएगा:
-
अगर कर्मचारी की सेवा 10 साल से कम की है, तो वह UPS के तहत पेंशन पाने का हकदार नहीं होगा।
-
यदि किसी को सेवा से बर्खास्त किया गया है, तो भी UPS का लाभ नहीं मिलेगा।
-
स्वेच्छा से नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारी भी UPS के दायरे में नहीं आएंगे।
🔁 एक बार UPS में स्विच किया, फिर वापसी नहीं
अगर कोई कर्मचारी NPS से UPS में स्विच करता है, तो वह भविष्य में फिर से NPS में नहीं लौट सकता। यह एक वन टाइम ऑप्शन है।
इसलिए स्विच करने से पहले सभी शर्तों, लाभ और जरूरतों को समझकर ही फैसला लेना बेहद जरूरी है।
📈 UPS बनाम NPS: कौन बेहतर?
पहलू | NPS | UPS |
---|---|---|
पेंशन | रिटर्न आधारित, गारंटीड नहीं | ₹10,000 न्यूनतम गारंटीड पेंशन |
रिटर्न | मार्केट पर आधारित | निश्चित पेंशन |
सरकार का योगदान | 10% | 10% |
लचीलापन | ज्यादा | कम |
फैमिली पेंशन | सीमित | 60% गारंटीड |
UPS उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो पेंशन में स्थायीत्व चाहते हैं, जबकि NPS अधिक रिटर्न की संभावना देता है लेकिन जोखिम के साथ।
📝 निष्कर्ष:
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS), केंद्र सरकार का एक बड़ा कदम है जिससे लाखों सरकारी कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा का भरोसा मिलेगा। यह स्कीम उन लोगों के लिए आदर्श है जो निश्चित और गारंटीड पेंशन चाहते हैं, विशेषकर रिटायरमेंट के बाद के जीवन के लिए।
हालांकि यह जरूरी है कि कर्मचारी इस स्कीम में शामिल होने से पहले इसके सभी नियमों और शर्तों को अच्छी तरह समझ लें, क्योंकि एक बार इसमें शामिल हो गए तो वापसी का रास्ता नहीं है।
अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं और आपने UPS में माइग्रेट नहीं किया है, तो जल्द ही अपने विभाग या NPS CRA पोर्टल पर जाकर इसकी प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। यह फैसला आपके भविष्य की आर्थिक सुरक्षा तय कर सकता है।