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छोड़ भागे नीम करोली बाबा तो पिता को पड़ोसियों ने दी थी ये गजब की सलाह

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नीम करोली बाबा भारत के उन महान संतों में से एक हैं जिन्हें आज भी श्रद्धा, भक्ति और प्रेम के साथ याद किया जाता है। इन्हें हनुमान जी का अवतार माना जाता है, और उनकी शिक्षाएं आज भी लाखों लोगों के जीवन में उजियारा भर रही हैं। भले ही वे अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके विचार और चमत्कार लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं।

नीम करोली बाबा का जीवन परिचय

नीम करोली बाबा का असली नाम लक्ष्मण नारायण शर्मा था। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के अकबरपुर गांव के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा तो उन्होंने ग्रहण की, लेकिन उन्होंने लंबी पढ़ाई नहीं की। कहा जाता है कि महज 17 वर्ष की आयु में ही नीम करोली बाबा ने दिव्य ज्ञान प्राप्त कर लिया था और आध्यात्म की ओर अग्रसर हो गए थे। उनकी आध्यात्मिक यात्रा के दौरान उन्होंने कठोर तपस्या की और अंततः उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित कैंची धाम पहुंचे, जिसे आज नीम करोली बाबा का आश्रम माना जाता है। यह स्थान उनके भक्तों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल है, जहां देश-विदेश से लोग बाबा के दर्शन और आशीर्वाद के लिए आते हैं।

आध्यात्मिक जीवन और तपस्या

नीम करोली बाबा का अध्यात्म के प्रति लगाव इतना गहरा था कि उन्होंने घर और सांसारिक जीवन छोड़कर तपस्या का मार्ग चुना। हालांकि, उन्होंने अपने परिवार के प्रति भी जिम्मेदारी निभाई और समय-समय पर अपने परिवार के पास लौटते रहे। एक लोकप्रिय कथा के अनुसार, जब नीम करोली बाबा ने घर छोड़ दिया था, तब उनके पिता को पड़ोसियों ने सलाह दी थी कि उनका विवाह करवा दिया जाए। लेकिन इसके बाद भी बाबा के मन में सांसारिक बंधनों को लेकर कोई लगाव नहीं था। उनकी भक्ति और आध्यात्मिक साधना ने उन्हें सांसारिक जीवन से ऊपर उठने में मदद की।

हनुमान जी के अवतार के रूप में नीम करोली बाबा

नीम करोली बाबा को हनुमान जी का अवतार माना जाता है। भक्तों का मानना है कि उनकी शिक्षाएं और मार्गदर्शन हनुमान जी की भक्ति और शक्ति का परिचायक है। बाबा के जीवन में अनेक चमत्कारों की कहानियां प्रचलित हैं, जो उनकी दिव्यता और आध्यात्मिक उन्नति का प्रमाण हैं। कैंची धाम आश्रम, नैनीताल, बाबा के भक्तों के लिए एक आस्था का केंद्र बन चुका है। यहां रोजाना हजारों श्रद्धालु आते हैं और बाबा की स्मृति में पूजा-अर्चना करते हैं। यह स्थान आध्यात्मिक शांति और ऊर्जा का स्रोत माना जाता है।

नीम करोली बाबा की शिक्षाएं

नीम करोली बाबा ने अपने शिष्यों और भक्तों को सरल जीवन, भक्ति, सेवा और प्रेम का महत्व समझाया। उनका मानना था कि भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण और श्रद्धा से ही मनुष्य जीवन सफल होता है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक उन्नति के लिए मन की शुद्धि आवश्यक है और ईश्वर की भक्ति से हर कठिनाई का समाधान संभव है।

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