नीम करोली बाबा को यूं ही नहीं कहा जाता हनुमानजी का अवतार, ये रहे उनके 3 बड़े चमत्कार

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंची धाम आश्रम केवल एक तीर्थ स्थल नहीं है, बल्कि यह आस्था, चमत्कार और भक्ति का जीवंत प्रतीक बन चुका है। यहां विराजमान हैं नीम करोली बाबा, जिनके चमत्कारों की चर्चा भारत ही नहीं, विदेशों तक होती है। उनके भक्तों का विश्वास है कि बाबा हनुमानजी के अवतार हैं और जो भी उनके चरणों में सच्चे मन से आता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
कैंची धाम: चमत्कारों की धरती
हर साल 15 जून को बाबा की पुण्यतिथि पर देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु यहां जुटते हैं। कैंची धाम में बाबा के मंदिर के साथ-साथ हनुमानजी की पूजा भी की जाती है। कई श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों का मानना है कि बाबा खुद हनुमानजी का रूप थे, और उन्होंने अपने जीवन में ऐसे अनेक चमत्कार दिखाए, जो विज्ञान और तर्क से परे हैं।
1. चिमटा गाड़ते ही थम गई ट्रेन
नीम करोली बाबा के सबसे चर्चित चमत्कारों में से एक है जब उन्होंने ट्रेन को रोक दिया था। यह घटना ब्रिटिश काल की बताई जाती है, जब बाबा बिना टिकट यात्रा कर रहे थे और एक रेलवे कर्मचारी ने उन्हें ट्रेन से नीचे उतार दिया। बाबा पास के नीम करोली स्टेशन पर चुपचाप बैठ गए और अपना चिमटा जमीन में गाड़ दिया। इसके बाद जो हुआ, उसने सभी को हैरान कर दिया — ट्रेन आगे नहीं बढ़ी। इंजन में कोई खराबी नहीं थी, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी ट्रेन नहीं चली। स्थानीय अधिकारियों ने बाबा से माफी मांगी, और जब बाबा ने चिमटा हटाया और ट्रेन में बैठे, तो ट्रेन तुरंत चल पड़ी। बाबा ने शर्त रखी कि वहां एक स्टेशन बनाया जाए ताकि स्थानीय लोगों को लाभ मिले। तभी से स्टेशन का नाम नीम करोली रेलवे स्टेशन पड़ गया।
2. पानी को घी में बदल दिया
कहा जाता है कि कैंची धाम आश्रम में एक बार भंडारे के आयोजन के दौरान घी की कमी हो गई। बड़ी संख्या में लोग भोजन के लिए आश्रम आए थे, लेकिन रसोई में घी नहीं था। जब यह बात बाबा को बताई गई, तो उन्होंने कहा, "नदी से पानी लाओ और उसी से पकाओ।" भक्तों ने वैसा ही किया — पानी को जब रसोई में डाला गया, तो वह चमत्कारिक रूप से घी में बदल गया। भंडारा न सिर्फ सफल हुआ, बल्कि सभी ने यह अनुभव किया कि बाबा की शक्ति किसी चमत्कार से कम नहीं है।
3. बुलेटप्रूफ कंबल का रहस्य
नीम करोली बाबा का एक और प्रसिद्ध चमत्कार ‘बुलेटप्रूफ कंबल’ के नाम से जाना जाता है। यह घटना फतेहगढ़ की है, जहां बाबा एक बुजुर्ग दंपति के घर ठहरे हुए थे। उस दंपति का बेटा सेना में था और युद्ध के दौरान जापानी सैनिकों से घिर गया था। उसी रात बाबा ने उस घर में एक कंबल ओढ़कर विश्राम किया। आश्चर्यजनक रूप से, उसी रात सेना में तैनात उनका बेटा यह अनुभव करता है कि कोई कंबल उसे गोलियों से बचा रहा है। अगली सुबह उसे सही-सलामत सूचना मिलती है कि वह युद्ध से बच निकला।इस रहस्यमयी अनुभव को अमेरिकी प्रोफेसर और बाबा के शिष्य रिचर्ड एलपर्ट उर्फ रामदास ने अपनी पुस्तक "Miracle of Love" में दर्ज किया है, जहां इसे Bulletproof Blanket नाम दिया गया है।
विश्वभर में फैली बाबा की ख्याति
नीम करोली बाबा केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी पूजनीय हैं। एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स, फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग, हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स, और गूगल के लैरी पेज जैसे दिग्गज नीम करोली बाबा की आध्यात्मिक प्रेरणा से प्रभावित रहे हैं। स्टीव जॉब्स तो कैंची धाम तक आए थे, और जुकरबर्ग ने भी फेसबुक के शुरुआती दिनों में बाबा से प्रेरणा लेने की बात कही थी।
श्रद्धा ही सच्चा चमत्कार है
नीम करोली बाबा के चमत्कार सिर्फ कहानियां नहीं हैं, बल्कि श्रद्धा और भक्ति के अद्भुत अनुभव हैं, जिन्हें आज भी हजारों भक्त अनुभव करते हैं। बाबा ने कभी स्वयं को चमत्कारी नहीं बताया, लेकिन उनके जीवन और वचन स्वयं यह प्रमाणित करते हैं कि ईश्वर का अंश जब मानव रूप में आता है, तो असंभव भी संभव हो जाता है। अगर आपके जीवन में कभी अड़चन हो, मन व्याकुल हो या राह स्पष्ट न दिखे, तो एक बार बाबा नीम करोली का स्मरण अवश्य करें। शायद वही क्षण आपके जीवन की दिशा बदल दे।