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केतु बरपाएंगे कहर, इन 5 राशियों को देंगे सबसे ज्यादा तकलीफ, सेहत और कारोबार में आएंगी भारी समस्याएं

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वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रहों का गोचर जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। इन दिनों छाया ग्रह केतु राशि परिवर्तन के बाद कुछ खास राशियों के लिए चिंता का कारण बन सकते हैं। केतु को रहस्यमय, आध्यात्मिक और भ्रम फैलाने वाला ग्रह माना जाता है। यह जहां एक ओर मोक्ष और आत्मिक उन्नति देता है, वहीं दूसरी ओर भ्रम, मानसिक तनाव, सेहत और व्यवसाय में परेशानियां भी ला सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले समय में केतु का प्रभाव 5 राशियों पर सबसे अधिक देखने को मिलेगा। इन राशियों के जातकों को सावधान रहना चाहिए क्योंकि सेहत, संबंध और कारोबार तीनों ही क्षेत्रों में उथल-पुथल की आशंका है।

1. मेष राशि (Aries):

मेष राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर मानसिक तनाव और पारिवारिक असहमति का कारण बन सकता है। व्यापार में नुकसान, पार्टनरशिप में विवाद और अचानक खर्च बढ़ने की संभावना है। सिरदर्द, आंखों की परेशानी और नींद में बाधा आ सकती है। सलाह है कि कोई भी बड़ा फैसला सोच-समझकर लें और कानूनी मामलों में सतर्कता बरतें।

2. कर्क राशि (Cancer):

कर्क राशि वालों को केतु से स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। पेट, स्किन और हार्मोनल असंतुलन की आशंका है। करियर में रुकावटें आएंगी और मनचाही सफलता नहीं मिलेगी। इस दौरान विरोधी सक्रिय रहेंगे, इसलिए गोपनीय योजनाएं किसी से साझा न करें। नियमित पूजा-पाठ और ध्यान करने से राहत मिल सकती है।

3. कन्या राशि (Virgo):

केतु का प्रभाव कन्या राशि के लोगों को भ्रमित कर सकता है। निर्णय क्षमता कमजोर हो सकती है, जिससे गलत फैसले हो सकते हैं। कार्यस्थल पर तनाव, सहकर्मियों से मनमुटाव और अचानक नौकरी छूटने जैसी घटनाएं हो सकती हैं। पुरानी बीमारियां उभर सकती हैं। संयम और सतर्कता ही इस समय का उपाय है।

4. धनु राशि (Sagittarius):

धनु राशि के जातकों को इस समय मानसिक बेचैनी, अवसाद और आत्मविश्वास की कमी का अनुभव हो सकता है। विदेश यात्रा की योजनाएं विफल हो सकती हैं। कारोबार में धोखा या घाटा संभव है। भाई-बहनों से मतभेद और पारिवारिक कलह की संभावना भी है। पूजा में केतु मंत्रों का जाप लाभकारी रहेगा।

5. कुंभ राशि (Aquarius):

कुंभ राशि वालों के लिए यह समय सेहत के लिहाज से कठिन रहेगा। पैरों, नसों और रक्तचाप से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। नौकरी में अस्थिरता, ट्रांसफर या डिमोशन की आशंका है। कोर्ट-कचहरी के मामले उलझ सकते हैं। केतु की कृपा पाने के लिए सरसों का तेल और काले तिल का दान करना शुभ रहेगा।

क्या करें बचाव के उपाय?

  • हर मंगलवार और शनिवार को केतु बीज मंत्र ("ॐ कें केतवे नमः") का 108 बार जाप करें।

  • चंद्रमा और केतु को शांत रखने के लिए ध्यान और योग को दिनचर्या में शामिल करें।

  • काले तिल, कंबल, लोहा और नारियल का दान करें।

  • साधु-संतों की सेवा करें और अहंकार से दूर रहें।

निष्कर्ष:

केतु का प्रभाव स्थायी नहीं होता, लेकिन यह जीवन में बड़ी उथल-पुथल ला सकता है। अगर आप ऊपर दी गई राशियों में से किसी एक से संबंधित हैं, तो सतर्क हो जाएं और आध्यात्मिक उपायों को अपनाकर आने वाली परेशानियों को कम करें। याद रखें, सावधानी और आस्था से बड़े से बड़ा ग्रहदोष भी टाला जा सकता है।

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