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ITR filing 2025: सीनियर सिटीजंस कैसे करें इनकम टैक्स रिटर्न फाइल, ये है पूरा तरीका

वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले व्यक्ति) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करना थोड़ा अलग होता है क्योंकि उनकी आय के स्रोत, उम्र और छूट की सीमा अलग होती है। ऐसे में सही ITR फॉर्म का चयन करना जरूरी हो जाता है, ताकि वे कानून के अनुसार टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकें और छूट का पूरा लाभ भी उठा सकें।  🧓 वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली आयकर छूट 60 वर्ष या उससे अधिक और 80 वर्ष से कम उम्र वालों को ₹3,00,000 तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता।  80 वर्ष से अधिक उम्र वाले 'अति वरिष्ठ नागरिकों' को ₹5,00,000 तक की आय पर टैक्स में पूरी छूट मिलती है।  सामान्य करदाताओं को यह छूट केवल ₹2,50,000 तक मिलती है।  यह छूट उन्हें एक बेहतर टैक्स प्लानिंग का अवसर देती है।  ❌ क्या रिटर्न फाइल करना जरूरी है? 75 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक विशेष छूट दी गई है। अगर उनकी आय का स्रोत केवल पेंशन और उसी बैंक से मिलने वाला ब्याज है, तो उन्हें ITR फाइल करने की जरूरत नहीं है। हालांकि, इसके लिए उन्हें फॉर्म 12BBA भरकर संबंधित बैंक में घोषणा करनी होती है। इस प्रक्रिया के बाद ही रिटर्न फाइल करने से छूट मिलती है।  📄 वरिष्ठ नागरिकों के लिए ITR फॉर्म का चयन कैसे करें? आईटीआर फॉर्म का चुनाव उनकी कुल आय, आय के स्रोत और अन्य आर्थिक गतिविधियों पर निर्भर करता है। नीचे कुछ प्रमुख फॉर्म की जानकारी दी गई है:  ✅ ITR-1 (सहज फॉर्म) जिनकी आय सैलरी, पेंशन, एक घर से किराया, या अन्य स्रोतों (जैसे बैंक ब्याज) से है।  कुल आय ₹50 लाख से कम होनी चाहिए।  विदेश में कोई संपत्ति या आय नहीं होनी चाहिए।  कंपनी में निदेशक नहीं होना चाहिए।  नोट: यदि कोई वरिष्ठ नागरिक उपरोक्त शर्तों का पालन करता है तो वह ITR-1 का इस्तेमाल कर सकता है।  ✅ ITR-2 अगर आय में पूंजीगत लाभ (जैसे शेयर या म्यूचुअल फंड से कमाई) या एक से अधिक मकान की संपत्ति शामिल हो।  यदि विदेश में संपत्ति या विदेश से आय है।  सैलरी, पेंशन, ब्याज के साथ अगर कोई और इन्वेस्टमेंट से भी आय हो, तो भी यह फॉर्म उपयोगी है।  ✅ ITR-3 जिन वरिष्ठ नागरिकों की आय पेशेवर सेवाओं या व्यापार से होती है।  वे लोग जिन्हें ITR-1, ITR-2 या ITR-4 लागू नहीं होते।  ✅ ITR-4 (सुगम फॉर्म) यह फॉर्म उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए है जो व्यवसाय या फ्रीलांसिंग से आय कमाते हैं और प्रिज़मेटिव टैक्सेशन स्कीम को अपनाते हैं।  इसका उपयोग तभी करें जब आय ₹50 लाख से कम हो और फिक्स्ड प्रतिशत टैक्स लागू हो।  📝 निष्कर्ष: वरिष्ठ नागरिकों के लिए सही ITR फॉर्म चुनना उनकी आय की प्रकृति और टैक्स छूट को समझने पर निर्भर करता है। अगर सही फॉर्म चुना जाए तो न सिर्फ टैक्स नियमों का पालन आसान होता है, बल्कि टैक्स बचत और रिफंड का लाभ भी अधिक मिलता है।

वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले व्यक्ति) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करना थोड़ा अलग होता है क्योंकि उनकी आय के स्रोत, उम्र और छूट की सीमा अलग होती है। ऐसे में सही ITR फॉर्म का चयन करना जरूरी हो जाता है, ताकि वे कानून के अनुसार टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकें और छूट का पूरा लाभ भी उठा सकें।

 वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली आयकर छूट

  • 60 वर्ष या उससे अधिक और 80 वर्ष से कम उम्र वालों को ₹3,00,000 तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता।

  • 80 वर्ष से अधिक उम्र वाले 'अति वरिष्ठ नागरिकों' को ₹5,00,000 तक की आय पर टैक्स में पूरी छूट मिलती है।

  • सामान्य करदाताओं को यह छूट केवल ₹2,50,000 तक मिलती है।

यह छूट उन्हें एक बेहतर टैक्स प्लानिंग का अवसर देती है।

 क्या रिटर्न फाइल करना जरूरी है?

75 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक विशेष छूट दी गई है। अगर उनकी आय का स्रोत केवल पेंशन और उसी बैंक से मिलने वाला ब्याज है, तो उन्हें ITR फाइल करने की जरूरत नहीं है।
हालांकि, इसके लिए उन्हें फॉर्म 12BBA भरकर संबंधित बैंक में घोषणा करनी होती है। इस प्रक्रिया के बाद ही रिटर्न फाइल करने से छूट मिलती है।

 वरिष्ठ नागरिकों के लिए ITR फॉर्म का चयन कैसे करें?

आईटीआर फॉर्म का चुनाव उनकी कुल आय, आय के स्रोत और अन्य आर्थिक गतिविधियों पर निर्भर करता है। नीचे कुछ प्रमुख फॉर्म की जानकारी दी गई है:

 ITR-1 (सहज फॉर्म)

  • जिनकी आय सैलरी, पेंशन, एक घर से किराया, या अन्य स्रोतों (जैसे बैंक ब्याज) से है।

  • कुल आय ₹50 लाख से कम होनी चाहिए।

  • विदेश में कोई संपत्ति या आय नहीं होनी चाहिए।

  • कंपनी में निदेशक नहीं होना चाहिए।

नोट: यदि कोई वरिष्ठ नागरिक उपरोक्त शर्तों का पालन करता है तो वह ITR-1 का इस्तेमाल कर सकता है।

 ITR-2

अगर आय में पूंजीगत लाभ (जैसे शेयर या म्यूचुअल फंड से कमाई) या एक से अधिक मकान की संपत्ति शामिल हो।

  • यदि विदेश में संपत्ति या विदेश से आय है।

  • सैलरी, पेंशन, ब्याज के साथ अगर कोई और इन्वेस्टमेंट से भी आय हो, तो भी यह फॉर्म उपयोगी है।

 ITR-3

  • जिन वरिष्ठ नागरिकों की आय पेशेवर सेवाओं या व्यापार से होती है।

  • वे लोग जिन्हें ITR-1, ITR-2 या ITR-4 लागू नहीं होते।

 ITR-4 (सुगम फॉर्म)

  • यह फॉर्म उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए है जो व्यवसाय या फ्रीलांसिंग से आय कमाते हैं और प्रिज़मेटिव टैक्सेशन स्कीम को अपनाते हैं।

  • इसका उपयोग तभी करें जब आय ₹50 लाख से कम हो और फिक्स्ड प्रतिशत टैक्स लागू हो।

 निष्कर्ष:

वरिष्ठ नागरिकों के लिए सही ITR फॉर्म चुनना उनकी आय की प्रकृति और टैक्स छूट को समझने पर निर्भर करता है। अगर सही फॉर्म चुना जाए तो न सिर्फ टैक्स नियमों का पालन आसान होता है, बल्कि टैक्स बचत और रिफंड का लाभ भी अधिक मिलता है।

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