
अगर आप नौकरीपेशा हैं और किराए के घर में रहते हैं, तो आयकर रिटर्न (ITR) भरते समय हाउस रेंट अलाउंस (HRA) पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। यह छूट खासतौर पर उन कर्मचारियों के लिए फायदेमंद होती है जो मेट्रो शहरों या बड़े कस्बों में किराए के मकानों में रहकर नौकरी करते हैं। हालांकि, HRA क्लेम करते वक्त कुछ शर्तें होती हैं जिनमें मकान मालिक का पैन नंबर एक अहम भूमिका निभाता है।
बहुत से लोग यह सवाल करते हैं कि HRA क्लेम करते समय क्या मकान मालिक का पैन नंबर देना जरूरी है? इसका सीधा जवाब है: हां, लेकिन यह तभी जरूरी होता है जब सालाना किराया ₹1 लाख से अधिक हो। यानी अगर आप हर महीने ₹8,333 से अधिक किराया दे रहे हैं तो मकान मालिक का पैन नंबर देना आवश्यक हो जाता है।
HRA टैक्स छूट और ओल्ड टैक्स रिजीम का संबंध
सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों में काम करने वाले कर्मचारियों को उनकी सैलरी के साथ HRA यानी हाउस रेंट अलाउंस मिलता है। यह अलाउंस उन लोगों के लिए एक राहत की तरह होता है जो किराए पर रहते हैं। आयकर विभाग HRA के तहत टैक्स छूट की सुविधा देता है, जिससे कर्मचारियों का टैक्स बोझ कम हो जाता है।
लेकिन यह छूट केवल पुराने टैक्स सिस्टम (Old Tax Regime) में उपलब्ध होती है। यदि कोई कर्मचारी नया टैक्स सिस्टम (New Tax Regime) चुनता है तो उसे HRA छूट का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि आप किस टैक्स प्रणाली के तहत इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे हैं।
अगर आप पुराने टैक्स सिस्टम में हैं और आपके घर का मासिक किराया ₹8,333 से ज्यादा है, तो आपको अपने एंप्लॉयर को मकान मालिक का पैन नंबर देना जरूरी होगा। वहीं, यदि किराया ₹8,333 या उससे कम है तो पैन नंबर की आवश्यकता नहीं होती।
अगर मकान मालिक PAN नहीं देता तो क्या करें?
ऐसे बहुत से मामले सामने आते हैं जहां मकान मालिक पैन नंबर देने से मना कर देते हैं। ऐसी स्थिति में आप एक डिक्लेरेशन लेटर मकान मालिक से ले सकते हैं जिसमें यह स्पष्ट लिखा हो कि उनके पास PAN नहीं है। इस पत्र में मकान मालिक का पूरा नाम, पता, किराए की राशि और किराए की अवधि जैसी जानकारियां होना आवश्यक है।
इसके अलावा, किराया देने के प्रमाण भी आपके पास होना चाहिए। इनमें बैंक स्टेटमेंट, किराए की रसीद और अगर हो तो रेंट एग्रीमेंट भी शामिल होना चाहिए। ये दस्तावेज इनकम टैक्स विभाग को यह साबित करने के लिए काफी हैं कि आपने किराए पर मकान लिया हुआ है और नियमित रूप से किराया चुका रहे हैं।
यह भी ध्यान दें कि यदि आपका मासिक किराया ₹50,000 से अधिक है, तो मकान मालिक को टीडीएस (Tax Deducted at Source) के तहत टैक्स कटौती की जानकारी भी देनी होती है। यह जिम्मेदारी किराएदार यानी आपके ऊपर होती है।
HRA क्लेम करने के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत होती है
HRA टैक्स छूट क्लेम करते समय आपको कुछ जरूरी दस्तावेजों को अपने पास रखना चाहिए ताकि किसी तरह की पूछताछ या स्क्रूटनी के दौरान परेशानी न हो। ये दस्तावेज हैं:
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मकान मालिक का नाम और पता
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मकान मालिक का PAN नंबर (यदि किराया ₹1 लाख सालाना से ज्यादा है)
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किराए की रसीद
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रेंट एग्रीमेंट (यदि है तो)
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बैंक स्टेटमेंट जिसमें किराया भुगतान दिख रहा हो
इन सभी दस्तावेजों को समय रहते संभालकर रखना जरूरी होता है ताकि आप ITR भरते समय बिना किसी अड़चन के HRA छूट का फायदा ले सकें।