चार्जेज के नाम पर बैंक ऐसे काटते हैं आपकी जेब, ATM फी से पेनल्टी तक का होता है खेल

आज के समय में बैंकिंग हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुकी है। हर किसी के पास बैंक अकाउंट होता है, डेबिट कार्ड होता है और मोबाइल बैंकिंग और नेट बैंकिंग भी आम हो गई है। हम सोचते हैं कि बैंक में पैसा रखना पूरी तरह से फायदेमंद है, लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि बैंक कई तरह के छोटे-छोटे चार्जेज के नाम पर आपकी जेब से पैसे काटते रहते हैं? आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि ये चार्जेज क्या हैं और कैसे आप उनसे बच सकते हैं।
ATM ट्रांजैक्शन फीस
अगर आप बार-बार एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो यह आदत महंगी साबित हो सकती है। मेट्रो शहरों में महीने में 3 बार और नॉन-मेट्रो में 5 बार तक एटीएम से पैसे निकालना फ्री होता है, लेकिन इसके बाद हर ट्रांजैक्शन पर ₹20+GST तक चार्ज लगता है। यह चार्ज अपने बैंक के एटीएम से भी हो सकता है यदि आपकी फ्री लिमिट पार हो जाए। इन चार्जेज से बचने के लिए जरूरत न होने पर बार-बार एटीएम से पैसे न निकालें और मोबाइल वॉलेट या डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल करें।
मिनिमम बैलेंस न रखने पर पेनल्टी
हर बैंक अपने ग्राहकों से उम्मीद करता है कि वे अपने खाते में एक निश्चित न्यूनतम राशि बनाए रखें। यह राशि बैंक के नियमों के हिसाब से ₹500 से ₹10,000 तक हो सकती है। यदि आपका बैलेंस इससे कम हो जाता है, तो बैंक 100 से 600 रुपए तक हर महीने पेनल्टी काट सकता है। इस पेनल्टी से बचने के लिए हमेशा अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखें या जीरो बैलेंस अकाउंट चुनें।
डेबिट कार्ड एनुअल चार्ज
जब आप खाता खुलवाते हैं तो आपको डेबिट कार्ड मिलता है। इसके लिए हर साल 100 रुपए से 500 रुपए तक चार्ज लिया जाता है। अगर कार्ड गुम हो जाए और नया मंगवाना पड़े तो भी अलग से चार्ज देना पड़ता है। इसलिए डेबिट कार्ड का इस्तेमाल समझदारी से करें और समय-समय पर कार्ड रिन्यू करवाएं ताकि अनावश्यक खर्च न हो।
SMS अलर्ट फीस
बैंक आपको हर लेनदेन की जानकारी SMS के ज़रिए भेजते हैं। इसके लिए कुछ बैंक 15 रुपए से 100 रुपए तक सालाना SMS चार्ज लेते हैं, जबकि कुछ बैंक यह सेवा मुफ्त में भी देते हैं। इस चार्ज से बचने के लिए आप मोबाइल ऐप पर नोटिफिकेशन का ऑप्शन चुन सकते हैं और SMS सेवा की आवश्यकता न हो तो बंद करवा सकते हैं।
चेक बाउंस चार्ज
अगर आपने किसी को चेक दिया और आपके खाते में पर्याप्त पैसे नहीं थे, तो चेक बाउंस हो जाता है। इसके लिए बैंक 300 रुपए से 700 रुपए तक चार्ज करता है, और यह कानूनी रूप से भी जुर्म माना जाता है। इसलिए चेक देने से पहले हमेशा सुनिश्चित करें कि खाते में पैसे मौजूद हों ताकि आप चेक बाउंस फीस से बच सकें।
कैश डिपॉजिट और निकासी चार्ज
कुछ बैंक महीने में सीमित बार ही कैश जमा करने या निकालने की सुविधा मुफ्त देते हैं। यदि आप लिमिट से ज्यादा बार कैश जमा या निकालते हैं, तो प्रति ट्रांजैक्शन 150 रुपए तक का चार्ज लगाया जा सकता है। इसलिए ज्यादा बार बैंक ब्रांच जाने से बचें और डिजिटल ट्रांजैक्शन को अपनाएं, जिससे आप इन खर्चों से बच सकते हैं।
फंड ट्रांसफर चार्ज (NEFT, RTGS, IMPS)
NEFT, RTGS और IMPS जैसे फंड ट्रांसफर पर भी कुछ बैंक चार्ज लगाते हैं। हालांकि अब कई सरकारी और प्राइवेट बैंक ये सेवाएं मुफ्त देने लगे हैं, फिर भी कुछ बैंक पुराने नियमों पर चार्ज लेते हैं। इसलिए फंड ट्रांसफर करते समय मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करें और उस बैंक को चुनें जो मुफ्त ट्रांजैक्शन की सुविधा देता हो।
बचत के सुझाव
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एटीएम से जरूरत के मुताबिक ही पैसे निकालें।
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अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखें या जीरो बैलेंस खाते का विकल्प चुनें।
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डेबिट कार्ड का सही इस्तेमाल करें और कार्ड समय-समय पर रिन्यू करवाएं।
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SMS अलर्ट की जगह मोबाइल ऐप नोटिफिकेशन चालू करें।
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चेक देते समय खाते में पर्याप्त बैलेंस रखें।
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कैश डिपॉजिट या निकासी की लिमिट का ध्यान रखें।
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फंड ट्रांसफर के लिए कम शुल्क वाले या मुफ्त सेवाएं देने वाले बैंक चुनें।
बैंकिंग की इन छोटी-छोटी सावधानियों से आप न केवल अपने पैसे बचा सकते हैं बल्कि बिना किसी अतिरिक्त खर्च के बैंकिंग सुविधाओं का भरपूर लाभ उठा सकते हैं। इसलिए हमेशा जागरूक रहें और समझदारी से बैंकिंग का इस्तेमाल करें।