Samachar Nama
×

2 मिनट के शानदार वीडियो में जाने गरुड़ पुराण का चमत्कारी सिद्धांत, अगर आपना लिए तो खुद खिची चली आएगी धन-दौलत 

2 मिनट के शानदार वीडियो में जाने गरुड़ पुराण का चमत्कारी सिद्धांत, अगर आपना लिए तो खुद खिची चली आएगी धन-दौलत 

धन और समृद्धि की चाह हर व्यक्ति के जीवन में एक सामान्य आकांक्षा होती है। परंतु अक्सर देखा जाता है कि जो व्यक्ति जीवनभर केवल धन के पीछे भागते हैं, वे अंततः थकावट, मानसिक तनाव और अधूरी इच्छाओं के भंवर में फंस जाते हैं। दूसरी ओर, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो दिखने में तो सामान्य जीवन जीते हैं, परंतु उनके चारों ओर समृद्धि, संतुलन और संतोष का माहौल बना रहता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, यह अंतर व्यक्ति के आचरण, विचार और जीवनशैली में छिपा होता है।


गरुड़ पुराण और जीवन की दिशा:
गरुड़ पुराण न केवल मृत्यु और कर्मों के फल का वर्णन करता है, बल्कि यह जीवित व्यक्ति के लिए भी एक जीवन मार्गदर्शक ग्रंथ है। इसमें ऐसे अनेक सूत्र हैं, जो बताते हैं कि किस प्रकार का व्यवहार, सोच और आचरण व्यक्ति को धन, यश और सुख की ओर स्वयं आकर्षित करता है।

कौन हैं वे मनुष्य जिनके पीछे धन भागता है?
गरुड़ पुराण के अनुसार, ऐसे लोग जो निम्नलिखित गुणों को अपने जीवन में अपनाते हैं, वे धन और समृद्धि को आकर्षित करते हैं, न कि इसके लिए दौड़ते हैं:

1. धर्म और कर्तव्य के पथ पर चलने वाले:
धन की प्राप्ति केवल मेहनत से नहीं, बल्कि नियत से भी होती है। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि जो व्यक्ति अपने कर्मों में ईमानदार होते हैं और दूसरों का अहित न करते हुए धर्मपूर्वक जीवन जीते हैं, उनके जीवन में लक्ष्मी अपने आप वास करती है।

2. संतोषी स्वभाव वाले:
जो लोग हर परिस्थिति में संतोष बनाए रखते हैं, वे मानसिक रूप से शांत होते हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार, यह शांति ही उन्हें ऐसा आकर्षण देती है कि धन और अवसर उनके पास स्वयं चलकर आते हैं। लालच से दूर रहने वाले व्यक्ति ही स्थायी समृद्धि प्राप्त करते हैं।

3. दानशील और परोपकारी:
जो व्यक्ति अपने अर्जित धन का एक भाग सदैव समाज और जरूरतमंदों के हित में लगाते हैं, उनके जीवन से दरिद्रता दूर रहती है। गरुड़ पुराण के अनुसार, दान करने से धन कभी नष्ट नहीं होता, बल्कि वह कई गुना होकर वापस आता है।

4. विद्या और ज्ञान की साधना करने वाले:
धन विद्या और विवेक के पीछे चलता है। जो व्यक्ति ज्ञान को सर्वोच्च मानते हैं और निरंतर स्वयं को विकसित करते हैं, उनके पास अवसर और आर्थिक सफलता दोनों आती हैं। गरुड़ पुराण ऐसे ज्ञानी व्यक्तियों को "सच्चे धनवान" कहता है।

5. क्रोध, लोभ और ईर्ष्या से दूर रहने वाले:
इन तीनों विकारों को त्यागने वाले व्यक्ति का मन शांत और स्थिर होता है। ऐसे लोगों को निर्णय लेने में स्पष्टता होती है, और यही गुण उन्हें आर्थिक रूप से भी मजबूत बनाता है।

6. सच्चाई और वचन की दृढ़ता पर चलने वाले:
जो अपने वचनों के प्रति दृढ़ रहते हैं, और कभी झूठ या छल-कपट का सहारा नहीं लेते, उनके प्रति समाज और ईश्वर दोनों का विश्वास बनता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, ऐसे लोगों को बिना मांगे भी धन और सम्मान मिलता है।

7. कर्मठ और समय के पाबंद:
समय का पालन करने वाले और परिश्रमी व्यक्ति को सफलता जरूर मिलती है। लेकिन गरुड़ पुराण यह भी कहता है कि मेहनत के साथ धैर्य और संयम भी जरूरी है। ऐसे लोग जल्द ही आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनते हैं।

8. नम्रता और सेवा भाव रखने वाले:
जो लोग घमंड से दूर रहते हैं और दूसरों की सेवा में तत्पर रहते हैं, वे सामाजिक पूंजी अर्जित करते हैं — जो अंततः आर्थिक पूंजी में बदल जाती है।

9. प्रकृति और पशु-पक्षियों के प्रति दयालु:
गरुड़ पुराण में उल्लेख है कि जो मनुष्य पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों और प्रकृति के प्रति करुणा रखते हैं, उन्हें पृथ्वी की ऊर्जा से अदृश्य रूप से धन और शांति प्राप्त होती है।

Share this story

Tags