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कहीं आप भी तो तुलसी की माला पहनकर नहीं कर रहे ये काम, हो सकता है बुरा अंजाम

हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना गया है। जहां तुलसी का वास होता है, वहां सुख-शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा स्वतः ही निवास करती है। ठीक उसी प्रकार तुलसी की माला को भी धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ और फलदायी माना....
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हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना गया है। जहां तुलसी का वास होता है, वहां सुख-शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा स्वतः ही निवास करती है। ठीक उसी प्रकार तुलसी की माला को भी धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है। शास्त्रों के अनुसार तुलसी की माला धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है, साथ ही विष्णु और लक्ष्मी जी की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है। लेकिन इस पवित्र माला को धारण करने के साथ कुछ सख्त नियमों का पालन करना आवश्यक होता है, अन्यथा इसका पूर्ण फल नहीं प्राप्त होता या इसके उल्टे परिणाम भी हो सकते हैं। आइए जानते हैं तुलसी की माला पहनने से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें, लाभ और निषेध।

क्यों खास है तुलसी की माला?

  • तुलसी की माला में एक प्राकृतिक विद्युत ऊर्जा होती है, जो व्यक्ति के शरीर और मन को संतुलित करती है।

  • यह माला ध्यान, जप, तप, पूजा और साधना के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है।

  • तुलसी भगवान विष्णु को अतिप्रिय हैं, और तुलसी माला पहनने वाला जातक हरि भक्ति मार्ग में अग्रसर होता है।

  • माना जाता है कि यह माला व्यक्ति के पापों का शमन, मानसिक शांति और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति दिलाने में सहायक होती है।

तुलसी की माला कैसे पहनें?

  • तुलसी की माला को सोमवार, गुरुवार, शुक्रवार या एकादशी के दिन धारण करना सबसे शुभ माना गया है।

  • माला धारण करने से पहले सुबह स्नान करके, स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।

  • माला को गंगाजल में डुबोकर, मंत्र उच्चारण के साथ गले में पहनना चाहिए।

  • माला पहनते समय "ॐ वासुदेवाय नमः" या "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें।

माला पहनने के बाद क्या न करें?

तुलसी की माला धारण करने वाले व्यक्ति को कुछ नियमों का कठोर पालन करना चाहिए:

  1. तामसिक भोजन से परहेज:
    मांस, मछली, लहसुन, प्याज जैसे तामसिक भोजन का सेवन न करें।

  2. मदिरा और नशे से दूर रहें:
    शराब, तम्बाकू, गांजा आदि किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहना अनिवार्य है।

  3. शौचालय या श्मशान में न पहनें:
    माला को कभी भी शौचालय, स्नानगृह या श्मशान घाट में पहनकर न जाएं। वहां इसे उतार देना चाहिए।

  4. अनैतिक कार्यों से दूरी:
    किसी भी अनैतिक व्यवहार, असत्य भाषण, धोखाधड़ी जैसे कार्यों से दूर रहें।

  5. माला के साथ नमक न छूएं:
    कुछ परंपराओं में यह भी कहा गया है कि तुलसी की माला पहनकर नमक नहीं छूना चाहिए।

तुलसी की माला पहनने से क्या लाभ होते हैं?

  • आर्थिक लाभ: लक्ष्मी माता की कृपा प्राप्त होती है, जिससे पैसों की तंगी से मुक्ति मिल सकती है।

  • मानसिक शांति: माला पहनने से मन स्थिर होता है और तनाव, क्रोध, अवसाद कम होता है।

  • सकारात्मक ऊर्जा: नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा होती है और घर-परिवार में सकारात्मकता का संचार होता है।

  • पुण्य फल: यह माला यज्ञ, तप और व्रत के समान पुण्य फल प्रदान करती है।

  • भगवान विष्णु की कृपा: तुलसी भगवान विष्णु की प्रिय हैं, अतः तुलसी माला पहनने वाला व्यक्ति श्रीहरि की कृपा का पात्र बनता है।

  • जप में सहायक: यह माला महामंत्रों (विशेषकर विष्णु, लक्ष्मी और राम नाम) के जाप के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है।

विशेष सावधानी: माला की पवित्रता बनाए रखें

तुलसी की माला केवल गले में ही नहीं, हृदय और आचरण में भी धारण करनी होती है। इसका अर्थ है कि केवल पहनना पर्याप्त नहीं है, बल्कि इसके साथ जुड़े आचार और आस्था का भी पालन आवश्यक है। जो व्यक्ति इसका पालन नहीं करता, वह इसके उल्टे प्रभाव भी देख सकता है — जैसे मन में अस्थिरता, धन की हानि, या मानसिक क्लेश। तुलसी की माला केवल एक धार्मिक वस्तु नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुशासन का प्रतीक है। इसे धारण करने का अर्थ है — जीवन को सात्विक, अनुशासित और ईश्वर के प्रति समर्पित बनाना। यदि नियमों और श्रद्धा के साथ इसे पहना जाए, तो यह माला न केवल धन, यश, सुख प्रदान करती है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त करती है। 

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