PF अकाउंट से 60 साल बाद कितनी मिलेगी पेंशन? समझें नियम और कैलकुलेशन
कर्मचारी भविष्य निधि (PF) एक महत्वपूर्ण बचत योजना है, जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों हर महीने योगदान करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि 60 साल की उम्र के बाद आपको कितनी पेंशन मिलेगी? इस लेख में हम आपको PF पेंशन के नियम, कैलकुलेशन और आवश्यक शर्तों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
EPF और EPS में क्या फर्क है?
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) को अक्सर एक ही समझा जाता है, लेकिन दोनों अलग-अलग होते हैं। EPF आपके रिटायरमेंट के लिए बचत करने की एक योजना है, जिसमें आपका और आपके नियोक्ता का योगदान शामिल होता है। जबकि EPS सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक पेंशन योजना है, जिसमें 8.33% का योगदान नियोक्ता द्वारा किया जाता है।
60 साल की उम्र के बाद पेंशन की गणना कैसे होती है?
EPS के तहत पेंशन की गणना करने का एक निश्चित फॉर्मूला होता है:
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औसत मासिक सैलरी = अंतिम 60 महीनों की औसत सैलरी
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कुल सर्विस वर्ष = जितने साल आपने EPS में योगदान दिया है
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70 = सरकार द्वारा निर्धारित मानक संख्या
उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति की औसत मासिक सैलरी ₹15,000 है और उसने 30 वर्षों तक EPS में योगदान दिया है, तो उसकी मासिक पेंशन होगी:
EPS पेंशन के लिए पात्रता शर्तें
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सर्विस अवधि: कम से कम 10 वर्षों तक EPS में योगदान करना अनिवार्य है।
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उम्र सीमा: पेंशन पाने के लिए न्यूनतम उम्र 58 वर्ष होनी चाहिए। यदि कोई 50-58 वर्ष के बीच पेंशन लेना चाहता है, तो उसे कम पेंशन मिलेगी।
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पेंशन बढ़ोतरी: 60 साल की उम्र के बाद भी अगर कोई व्यक्ति योगदान जारी रखता है, तो उसे अधिक पेंशन मिल सकती है।
अधिक पेंशन पाने के तरीके
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लंबे समय तक नौकरी करें: जितने ज्यादा सालों तक आप EPS में योगदान देंगे, आपकी पेंशन उतनी ही अधिक होगी।
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उच्च वेतन वाले जॉब चुनें: आपकी अंतिम 5 साल की सैलरी आपकी पेंशन निर्धारित करती है, इसलिए इस दौरान उच्च वेतन वाली नौकरी करना फायदेमंद हो सकता है।
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स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) का लाभ उठाएं: इससे आपकी कुल बचत अधिक होगी।
निष्कर्ष
PF से जुड़ी EPS योजना रिटायरमेंट के बाद एक स्थिर आय प्रदान करती है। यदि आपने 10 साल से अधिक योगदान दिया है, तो 60 साल की उम्र के बाद आपको नियमित पेंशन मिल सकती है। इसलिए, अपनी नौकरी की अवधि और वेतन पर ध्यान देना जरूरी है, ताकि रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।