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छोटे बच्चों में रहता मियादी बुखार का खतरा, आप इन घरेलू उपायों की मदद से करें बचाव

जयपुर।गलत खानपान का सेवन करने से हमारा शरीर कई प्रकार के रोगो का शिकार बन जाता है।इसमें छोटे बच्चों में मियादी बुखार जिसे टाइफाइड भी कहा जाता है का खतरा अधिक रहता है।हालांकि मियादी बुखार बच्चों से लेकर बड़ों तक किसी को भी अपना शिकार बना सकता है।मियादी बुखार सेलमोनेला टायफाई बैक्टीरिया के द्वारा अपना
छोटे बच्चों में रहता मियादी बुखार का खतरा, आप इन घरेलू उपायों की मदद से करें बचाव

जयपुर।गलत खानपान का सेवन करने से हमारा शरीर कई प्रकार के रोगो का शिकार बन जाता है।इसमें छोटे बच्चों में मियादी बुखार जिसे टाइफाइड भी कहा जाता है का खतरा अधिक रहता है।हालांकि मियादी बुखार बच्चों से लेकर बड़ों तक किसी को भी अपना शिकार बना सकता है।मियादी बुखार सेलमोनेला टायफाई बैक्टीरिया के द्वारा अपना संक्रमण फैलता है।मियादी बुखार और साधारण बुखार में ज्यादा फर्क नहीं होता है।

छोटे बच्चों में रहता मियादी बुखार का खतरा, आप इन घरेलू उपायों की मदद से करें बचावलेकिन मियादी बुखार के कुछ खास लक्षण होते है जिससे आप इसकी पहचान कर सकते है।मियादी या टाइफाइड का बुखार 102 डिग्री से ऊपर रहता है।इस बुखार के कारण पेट में लगातार दर्द बना रहता है।इसके अलावा सिरदर्द, कब्ज, दस्त और शरीर में काफी कमजोरी का महसूस होना भी मियादी बुखार के आम लक्षण होते है।

छोटे बच्चों में रहता मियादी बुखार का खतरा, आप इन घरेलू उपायों की मदद से करें बचावटाइफाइड या मियादी बुखार से आप कुछ घरेलू उपचार के द्वारा बचाव कर सकते है।मियादी बुखार में लहसुन का सेवन करना लाभकारी होता है।लहसुन में कई प्रकार के एंटीऑक्सिडेंट के गुण पाए जाते है जो हमारे खून का साफ करने में मदद करते है।

छोटे बच्चों में रहता मियादी बुखार का खतरा, आप इन घरेलू उपायों की मदद से करें बचाव

लहसुन का सेवन करने से टाइफाइड बुखार में आराम मिलता है।इसके अलावा सेब के सिरके में ऐसे गुण पाए जाते है, जो कि मियादी बुखार को कम करने में मदद करते है।सेब का सिरका मियादी बुखार से ग्रसित मरीज के शरीर से पसीना निकाल कर बुखार को कम करने में सहायता करता है।

छोटे बच्चों में रहता मियादी बुखार का खतरा, आप इन घरेलू उपायों की मदद से करें बचावमियादी बुखार के कारण हमारे शरीर में पानी की कमी होने लगती है। इसलिए शरीर में पानी की कमी ना हो मियादी बुखार से ग्रसित रोगी को पर्याप्त पानी, ताजे फलों का रस, हर्बल चाय आदि का सेवन करवाना चाहिए।

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