जयपुर, एक शोध के अनुसार 40 की उम्र के बाद ज्यादातर पुरुष प्रोस्टेट की समस्या से परेशान होते हैं। इसे पुरुषों का दूसरा दिल भी माना जाता है। यह हमारे शरीर मे बहुत महत्वपूर्ण क्रिया करती है। जैसे यूरीन के बहाव को कंट्रोल करना और प्रजनन के लिए सीमेन बनाना। दोस्तो जैसे जैसे हमारी उम्र बढती है ये ग्रंथि भी बढने लगती है इसका बढना ही बीमारी की शुरूआत होती है आज आपको बताएंगे की इस के बढन पर आपको शरीर किस प्रकार के संकेत देता है।
प्रोस्टेट ग्लैंड का बढ़ना – प्रोस्टेट ग्लैंड के अधिक बढ़ जाने पर कई सारे लक्षण सामने आने लगते हैं जैसे पेशाब का रूक रूककर आना ,पेशाब करते समय दर्द या जलन महसूस करना। साथ ही बार बार यूरीन ट्रेक्ट इन्फेक्शन का होना। इस प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ जाने पर रोगी बार-बार पेशाब करने जाता है लेकिन वह यूरीन पास नहीं कर पाता है।![Image result for पà¥à¤°à¥à¤¸à¥à¤à¥à¤ à¤à¥à¤°à¤à¤¥à¤¿](https://images.onlymyhealth.com/imported/images/2014/February/06_Feb_2014/prostate-granthi-ke-badne-ke-karan-650x433.jpg)
जिससे रोगी को बार बार पेशान करने जाने की समस्या होनें लगती है। अगर आपको इस तरह के लक्षण दिखाई दे तो हो सकता है आपके पौरूष ग्रंथि बढ़ने लगी हो। इस समय मे रोगी को समझ मे नहीं आता कि क्या किया जाना चाहिए।![Image result for पà¥à¤°à¥à¤¸à¥à¤à¥à¤ à¤à¥à¤°à¤à¤¥à¤¿](https://di.myupchar.com/1265/prostate-badhna-enlarged-prostate-in-hindi.jpg)
ये है प्रोस्टेट का इलाज – दूसरे रोगों की तरह प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ने पर इसका भी उपचार हो जाता है। ऐसी बहुत सी दवाइयां हैं, जिससे मरीज को काफी आराम मिलता है इलाज के बाद व्यक्ति सामान्य जीनव जी सकता है। इस ग्रंथि को बढने से रोकने के लिए प्रकृति ने भी अच्छा उपाय दिया है जैसे सीताफल के बीज इस बीमारी में बेहद फायदेमंद होते है। । सीताफल के कच्चे बीज को अगर हर दिन अपने खाने में इस्तेमाल किया जाए, इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। क्योकि इसमे कई सारे तत्व पाए जाते है जो इस प्रोस्टेट ग्रंथी को बढने से रोकते है।
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