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माइग्रेन या सिरदर्द होने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, एक्सपर्ट से जानें

आज के समय में जीवनशैली से जुड़ी कई समस्याएं बेहद आम होती जा रही हैं। इसमें माइग्रेन भी शामिल है। आपने भी कई लोगों को यह कहते सुना होगा कि उन्हें माइग्रेन की समस्या है। जिसमें उनके सिर में दर्द होता है। इसके अलावा, उल्टी जैसा महसूस होता....
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आज के समय में जीवनशैली से जुड़ी कई समस्याएं बेहद आम होती जा रही हैं। इसमें माइग्रेन भी शामिल है। आपने भी कई लोगों को यह कहते सुना होगा कि उन्हें माइग्रेन की समस्या है। जिसमें उनके सिर में दर्द होता है। इसके अलावा, उल्टी जैसा महसूस होता है, इसके अलावा रोशनी और आवाज में भी दिक्कत होने लगती है। कई बार यह समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि दर्द कम करने के लिए दवाओं या इंजेक्शन का इस्तेमाल करना पड़ता है। इसलिए, इससे बचाव के लिए विशेषज्ञों द्वारा कई बातों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।

इस समस्या के दौरान सही जीवनशैली और खानपान का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। क्योंकि कुछ खाद्य पदार्थ माइग्रेन के दर्द को ट्रिगर करने का काम करते हैं। इसलिए अगर आपके घर में माइग्रेन की समस्या है या आपको माइग्रेन की समस्या है, तो जानिए आपको अपने आहार में क्या खाना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए।

श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली की न्यूरोलॉजी की प्रिंसिपल कंसल्टेंट डॉ. संध्या कोचे ने बताया कि माइग्रेन एक ऐसा सिरदर्द है, जो अक्सर सिर के एक तरफ महसूस होता है और बहुत तेज़ होता है। इसके साथ ही मरीज़ को मतली, उल्टी और तेज़ रोशनी या शोर से भी परेशानी होती है। इससे व्यक्ति की दैनिक गतिविधियाँ प्रभावित होती हैं क्योंकि दर्द इतना तीव्र होता है कि काम करना और किसी भी चीज़ पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। यह दर्द कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक रह सकता है। अन्य लक्षणों में आँखों के सामने चमकती रोशनी या धुंधला दिखाई देना, और कभी-कभी हाथों और पैरों में सुन्नता या कमज़ोरी शामिल हो सकती है। यह आमतौर पर तनाव, नींद की कमी, खराब आहार या हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होता है। इससे बचने के लिए जीवनशैली में सुधार, संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन बेहद ज़रूरी है।

माइग्रेन में कौन से खाद्य पदार्थ खाने चाहिए और कौन से नहीं?

माइग्रेन के दौरान अपने आहार का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। क्योंकि कुछ खाद्य पदार्थ माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं जबकि कुछ पोषक तत्व माइग्रेन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। माइग्रेन से पीड़ित लोगों को हरी सब्ज़ियाँ, ताज़े फल, साबुत अनाज, मेवे खाने चाहिए और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। ये खाद्य पदार्थ शरीर को आवश्यक विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करते हैं जो मस्तिष्क और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक हैं। हरी सब्ज़ियाँ और फल पाचन में सुधार के साथ-साथ मस्तिष्क को शांत रखने और माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद करते हैं। साबुत अनाज ऊर्जा प्रदान करते हैं, जिससे रक्त शर्करा स्थिर रहती है और सिरदर्द की संभावना कम होती है।

माइग्रेन के दौरान कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज़ करना ज़रूरी है, जैसे चॉकलेट, क्योंकि इनमें ऐसे विटामिन होते हैं जो माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। कैफीन, बहुत ज़्यादा चीनी, प्रोसेस्ड फ़ूड और बहुत ज़्यादा नमक का सेवन भी माइग्रेन की समस्या को बढ़ा सकता है। इसलिए माइग्रेन के दौरान इन खाद्य पदार्थों से परहेज़ करना चाहिए।

माइग्रेन को प्राकृतिक रूप से कैसे नियंत्रित करें?

माइग्रेन को पूरी तरह से ठीक करना मुश्किल है। लेकिन जीवनशैली और खान-पान में बदलाव करके इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। इसके लिए रोज़ाना 7 से 8 घंटे की नींद ज़रूर लें, क्योंकि नींद की कमी से यह समस्या और बढ़ सकती है। तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान करें। इससे गुस्सा शांत करने में भी मदद मिलती है। शरीर को हाइड्रेटेड रखना भी ज़रूरी है, इसलिए दिन भर पर्याप्त पानी पीना चाहिए। खाना सही समय पर खाएं, क्योंकि सही समय पर खाना न खाने से ब्लड शुगर का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे सिरदर्द बढ़ सकता है। इसके अलावा, माइग्रेन को ट्रिगर करने वाले खाद्य पदार्थ जैसे चॉकलेट, कैफीन, बहुत मीठा और प्रोसेस्ड फ़ूड से बचना चाहिए। इनका ज़्यादा सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही नियमित व्यायाम भी फ़ायदेमंद होता है। क्योंकि यह तनाव कम करने और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।

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