वाकिंग मेडिटेशन हैं स्ट्रेस से लड़ने का एक कारगर तरीका
मेडिटेशन का ध्यान आते ही हमारे दिमाग में एक शांत और स्थिर वातावरण छवि उभर के आती है , जहा हम किसी कोने में आँख ंबंद किये बैठे होते है लेकिन क्या आप जानते है की आप चलते हुए भी मेडिटेट कर सकते है | दुनिया को “माइंडफुलनेस ” जैसे कांसेप्ट से अवगत कराने वाले मेडिटेशन एक्सपर्ट जॉन कबत जिन्न ने इस मेडिटेशन को प्रतिपादित किया है |
वाकिंग मेडिटेशन को आप कई तरह से कर सकते है, जिसमे सबसे आसान तरीका है धीमे कदमो से चलते हुए अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करना, साँसों की गति के साथ अपने कदमों को ज़मीन पर रखते हुए फील करें |
इस बात का विशेष ध्यान रखें की आपके कदम ज़्यादा तेज़ न हो | अगर आप इसे सूर्योदय के समय पूर्व दिशा की और मुँह करके, नंगे पैर हरी घास पर चलते हुए करते है तो इससे आँखों की समस्या एवं माइग्रेन के दर्द जैसी तकलीफों से भी छुटकारा पा सकते है |
इसके अलावा सुबह के वक़्त किसी पार्क में चले जाएँ और वहां टहलते हुए पक्षियों की चहचहाट पर ध्यान लगाएं , मंद हवा को अपने शरीर पर महसूस करें |
वाकिंग मेडिएशन स्ट्रेस, डिप्रेशन और इंसोम्निया जैसी बीमारियो को ठीक करता है और साथ ही ये ब्लड में शुगर लेवल को भी कण्ट्रोल करता है | जिन लोगो में एकाग्रता की कमी होती है उनके लिए ये मेडिटेशन बहुत फायदेमंद है | सुबह के समय किया गया 20 से 30 मिनट का वाकिंग मेडिटेशन आपको दिन भर कंसन्ट्रेट और स्ट्रेस फ्री रखने के लिए काफी है |