डायबिटीज़ के मरीजों को ओरल केपसूल देगा बहुत फाइदा
जयपुर । डायबिटीज़ एक जानलेवा बीमारी है । आपको शायद इस बात का पता ना हो की इस बीमारी का साल में कोई इलाज़ उपलब्ध नहीं है । यदि कुछ है तो सिर्फ रोक थाम । इतना ही नहीं खान पान में बरता गया परहेज और दवाओं का सेवन ही डायबिटीज़ के मरीज के जीवन की उम्मीद होती है ।
जो लोग डायबिटीज़ के मरीज हैं वह ज़्यादातर इंसुलिन का इंजेक्शन लेकर ही अपना काम चलते हैं । उनकी स्थिति यह है की यदि खाने से पहले एक भी इंजेक्शन चूक गया तो बात जान पर बन आती है । ऐसे मरीजों को परेशानी भी बहुत आती है । आज हम इसे मरीजों के लिए कुश खबरी देने जा रहे हैं । आइये जानते हैं इस बारे में क्या है जो आपको राहत दे सकता है ।
कैप्सूल रूपी यह छोटी-सी कोटेट पिल छोटी आंत में पहुंचने के बाद ही इंसुलिन को रिलीज करेगी। बॉडी यही इस ड्रग के एब्जॉर्बेशन के लिए सबसे सही ऑर्गन है। इस टैबलेट पर चढ़ी सुरक्षात्मक परत- पॉली (मेथैसेलेटिक एसिड-को-एथिल एक्रिलैट) से बनी होती है, जिसे 5.5 से अधिक पीएच में आसानी से घुलने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। यह रिसर्च मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी के शोधकर्ताओं द्वारा की गई है।
शुरुआत में तैयार किए गए इंसुलिन केपसूल आमतौर पर पेट मे एसिड के कारण टूटकर प्रभावहीन हो रहे थे और छोटी आंत तक उनकी पूरी डोज नहीं पहुंच पा रही थी। लेकिन एमआईटी टीम ने अब एक सुरक्षित और कोटेड टैबलेट बनाई है। पेशंट द्वारा लिए जाने पर छोटी आंत में पहुंचने के बाद यह गोली ड्रग को रिलीज करना शुरू कर देगी और यह इंसुलिन ब्लड के साथ आराम से घुल पाएगा।