जाने क्या है हिल्स के चलन में आ जाने के पीछे की असल वजह , कैसे बढ़ चला इसका क्रेज
जयपुर । हिल्स पहनना हर लड़की को बहुत पसंद होता है । कई लड़कियां ऐसी भी हैं जो चाह कर भी हिल्स नहीं पहन पाती क्योंकि इसको केरी करने का भी एक तरीका होता है । साथ ही इसको पहनने केलिए वजन भी बहुत महत्व देता है साथ ही साथ जरूरी होता है ई आप किसी तरह की हिल्स केरी कर रहे हैं ।
एक मशहूर डिजाइनर का यह भी कहना है की हिल्स पहनना खुशी के साथ साथ दर्द भी देता है । पर फिर भी हिल्स का चलन कैसे चला यह कैसे इतना ज्यादा ट्रेंड में आ गई इस बात का पता शायद हममें से कोई भी नहीं जानता है । आइये जानते हैं इस बारे में ।
किसी भी स्टाइलिश ड्रेस को हील के साथ पहनना ही परफेक्ट ड्रेसिंग सेंस कहलाता है। हील 2 से 5 इंच तक की होती है यानि 5.1 से 12.7 सेमी. तक की। इन्हे तीन कैटेगरी में रखा गया है: लो हील्स, मिड हील्स और हाई हील्स।
एलिजाबेथ सेम्मेलहक़, टोरंटो बाटा शू म्यूजियम की क्यूरेटर, ने सबसे पहले हील के इतिहास पर प्रकाश पड़वाया, जब पूर्व में फारसी घुड़सवारी के दौरान इन्हे पहनते थे ताकि वह घोड़े पर सही तरीके से बैठ सकें और उस पर उनका अच्छा नियंत्रण रहें। इनका कहना है कि ये फुटवियर, पार्सिया से 9वीं सदी में यह दर्शाया गया ।
उसके बाद 21वीं सदी के आते आते हिल्स नें ज़ोर पकड़ लिया । इसको पहन कर कोन्फ़िडेंस महसूस होता है । पर बहुत ज्यादा हिल्स पहनना आपको पैरों के दर्द से लेकर टो फ्रेक्चर की परेशानी भी दे सकता है ।