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EPFO की स्कीम से निर्माण मजदूरों को मिलेगा बड़ा फायदा: अधिकारी

निर्माण श्रमिकों को भवन तथा अन्य निर्माण श्रमिक (बीओसीडब्ल्यू) व्यवस्था के तहत मिलने वाले लाभ के मुकाबले ईपीएफओ की भविष्य निधि योजना बेहतर सुरक्षा देती है। एक क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने दोनों कानूनों के बीच अस्पष्टता को दूर करते हुए यह फैसला सुनाया।     ये भी पढ़ें: PM-KISAN 20th Installment: कब आएगी PM किसान योजना की अगली किस्त, ऐसे चेक करें स्टेटस  क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त (कोच्चि) उत्तम प्रकाश ने यह स्पष्टीकरण आदेश दिया, जो पूरे भारत में श्रम कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। ये दोनों कानून 1) - कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 (ईपीएफ अधिनियम) और 2) भवन तथा अन्य निर्माण श्रमिक (बीओसीडब्ल्यू) अधिनियम, 1996 हैं।  recommended by   Brainberries दुनिया का सबसे बड़ा साँप! जानिये इसके नाम और साइज के बारे में और जानें केरल उच्च न्यायालय ने निर्माण श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा को नियंत्रित करने वाले दो प्रमुख राष्ट्रीय कानूनों के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष का समाधान करने को कहा था, जिसके बाद यह आदेश आया। अदालत ने एक रियल एस्टेट डेवलपर वीगालैंड होम्स प्राइवेट लिमिटेड की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त (आरपीएफसी), कोच्चि को यह पता लगाने के लिए कहा था कि कौन सा कानून निर्माण श्रमिकों के लिए अधिक लाभकारी है।  आरपीएफसी ने निष्कर्ष निकाला कि ईपीएफ योजना बीओसीडब्ल्यू ढांचे की तुलना में निर्माण श्रमिकों के लिए बेहतर सुरक्षा देती है। आदेश में कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत आजीवन पेंशन कवरेज, कर्मचारी जमा से जुड़ी बीमा योजना (ईडीएलआई) के माध्यम से पर्याप्त मृत्यु और विकलांगता लाभ, राज्यों और नियोक्ताओं के बीच लाभों का हस्तांतरण, उच्च प्रतिफल के साथ दीर्घकालिक बचत और शिकायत निवारण के लिए प्रौद्योगिकी संचालित व्यवस्था का जिक्र किया गया।

निर्माण क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों को लेकर एक बड़ा और स्पष्ट मार्गदर्शन सामने आया है। भविष्य निधि संगठन (EPFO) की योजना को अब भवन तथा अन्य निर्माण श्रमिक अधिनियम (BOCW) की तुलना में बेहतर और अधिक लाभकारी माना गया है। यह फैसला कोच्चि के क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त उत्तम प्रकाश द्वारा सुनाया गया, जिसने निर्माण श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में दिशा स्पष्ट की है।

 दो प्रमुख कानूनों के बीच भ्रम

निर्माण श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा को लेकर भारत में दो बड़े कानून मौजूद हैं:

  1. कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 (EPF Act)

  2. भवन तथा अन्य निर्माण श्रमिक (BOCW) अधिनियम, 1996

इन दोनों कानूनों की कार्यप्रणाली और लाभों को लेकर लंबे समय से कन्फ्यूजन और विवाद की स्थिति बनी हुई थी। खासतौर से तब जब किसी एक निर्माण परियोजना पर इन दोनों अधिनियमों की अलग-अलग व्याख्या सामने आती थी।

 केरल हाईकोर्ट का हस्तक्षेप

इस मामले की पृष्ठभूमि में केरल उच्च न्यायालय की एक अहम भूमिका रही। अदालत ने V-Guard Homes Pvt. Ltd. नामक रियल एस्टेट कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया कि कौन-सा कानून निर्माण श्रमिकों को अधिक लाभ और सुरक्षा प्रदान करता है।

इसके बाद क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त (RPFC), कोच्चि को यह जांच करने को कहा गया कि कौन सा विकल्प निर्माण श्रमिकों के लिए वास्तव में हितकारी और दीर्घकालिक रूप से सुरक्षित है।

 ईपीएफ योजना क्यों बेहतर है?

PFC के आदेश में स्पष्ट किया गया कि EPFO की योजनाएं BOCW की तुलना में अधिक लाभकारी हैं, और इसके कई ठोस कारण दिए गए:

  1. आजीवन पेंशन सुविधा (EPS):
    कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने के बाद भी पेंशन मिलती रहती है, जिससे दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

  2. बीमा कवर (EDLI):
    EPF के तहत श्रमिकों को मृत्यु और विकलांगता पर बीमा का लाभ मिलता है, जो BOCW के अंतर्गत नहीं मिलता या बहुत सीमित होता है।

  3. राज्यों के बीच लाभ हस्तांतरण:
    EPF की प्रणाली केंद्र सरकार द्वारा संचालित है और इसका नेटवर्क देशभर में फैला हुआ है, जिससे श्रमिकों को एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित होने पर भी लाभ लेने में कठिनाई नहीं होती।

  4. उच्च रिटर्न और सेविंग्स:
    EPF एक लॉन्ग टर्म सेविंग स्कीम है जो बाजार से बेहतर ब्याज दर प्रदान करती है, जिससे श्रमिकों को अच्छा रिटर्न मिलता है।

  5. डिजिटल शिकायत निवारण प्रणाली:
    EPFO का पोर्टल तकनीक-सक्षम और पारदर्शी है, जिससे शिकायतों का समाधान तेजी से और ट्रैक किया जा सकता है

 बीओसीडब्ल्यू की सीमाएं

हालांकि BOCW अधिनियम भी श्रमिकों के कल्याण के लिए बना है, लेकिन इसमें कुछ व्यावहारिक कमियां हैं:

  • लाभों के वितरण में राज्यवार असमानता

  • आजीवन पेंशन जैसी व्यवस्था नहीं

  • लाभों का डिजिटल ट्रैकिंग या पोर्टेबिलिटी नहीं है।

  • कई राज्यों में पंजीकरण और नवीनीकरण की प्रक्रिया जटिल है।

 निष्कर्ष

इस फैसले के साथ यह स्पष्ट हो गया है कि निर्माण श्रमिकों के लिए EPFO की भविष्य निधि योजना ज्यादा सुरक्षित, पारदर्शी और फायदेमंद है। इसमें लंबे समय तक मिलने वाले लाभ, मृत्यु/विकलांगता कवरेज और तकनीक-आधारित सुविधा जैसे फायदे हैं, जो BOCW कानून की तुलना में कहीं बेहतर माने गए हैं।

यह आदेश देशभर के निर्माण क्षेत्र में कार्यरत लाखों श्रमिकों और नियोक्ताओं दोनों के लिए नीति निर्धारण और अनुपालन को आसान बनाएगा। साथ ही, सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में एक 統-मानक व्यवस्था की दिशा में बड़ा कदम भी साबित हो सकता है।

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