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गंगा दशहरा गलती से भी न करें इन चीजों का दान, टूट पड़ेगा दुखों का पहाड़!

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गंगा दशहरा हिंदू धर्म का एक पवित्र पर्व है, जिसे गंगा नदी के धरती पर अवतरण के रूप में मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु गंगा स्नान करते हैं, दान-पुण्य करते हैं और अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं। मान्यता है कि गंगा दशहरा पर गंगा स्नान और दान करने से दस प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसलिए यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस शुभ दिन पर कुछ विशेष वस्तुओं का दान वर्जित माना गया है? यदि इन चीजों का दान कर दिया जाए, तो यह पुण्य की बजाय भारी संकट का कारण बन सकता है।

क्या है गंगा दशहरा?

गंगा दशहरा हर साल ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। इस दिन गंगा में स्नान करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही लोग व्रत रखते हैं, पूजा करते हैं और जरूरतमंदों को दान देते हैं।

दान का महत्व

हिंदू धर्म में दान को महान पुण्य का कार्य माना गया है, खासकर तीर्थों पर और पवित्र अवसरों पर दिया गया दान कई गुना फलदायी होता है। लेकिन हर वस्तु दान करने योग्य नहीं होती। कुछ वस्तुएं ऐसी होती हैं, जिनका दान करना वर्जित होता है और यदि इन्हें दान कर दिया जाए, तो जीवन में परेशानियों का पहाड़ टूट सकता है।

गंगा दशहरा पर इन चीजों का दान न करें

  1. लोहे की वस्तुएं
    गंगा दशहरा जैसे पवित्र दिन पर लोहे की वस्तुएं दान करना अशुभ माना जाता है। इससे राहु-केतु और शनि के दुष्प्रभाव बढ़ सकते हैं और जीवन में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।

  2. काले वस्त्र या सामान
    काले कपड़े या काले रंग के किसी भी सामान का दान इस दिन नहीं करना चाहिए। यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है और जीवन में दुखों को बढ़ा सकता है।

  3. नुकीली वस्तुएं (जैसे चाकू, कैंची)
    धारदार या नुकीली वस्तुओं का दान करने से रिश्तों में कटुता आ सकती है और घर में तनाव बना रहता है। यह गृह क्लेश का कारण भी बन सकता है।

  4. नमक और तेल
    नमक और सरसों का तेल गंगा दशहरा पर दान करना वर्जित माना गया है। यह शारीरिक और मानसिक कष्टों को आमंत्रित करता है।

  5. जूठी या इस्तेमाल की गई वस्तुएं
    कोई भी वस्तु जो पहले से इस्तेमाल की गई हो या जूठी हो, उसे दान करना न केवल अपवित्र माना जाता है बल्कि इससे पुण्य के स्थान पर पाप लग सकता है।

क्या करें इस दिन?

गंगा दशहरा पर सफेद वस्त्र, साफ जल, सात अनाज, मिठाई, सिक्के, ध्यान और मंत्रजाप का दान करना उत्तम माना जाता है। साथ ही मां गंगा की आरती करना, गंगा जल का छिड़काव और घर की सफाई करने से सकारात्मक ऊर्जा आती है।

निष्कर्ष

गंगा दशहरा एक ऐसा दिन है, जब सही तरीके से किए गए स्नान, दान और पूजा से जीवन के पाप मिट सकते हैं और सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है। लेकिन जरा सी भूल भारी पड़ सकती है। इसलिए इस दिन विशेष सावधानी बरतें और केवल शुभ वस्तुओं का ही दान करें। वरना पुण्य की जगह अनजाने में पाप का भागी बनना पड़ सकता है।

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