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GST रजिस्ट्रेशन शिकायतों के समाधान के लिए व्यवस्था बनाएं: CBIC ने केंद्रीय अधिकारियों को दिए निर्देश

जीएसटी पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों को शिकायत निवारण के लिए औपचारिक प्रणाली तैयार करने का निर्देश दिया है। अब आवेदक अपनी समस्याएं सार्वजनिक ईमेल के ज़रिए भेज सकेंगे और समयबद्ध समाधान की निगरानी भी की जाएगी।   ये भी पढ़ें: स्मार्टफोन्स से लेकर Kindle तक, एक क्लिक में पढ़ें इस हफ्ते की सबसे बड़ी टेक सुर्खियां  सीबीआईसी ने केंद्रीय कर के प्रधान मुख्य आयुक्तों को दिए निर्देश में कहा है कि शिकायत निवारण की स्थिति पर मासिक रिपोर्ट जीएसटी महानिदेशालय (डीजी) को भेजनी होगी, जो उसे संकलित कर बोर्ड के समक्ष पेश करेंगे। सीबीआईसी ने कहा, "हरेक सीजीएसटी क्षेत्र के प्रधान मुख्य आयुक्त/ मुख्य आयुक्त एक सार्वजनिक ईमेल पता जारी करेंगे, जिस पर आवेदक अपनी शिकायतें भेज सकेंगे। आवेदकों को एआरएन विवरण और उठाए गए मुद्दों का संक्षिप्त विवरण ईमेल पर भेजना होगा।"  recommended by    Brainberries कौन सा सांप है बड़ा, टाइटनोबोआ या अनाकोंडा? और जानें सीबीआईसी ने अधिकारियों को समयबद्ध शिकायत निवारण सुनिश्चित करने और आवेदकों को सूचित करने का आदेश दिया है। यह कदम जीएसटी पंजीकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है, खासकर उन शिकायतों के बाद जिनमें अधिकारियों द्वारा अनावश्यक स्पष्टीकरण और अतिरिक्त दस्तावेजों की मांग की जा रही थी।  पिछले महीने, सीबीआईसी ने कहा था कि व्यवसायों को जीएसटी पंजीकरण सात दिनों के भीतर मिल जाएगा, जबकि जो आवेदन "जोखिमपूर्ण" माने जाएंगे, उन्हें 30 दिनों के भीतर फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद प्रोसेस किया जाएगा।  कुछ क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा "अनावश्यक दस्तावेज" मांगने और "पूर्वानुमानित सवाल" उठाने की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए, सीबीआईसी ने एक "संकेतात्मक सूची" जारी की है, जिसमें अधिकारियों को ऑनलाइन दस्तावेज़ मांगने की अनुमति दी गई है।  सीबीआईसी द्वारा यह निर्देश जारी करते हुए कहा गया है कि जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करने में व्यवसायों को जो कठिनाइयाँ आ रही थीं, वे मुख्य रूप से अधिकारियों द्वारा किए जा रहे स्पष्टीकरण और अतिरिक्त दस्तावेज़ों की मांग के कारण थीं, जो बोर्ड द्वारा निर्धारित नहीं किए गए थे। एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि यह जीएसटी पंजीकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने जीएसटी पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। अब जीएसटी आवेदकों को शिकायत भेजने और समाधान पाने के लिए एक औपचारिक प्रणाली उपलब्ध कराई जाएगी। यह निर्णय देशभर के व्यापारियों और व्यवसायों को राहत देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

 सार्वजनिक ईमेल से शिकायत भेजने की सुविधा

CBIC ने सभी केंद्रीय जीएसटी (CGST) क्षेत्रों के प्रधान मुख्य आयुक्तों/मुख्य आयुक्तों को निर्देश दिया है कि वे एक सार्वजनिक ईमेल पता जारी करें, जिस पर जीएसटी पंजीकरण से जुड़ी शिकायतें भेजी जा सकें।

आवेदकों को अपनी शिकायत भेजते समय नीचे दी गई जानकारी शामिल करनी होगी:

  • एप्लिकेशन रेफरेंस नंबर (ARN)

  • शिकायत या समस्या का संक्षिप्त विवरण

इस नई व्यवस्था से जीएसटी आवेदन प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और आवेदक अपने मामलों की स्थिति को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे।

 शिकायत निवारण की निगरानी होगी समयबद्ध

CBIC ने स्पष्ट किया है कि सभी क्षेत्रों से हर महीने शिकायत निवारण की स्थिति की रिपोर्ट महानिदेशालय (DG-GST) को भेजी जाएगी, जो उसे संकलित कर बोर्ड के समक्ष रखेगा। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि:

  • शिकायतों का समय पर समाधान किया जाए

  • शिकायतकर्ता को समाधान के बारे में सूचित भी किया जाए

इससे पंजीकरण प्रक्रिया में देरी और अनावश्यक पूछताछ की समस्याओं को कम करने में मदद मिलेगी।

 अनावश्यक दस्तावेजों की मांग पर लगेगा अंकुश

BIC को हाल के दिनों में शिकायतें मिली थीं कि कुछ क्षेत्रीय अधिकारी जीएसटी पंजीकरण के दौरान अतिरिक्त दस्तावेजों की मांग कर रहे थे, जो नियमों में अनिवार्य नहीं थे।

इन शिकायतों को देखते हुए CBIC ने एक संकेतात्मक सूची (Indicative List) जारी की है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि अधिकारियों को केवल वही दस्तावेज मांगने की अनुमति है, जो नियमों के तहत निर्धारित हैं। इससे मनमानी रोकने और व्यवसायियों को अनावश्यक बोझ से बचाने में मदद मिलेगी।

 7 और 30 दिन की पंजीकरण समयसीमा तय

CBIC ने पहले ही यह स्पष्ट किया था कि:

  • सामान्य आवेदन (जो जोखिम रहित हैं) को 7 दिनों के भीतर निपटाया जाएगा

  • जो आवेदन जोखिमपूर्ण (risky) माने जाएंगे, उनका फिजिकल वेरिफिकेशन करके 30 दिनों के भीतर पंजीकरण दिया जाएगा

इससे व्यापारियों को पूर्वनियोजित समयसीमा में परिणाम मिलेगा, और जीएसटी पंजीकरण की प्रक्रिया में तेजी आएगी।

 विशेषज्ञों की राय

रजत मोहन, जो एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर हैं, ने कहा:

“CBIC का यह कदम जीएसटी पंजीकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण सुधार है। यह व्यवसायों को अधिकारियों की मनमानी से बचाने में मदद करेगा।”

निष्कर्ष

CIC की यह पहल उन सभी व्यवसायियों और उद्यमियों के लिए राहत लेकर आई है, जिन्हें जीएसटी पंजीकरण के दौरान अनावश्यक अड़चनों का सामना करना पड़ रहा था। शिकायत निवारण की औपचारिक प्रणाली, दस्तावेजों की सीमा तय करने और समयबद्ध पंजीकरण की व्यवस्था से यह पूरी प्रक्रिया अब कहीं ज्यादा स्पष्ट, तेज और उत्तरदायी बन सकेगी।

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