GST रजिस्ट्रेशन शिकायतों के समाधान के लिए व्यवस्था बनाएं: CBIC ने केंद्रीय अधिकारियों को दिए निर्देश

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने जीएसटी पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। अब जीएसटी आवेदकों को शिकायत भेजने और समाधान पाने के लिए एक औपचारिक प्रणाली उपलब्ध कराई जाएगी। यह निर्णय देशभर के व्यापारियों और व्यवसायों को राहत देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
सार्वजनिक ईमेल से शिकायत भेजने की सुविधा
CBIC ने सभी केंद्रीय जीएसटी (CGST) क्षेत्रों के प्रधान मुख्य आयुक्तों/मुख्य आयुक्तों को निर्देश दिया है कि वे एक सार्वजनिक ईमेल पता जारी करें, जिस पर जीएसटी पंजीकरण से जुड़ी शिकायतें भेजी जा सकें।
आवेदकों को अपनी शिकायत भेजते समय नीचे दी गई जानकारी शामिल करनी होगी:
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एप्लिकेशन रेफरेंस नंबर (ARN)
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शिकायत या समस्या का संक्षिप्त विवरण
इस नई व्यवस्था से जीएसटी आवेदन प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और आवेदक अपने मामलों की स्थिति को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे।
शिकायत निवारण की निगरानी होगी समयबद्ध
CBIC ने स्पष्ट किया है कि सभी क्षेत्रों से हर महीने शिकायत निवारण की स्थिति की रिपोर्ट महानिदेशालय (DG-GST) को भेजी जाएगी, जो उसे संकलित कर बोर्ड के समक्ष रखेगा। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि:
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शिकायतों का समय पर समाधान किया जाए
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शिकायतकर्ता को समाधान के बारे में सूचित भी किया जाए
इससे पंजीकरण प्रक्रिया में देरी और अनावश्यक पूछताछ की समस्याओं को कम करने में मदद मिलेगी।
अनावश्यक दस्तावेजों की मांग पर लगेगा अंकुश
BIC को हाल के दिनों में शिकायतें मिली थीं कि कुछ क्षेत्रीय अधिकारी जीएसटी पंजीकरण के दौरान अतिरिक्त दस्तावेजों की मांग कर रहे थे, जो नियमों में अनिवार्य नहीं थे।
इन शिकायतों को देखते हुए CBIC ने एक संकेतात्मक सूची (Indicative List) जारी की है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि अधिकारियों को केवल वही दस्तावेज मांगने की अनुमति है, जो नियमों के तहत निर्धारित हैं। इससे मनमानी रोकने और व्यवसायियों को अनावश्यक बोझ से बचाने में मदद मिलेगी।
7 और 30 दिन की पंजीकरण समयसीमा तय
CBIC ने पहले ही यह स्पष्ट किया था कि:
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सामान्य आवेदन (जो जोखिम रहित हैं) को 7 दिनों के भीतर निपटाया जाएगा
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जो आवेदन जोखिमपूर्ण (risky) माने जाएंगे, उनका फिजिकल वेरिफिकेशन करके 30 दिनों के भीतर पंजीकरण दिया जाएगा
इससे व्यापारियों को पूर्वनियोजित समयसीमा में परिणाम मिलेगा, और जीएसटी पंजीकरण की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
विशेषज्ञों की राय
रजत मोहन, जो एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर हैं, ने कहा:
“CBIC का यह कदम जीएसटी पंजीकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण सुधार है। यह व्यवसायों को अधिकारियों की मनमानी से बचाने में मदद करेगा।”
निष्कर्ष
CIC की यह पहल उन सभी व्यवसायियों और उद्यमियों के लिए राहत लेकर आई है, जिन्हें जीएसटी पंजीकरण के दौरान अनावश्यक अड़चनों का सामना करना पड़ रहा था। शिकायत निवारण की औपचारिक प्रणाली, दस्तावेजों की सीमा तय करने और समयबद्ध पंजीकरण की व्यवस्था से यह पूरी प्रक्रिया अब कहीं ज्यादा स्पष्ट, तेज और उत्तरदायी बन सकेगी।