म्यूचुअल फंड या डायरेक्ट इक्विटी से जुड़ा एक बेहद खास नियम अब सरकार ने हाल ही में बदल दिया हैं और यह नियम टैक्स की देनदारी को लेकर है जो लोग म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं या डायरेक्ट इक्विटी में पैसा लगाते हैं, उन्हें टैक्स के इस नए नियम के बारे जरूर जाना चाहिए । तो आइए आपको बता दें कि इस नए नियम के बारे में । बता दें कि, इस तरह की स्कीम में टैक्स की देनदारी का पहले कोई नियम नहीं था । पहले लोग डिविडेंड पर टैक्स नहीं देते थे मगर वित्तीय वर्ष 2019-20 के बाद इन नियमों में काफी बदलाव आया है और साल 2019-20 से पहले कंपनी और फंड हाउस डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स चुकाते थे । निवेशकों को डिविडेंट देने से पहले कंपनियां सरकार को डीडीटी चुकाया करती थी, जबकि निवेशक के हाथ में डिविडेंट के रूप में जो पैसा आता था वो पूरी तरह से टैक्स फ्री हुआ करता था इसलिए निवेशक भले ही किसी भी टैक्स स्लैब में हो, उसका डिविडेंड टैक्स फ्री होता था मगर अब से ऐसा नहीं होगा ।
जानिए, नया नियम —
आपको बता दें कि, अब सरकार ने डीडीटी को पूरी तरह से खत्म कर दिया हैं और उसके खत्म होते ही निवेशक के हाथ में डिविडेंट या लाभांश का जो भी पैसा आएगा, उस पर टैक्स की देनदारी बनेगी । आरएसएम इंडिया के फाउंडर डॉ. सुरेश सुराना ने बताया है कि, लाभांश से जुड़े इनकम टैक्स के प्रावधानों में फाइनेंस एक्ट, 2020 में बदलाव किया गया है और ये बदलाव इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के अंतर्गत है । मगर अब नए नियम के अनुसार जो निवेशक उच्च टैक्स स्लैब में आते हैं, उन्हें लाभांश से होने वाली कमाई पर ज्यादा टैक्स देना पडेगा और कम लाभांश कमाने वालों को कम टैक्स देना होगा मगर टैक्स तो दोनों ही सूरतों में देना होगा । बता दें कि, बदला हुआ नियम 1 अप्रैल, 2020 से लागू हो चुका हैं ।