अहंकार के 5 रूप! जानिए ये कैसे धीरे-धीरे आपका करियर कर देता है बर्बाद और अपनों से दूर? फटाफट देख डाले चेतावनी भरा वीडियो
हर व्यक्ति के भीतर आत्मसम्मान और आत्मविश्वास होना जरूरी है, लेकिन जब यह आत्मविश्वास धीरे-धीरे “मैं ही सब कुछ हूं” की भावना में बदलने लगे, तो यही बन जाता है ‘अहंकार’। यह अहंकार दिखने में तो साधारण लग सकता है, लेकिन इसके कई ऐसे छिपे हुए रूप होते हैं, जो धीरे-धीरे किसी व्यक्ति के करियर, रिश्तों और मानसिक शांति को अंदर से खोखला कर देते हैं।
क्या है अहंकार?
अहंकार यानी ‘अहं की अति’। जब व्यक्ति अपनी सफलता, ज्ञान, पद या अनुभव के आधार पर दूसरों को तुच्छ समझने लगे या स्वयं को सर्वश्रेष्ठ मानने लगे, तो वह अहंकारी हो जाता है। यह शुरुआत में छोटे रूपों में आता है, जैसे दूसरों की बात न सुनना, हमेशा खुद को सही मानना, टीमवर्क से बचना, या सलाह लेने में शर्म महसूस करना।लेकिन जैसे-जैसे यह आदत बनती जाती है, यह व्यक्ति को अपनों से भी दूर करने लगती है।
अहंकार के छिपे हुए 5 प्रमुख रूप
सुपीरियरिटी कॉम्प्लेक्स:
जब कोई खुद को हर स्थिति में बेहतर मानने लगता है और दूसरों की मेहनत को नजरअंदाज करता है।
टॉक्सिक इंडिपेंडेंस:
जब इंसान दूसरों की मदद को कमजोरी मानता है और हर बार अकेले फैसले लेना पसंद करता है, भले ही वो गलत हो।
क्रेडिट हंगर:
जब कोई हर उपलब्धि का श्रेय खुद लेना चाहता है और टीम या सहयोगियों के योगदान को नहीं मानता।
सीखने से इनकार:
अहंकारी व्यक्ति को लगता है कि उसे सब पता है। ऐसे में वो नई चीजें सीखने या एक्सपर्ट की सलाह मानने से कतराता है।
मौन अपमान:
किसी की बात को नज़रअंदाज़ करना, जवाब न देना या जान-बूझकर इग्नोर करना भी अहंकार का सूक्ष्म रूप है।
करियर पर कैसे डालता है बुरा असर?
टीम से अलगाव:
एक अहंकारी व्यक्ति अक्सर टीम वर्क में विफल रहता है। उसका रवैया दूसरों को असहज करता है जिससे सहयोग कम होता है और अंततः वह खुद अकेला पड़ जाता है।
फीडबैक न लेना:
करियर में सुधार फीडबैक से आता है, लेकिन जब कोई व्यक्ति आलोचना या सलाह नहीं सुनता, तो वह अपनी गलतियों को दोहराता रहता है।
नेटवर्किंग में बाधा:
एक सफल करियर के लिए नेटवर्किंग जरूरी है। लेकिन अहंकार वाला व्यक्ति दूसरों से संबंध नहीं बना पाता।
मौकों से चूक:
जब व्यक्ति अपने छोटे पद या भूमिका को भी बहुत बड़ा मानने लगता है, तो वह आगे बढ़ने के बड़े मौकों को नजरअंदाज कर देता है।
अपनों से कैसे करता है दूर?
अहंकार धीरे-धीरे रिश्तों में दूरी पैदा करता है। जब आप सामने वाले की बात न सुनें, केवल खुद को सही मानें, और हर समय दूसरों की कमियां गिनवाएं—तो रिश्ते टूटने में देर नहीं लगती। माता-पिता, जीवनसाथी, दोस्त या सहकर्मी, सभी रिश्ते संवाद और समझदारी पर टिके होते हैं, और अहंकार इन दोनों को खत्म कर देता है।
समाधान क्या है?
आत्ममंथन करें:
हर दिन खुद से पूछें — "क्या मैंने किसी को नीचा दिखाया?", "क्या मैं सुनने में बेहतर हो सकता हूं?"
फीडबैक स्वीकारें:
आलोचना को अपमान न मानें। यह आपको बेहतर बना सकती है।
माफ़ी मांगना सीखें:
माफ़ी मांगना कमजोरी नहीं, बल्कि आत्मविश्वास की निशानी है।
ध्यान और मेडिटेशन:
ध्यान आपको अपने अंदर झांकने की शक्ति देता है, जिससे अहंकार स्वतः कम होने लगता है।

