AI से इन लोगों की नौकरी पर मंडरा रहा खतरा, इन पोस्ट पर काम करने वालों को कंपनी वाले कर रहे हैं बाहर
दुनिया भर की बड़ी कंपनियों से छंटनी की खबरें आ रही हैं। पिछले कुछ सालों में कई बड़ी कंपनियों ने बड़ी संख्या में अपने कर्मचारियों की छंटनी की है। कंपनियों द्वारा की जा रही इन छंटनी का सबसे अहम कारण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि एआई के बढ़ते इस्तेमाल ने दुनिया भर में कई नौकरियों पर खतरा बढ़ा दिया है। तो आइए हाल ही में हुई छंटनी से जानने की कोशिश करते हैं कि किस तरह की नौकरियों पर सबसे ज़्यादा असर पड़ा है और किस सेक्टर और किस पद पर एआई की नौकरियां गई हैं...
कितनी छंटनी?
कई कंपनियां एआई की वजह से लोगों की छंटनी कर रही हैं। मोटे आंकड़ों पर गौर करें तो माना जा रहा है कि साल 2022 से 2024 के बीच लगभग 5 लाख 82 हज़ार लोगों की नौकरी जा चुकी है। 2023 में ढाई लाख से ज़्यादा कर्मचारियों की छंटनी हुई। यह सिलसिला साल 2025 में भी जारी रहेगा। अगर इस साल की बात करें तो मेटा ने 3,600, एचपीई ने 2,500, एचपी ने 2000, वर्कडे ने 1750, ऑटो डेस्क ने 1350, ओला इलेक्ट्रिक ने 1200, ब्लू ओरिजिन और सेल्फफोर्स ने 1000 लोगों को नौकरी से निकाला है।
इनके अलावा भी कई कंपनियों के नाम इसमें शामिल हैं।
अमेज़न की अमेज़न वेब सर्विसेज़ (AWS) ने सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी की है। माइक्रोसॉफ्ट ने 2025 में लगभग 15,000 नौकरियों में कटौती करने की योजना बनाई है, जिसमें सबसे बड़ी कटौती जुलाई में होगी। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ यानी टीसीएस ने 2025 में लगभग 12,200 कर्मचारियों की छंटनी करने की योजना बनाई है। इंटेल ने 2025 में 5,500 नौकरियों में कटौती करने की योजना बनाई है। ये छंटनी अलग-अलग जगहों पर हो रही है, जिनमें विदेशों में स्थित कई कार्यालय भी शामिल हैं। कई रिपोर्टों में यह आँकड़ा 21,000 भी बताया जा रहा है। क्राउडस्ट्राइक ने अपने 5 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। फिनटेक कंपनी क्लार्ना ने पिछले एक साल में नई नियुक्तियों पर रोक लगा दी है और कंपनी का आकार छोटा हो रहा है।
किन लोगों को सबसे ज़्यादा ख़तरा है?
अपनी कंपनियों में छंटनी के बाद, कई अधिकारियों ने माना है कि एआई कर्मचारियों की ज़रूरत कम कर रहा है, लेकिन कुछ कंपनियाँ इससे इनकार कर रही हैं। अब सवाल यह है कि किन लोगों को सबसे ज़्यादा ख़तरा है... तो आपको बता दें कि इन कंपनियों में जिन पदों पर सबसे ज़्यादा कैंची चली है, उनमें कोडिंग, सर्टिफिकेशन, एचआर दस्तावेज़ और ईमेल रिस्पॉन्स आदि में काम करने वाले कर्मचारी शामिल हैं।
उदाहरण के लिए, अमेज़न में एआई ऑटोमेशन पर काफ़ी काम हो रहा है, जिसके कारण प्रिंसिपल स्तर, संचार विभाग, पुस्तक व्यवसाय की नौकरियाँ ख़तरे में हैं। इससे प्रशिक्षण, प्रमाणन का काम करने वाले लोगों की नौकरियाँ चली गई हैं। इसके अलावा, ऑटोमेशन, इंजीनियरिंग और उत्पाद भूमिकाओं, बिक्री और क्षेत्रीय सहायता कार्यों, सहायता, प्रशासन की नौकरियों में काम करने वाले लोग माइक्रोसॉफ्ट में चले गए हैं। इंटेल के ऑटोमोटिव चिप डिवीजन, इंजीनियरों, टीसीएस के मध्यम और वरिष्ठ स्तर के पेशेवरों की नौकरियाँ जा रही हैं। ऐसे में आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि कौन-कौन सी नौकरियाँ जा रही हैं।
कौन सी नौकरियाँ AI से प्रभावित होंगी?
विश्व आर्थिक मंच के आंकड़ों के अनुसार, कैशियर, टिकट क्लर्क, प्रशासनिक सहायक, सचिवीय पदों की नौकरियाँ खतरे में हैं। इसके अलावा, मैनुअल कार्यों पर आधारित नौकरियाँ भी सबसे ज़्यादा खतरे में हैं, क्योंकि उनकी जगह RPA यानी रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन या AI ले रहा है। साथ ही डाक क्लर्क, बैंक टेलर, डेटा एंट्री ऑपरेटर आदि की नौकरियाँ भी खतरे में हैं।
कौन सी नौकरियाँ AI से नहीं बदली जाएँगी?
विश्व आर्थिक मंच के आंकड़ों के अनुसार, डिलीवरी सेवा, निर्माण, खेती, खाद्य प्रसंस्करण, शिक्षक, नर्स, परामर्शदाता, सामाजिक कार्यकर्ताओं पर AI का ज़्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा।

