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ब्लड ग्रुप मैचिंग क्यों है शादी में अहम ? जानिए ऐसा ना करने पर क्या-क्या हो सकती हैं गंभीर दिक्कतें​​​​​​​

ब्लड ग्रुप मैचिंग क्यों है शादी में अहम ? जानिए ऐसा ना करने पर क्या-क्या हो सकती हैं गंभीर दिक्कतें

शादी सिर्फ़ दो लोगों का रिश्ता नहीं है, बल्कि दो दिलों, दो परिवारों और दो जिंदगियों का मिलन है। जब शादी की बात आती है, तो लोग अक्सर कुंडली, ग्रहों की स्थिति और यहाँ तक कि परिवार की वंशावली पर भी विचार करते हैं। अक्सर यह सवाल उठता है: क्या अलग-अलग ब्लड ग्रुप शादी में समस्याएँ पैदा कर सकते हैं? क्या यह कपल की समझ, प्यार या भविष्य पर असर डालता है? क्या ब्लड ग्रुप में अंतर प्रेग्नेंसी के दौरान मुश्किलें पैदा कर सकता है? मेडिकल साइंस के अनुसार, ब्लड ग्रुप का शादी की खुशी, प्यार या रिश्ते की मज़बूती से कोई सीधा संबंध नहीं है। हालाँकि, ब्लड ग्रुप, खासकर Rh फैक्टर, प्रेग्नेंसी के दौरान भूमिका निभाता है।

ब्लड ग्रुप क्या होते हैं?
हर इंसान का ब्लड ग्रुप जन्म के समय तय होता है। इसे बदला नहीं जा सकता। मुख्य रूप से चार ब्लड ग्रुप होते हैं:
A
B
O
AB
इनके साथ, एक और फैक्टर होता है जिसे Rh फैक्टर कहते हैं:

Rh पॉजिटिव (+)
Rh नेगेटिव (–)
इससे कुल 8 ब्लड ग्रुप बनते हैं:

A+, A-, B+, B-, O+, O-, AB+, AB-

शादी की कम्पैटिबिलिटी में ब्लड ग्रुप की भूमिका
ब्लड ग्रुप का शादी और रिश्ते में समझ, प्यार, विश्वास और आपसी सम्मान पर कोई असर नहीं पड़ता है। अगर दो लोग एक-दूसरे को समझते हैं, तो अलग-अलग ब्लड ग्रुप होने के बावजूद भी शादी पूरी तरह से सफल हो सकती है।

प्रेग्नेंसी में ब्लड ग्रुप क्यों ज़रूरी है?
प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड ग्रुप ज़रूरी होता है क्योंकि यह माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करता है। अगर माँ का ब्लड ग्रुप Rh नेगेटिव है और अजन्मा बच्चा Rh पॉजिटिव है, तो माँ का शरीर बच्चे के खून को बाहरी खतरा मान सकता है। इससे माँ के शरीर में एंटीबॉडी बन सकती हैं। कभी-कभी, प्रेग्नेंसी के दौरान माँ को खून चढ़ाने की ज़रूरत पड़ सकती है, और अगर पति का ब्लड ग्रुप अलग है, तो वह अपनी पत्नी को खून डोनेट नहीं कर पाएगा। पहली प्रेग्नेंसी में इसका असर कम होता है, लेकिन बाद की प्रेग्नेंसी में ये एंटीबॉडी बच्चे को नुकसान पहुँचा सकती हैं। समय पर एंटी-डी इंजेक्शन इस समस्या को रोकता है और माँ और बच्चे दोनों को सुरक्षित रखता है। वरना, इससे बच्चे में एनीमिया या पीलिया जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। समय पर जाँच और एंटी-डी इंजेक्शन से इस जोखिम से आसानी से बचा जा सकता है।

क्या यह Rh कॉम्बिनेशन खतरनाक है?
Rh इनकम्पैटिबिलिटी खतरनाक नहीं है; आजकल, मेडिकल सुविधाएँ इतनी एडवांस्ड हैं कि इस समस्या का पता प्रेग्नेंसी से पहले की जाँच में ही चल जाता है। ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर RhoGAM इंजेक्शन लगाते हैं। इससे माँ और बच्चा दोनों सुरक्षित रहते हैं, और एक स्वस्थ बच्चा पैदा होता है।

क्या पति-पत्नी एक-दूसरे को खून दान कर सकते हैं?

बहुत से लोग सोचते हैं कि क्या पति-पत्नी एक-दूसरे को खून दान कर सकते हैं, लेकिन इसका शादी से कोई लेना-देना नहीं है। यह दोनों व्यक्तियों के ब्लड ग्रुप पर निर्भर करता है।
O- ब्लड ग्रुप वाले लोग किसी को भी खून दान कर सकते हैं, इसलिए उन्हें यूनिवर्सल डोनर कहा जाता है।
AB+ ब्लड ग्रुप वाले लोग किसी से भी खून ले सकते हैं, इसलिए उन्हें यूनिवर्सल रेसिपिएंट कहा जाता है।
यह जानकारी इमरजेंसी में उपयोगी हो सकती है, लेकिन इसे शादी की शर्त नहीं बनाना चाहिए।

क्या ब्लड ग्रुप पर्सनैलिटी और रिलेशनशिप कम्पैटिबिलिटी तय करता है?
जापान में यह माना जाता है कि किसी व्यक्ति का ब्लड ग्रुप उसकी पर्सनैलिटी बताता है, जैसे:
A: व्यवस्थित
B: स्वतंत्र
O: पॉजिटिव
AB: लीक से हटकर सोचने वाला
हालांकि, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। रिसर्च के अनुसार, ब्लड ग्रुप और पर्सनैलिटी या शादी की कम्पैटिबिलिटी के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।

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