डिलीवरी के बाद हो रही ज्यादा ब्लीडिंग, तो ये है कारगर उपाय
बच्चे के जन्म के बाद योनि से कुछ सप्ताह तक ब्लीडिंग होना पूरी तरह से सामान्य प्रक्रिया है। प्रसव के तुरंत बाद लगातार हफ्तों तक रक्त के साथ ब्लड क्लॉट या खून के थक्के भी आ सकते हैं। बच्चे के जन्म के बाद हर महिला इस दौर से गुजरती है। इस तरह की ब्लीडिंग और क्लोट्स से गर्भाशय धीरे धीरे साफ हो जाता है। मेडिकल भाषा में प्रसव बाद होने वाले रक्तस्राव को लोकिया lochia कहते हैं और यह गर्भाशय से होने वाला नार्मल डिस्चार्ज है। आम तौर पर यह दो से छह सप्ताह के बीच तक होता है और इसका रंग भिन्न हो सकता है। अगर आप भी इस दौर से गुजर रही हैं और इससे छुटकारा पाना चाहती हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।
अगर आपको डिलीवरी के बाद पिंक या भूरे रंग की ब्लीडिंग हुई और कुछ वक्त बाद ब्लीडिंग के रंग में बदलाव आता है तो आपको लाल रंग की ब्लीडिंग होती है तो ऐसे में आपको आराम की सख्त जरूरत है।
कहते है स्तनपान कराना बच्चे के साथ साथ मां के लिए बहुत लाभदायक होता है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कुछ हॉर्मोन निकलते हैं जिसे ऑक्सीटोसिन कहते हैं जो की गर्भाशय को सिकुड़ने में मदद करता है जिस कारण ब्लीडिंग कम होने लगता है।
पोस्टपार्टम ब्लीडिंग के दौरान सेक्स करना आपके और आपके पति के लिए सुरक्षित नहीं होता। इन्फेक्शन के साथ साथ गर्भाशय को नुकसान होता होता है।
ज्यादा समस्या होने पर अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। साथ ही ये भी पूछ ले कि क्या क्या सावधानी बरतनी है।
ब्लीडिंग से बचने के लिए आप डिलीवरी अंडरवियर को पहन सकती है यह काफी आरामदायक होती है। साथ ही यह आम अंडरवियर्स से काफी डिस्पोजेबल होता है।
ब्लीडिंग ज्यादा होने से आपमें खून की कमी हो सकती है। इसलिए इस दौरान अपने खान पान में बिलकुल लापरवाही न करें। आयरन शरीर के लिए काफी लाभदायक होता है और यह डिलीवरी के बाद ब्लड काउंट बढ़ाने में भी मददगार होता है। इसलिए खाने में हरी सब्ज़ियां, मीट, बीन्स जैसे चीज़ों को जरूर शामिल करें।

