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सरसों का साग और मक्के की रोटी : सर्दियों में स्वाद और सेहत का खजाना

नई दिल्ली, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। सर्दियों का मौसम आते ही कई लोग अपने खाने-पीने में बदलाव लाने लगते हैं। इस दौरान गर्म और पौष्टिक भोजन का महत्व और भी बढ़ जाता है। अगर बात करें उत्तर भारत की पारंपरिक थाली की, तो इस मौसम में सबसे पहला नाम सरसों के साग और मक्के की रोटी का आता है। यह सिर्फ स्वाद में लाजवाब नहीं है, बल्कि सेहत के लिए भी अद्भुत गुणों से भरा हुआ है।
सरसों का साग और मक्के की रोटी : सर्दियों में स्वाद और सेहत का खजाना

नई दिल्ली, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। सर्दियों का मौसम आते ही कई लोग अपने खाने-पीने में बदलाव लाने लगते हैं। इस दौरान गर्म और पौष्टिक भोजन का महत्व और भी बढ़ जाता है। अगर बात करें उत्तर भारत की पारंपरिक थाली की, तो इस मौसम में सबसे पहला नाम सरसों के साग और मक्के की रोटी का आता है। यह सिर्फ स्वाद में लाजवाब नहीं है, बल्कि सेहत के लिए भी अद्भुत गुणों से भरा हुआ है।

आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों ही इसे शारीरिक ताकत और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला मानते हैं।

सरसों का साग विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है। इसमें विटामिन ए, सी, के और ई के साथ-साथ आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम भी भरपूर मात्रा में होताे हैं। विटामिन ए आंखों और त्वचा के लिए जरूरी होता है। यह रेटिना को स्वस्थ रखता है और देखने की क्षमता को बढ़ाता है।

विटामिन-सी साग इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करती है। यह शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को मजबूत करता है और सर्दी, जुकाम या वायरल इन्फेक्शन से बचाने में मदद करता है।

सरसों का साग फाइबर से भी भरपूर होता है। फाइबर पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में मदद करता है। यह हमारी आंतों में भोजन को धीरे-धीरे पचने देता है, जिससे कब्ज जैसी समस्याएं नहीं होतीं। फाइबर खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को भी संतुलित रखता है। यह दिल को स्वस्थ बनाए रखता है और हृदय रोग के जोखिम को कम करता है।

इसके अलावा, सरसों के साग में एंटी-ऑक्सीडेंट्स जैसे ग्लूकोसिनोलेट्स भी पाए जाते हैं। ये तत्व शरीर को अंदर से साफ करते हैं और हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, यह शरीर के दोषों को संतुलित रखने में भी सहायक है। विज्ञान की मानें तो एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और लंबे समय में कैंसर जैसी बीमारियों से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।

हड्डियों की मजबूती के लिए भी यह साग बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद कैल्शियम और विटामिन-के हड्डियों को मजबूत बनाए रखते हैं। कैल्शियम हड्डियों के निर्माण के लिए जरूरी होता है, जबकि विटामिन-के हड्डियों के कोलेजन और मिनरल्स को जोड़ने में मदद करता है। इसलिए सर्दियों में इसे खाने से हड्डियां मजबूत रहती हैं और दर्द या कमजोरी कम महसूस होती है।

आयुर्वेद के अनुसार, सर्दियों में गर्म और पोषणयुक्त भोजन शरीर में अग्नि या पाचन शक्ति को बढ़ाता है। सरसों का साग इसमें भी लाभकारी है। यह न केवल शरीर को गर्म रखता है, बल्कि रक्त संचार को भी बेहतर बनाता है। मक्के की रोटी के साथ इसका सेवन शरीर में ऊर्जा भर देता है और लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है।

--आईएएनएस

पीके/एएस

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