रोजाना बच्चों को दूध देना सही है? सही समय और मात्रा जानना भी है जरूरी
नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। सर्दियों में दूध लेना हर उम्र के लोगों के लिए लाभकारी माना जाता है। सर्दियों के मौसम में दूध के साथ गुड़, खजूर और केसर का भी सेवन किया जाता है।
हालांकि, बड़ों की तुलना में बच्चों को दूध पिलाने पर अधिक फोकस किया जाता है, क्योंकि बच्चों की उम्र तेजी से बढ़ती है और बढ़ती हुई अवस्था में मांसपेशियों व हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए दूध अनिवार्य बन जाता है, लेकिन क्या हर बच्चे को दूध पीना चाहिए और क्या रोज दूध पीना सही है?
हर बच्चा अलग होता है। बच्चों की पाचन शक्ति अलग-अलग हो सकती है। इसलिए दूध ज़बरदस्ती न पिलाएं, पहले उनके डाइजेशन को समझें। आयुर्वेद कहता है कि सही दूध, सही मात्रा में, सही समय पर पीने से ही सच्चा पोषण मिलता है। पहले समझते हैं कि दूध क्यों अनिवार्य है।
ग्रोइंग स्टेज में बच्चों की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने के लिए, हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए, लंबाई को बढ़ाने में और दांतों की मजबूती के लिए दूध जरूरी है, लेकिन हर दिन बच्चों के लिए एक जैसा नहीं होता है। बच्चों की पाचन शक्ति बहुत जल्दी प्रभावित होती है, इसलिए बच्चों को रोजाना दूध पिलाना जरूरी नहीं है।
अब सवाल उठता है कि बच्चों को कब दूध नहीं देना चाहिए। बच्चों को बार-बार खांसी होने पर, पेट फूलने पर, गैस बनने पर, पेट खराब होने पर, और भूख न लगने पर दूध नहीं देना चाहिए। ये लक्षण संकेत देते हैं कि बच्चों को दूध पचाने में परेशानी हो रही है। बच्चों की पाचन शक्ति बड़ों की तुलना में कमजोर होती है और दूध को पचाने में पेट को दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है। दूध को पचाने में कम से कम 2-3 घंटे लगते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों को दूध न दें।
अब ये भी जानना जरूरी है कि दूध किस तरीके से बच्चों को देना सही है। पहला, बच्चों को हमेशा गर्म दूध दें। गर्म दूध के सेवन से पेट में गैस और पेट फूलने की परेशानी कम होती है और सर्दियों में शरीर भी गर्म रहता है। दूसरा, बच्चों को रात के समय दूध न दें। रात के समय शरीर गतिविधि नहीं कर पाता है, जिसकी वजह से बच्चों को दूध पचाने में परेशानी हो सकती है। तीसरा, बच्चों को खाली दूध न दें। दूध में केसर, हल्दी या सौंठ मिलाकर दें। ये बच्चों को दूध पचाने में मदद करेगा।
--आईएएनएस
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