Samachar Nama
×

पीठ दर्द से मुक्ति दिलाएगा 'ट्रंक मूवमेंट', सावधानी भी जरूरी

नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। पीठ दर्द आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में बहुत आम समस्या बन चुकी है। यह किसी को भी, किसी भी उम्र में हो सकता है। ज्यादातर मामलों में पीठ दर्द की वजह हमारी रोजमर्रा की आदतें और जीवनशैली होती है। घंटों गलत पोस्चर में बैठना, मांसपेशियों में खिंचाव, मोटापा या तनाव पीठ दर्द के कई कारण हो सकते हैं।
पीठ दर्द से मुक्ति दिलाएगा 'ट्रंक मूवमेंट', सावधानी भी जरूरी

नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। पीठ दर्द आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में बहुत आम समस्या बन चुकी है। यह किसी को भी, किसी भी उम्र में हो सकता है। ज्यादातर मामलों में पीठ दर्द की वजह हमारी रोजमर्रा की आदतें और जीवनशैली होती है। घंटों गलत पोस्चर में बैठना, मांसपेशियों में खिंचाव, मोटापा या तनाव पीठ दर्द के कई कारण हो सकते हैं।

ट्रंक मूवमेंट या कटिशक्ति विकासक के अभ्यास से पीठ दर्द की समस्या से निजात पाया जा सकता है। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय बताता है कि ट्रंक मूवमेंट या कटिशक्ति विकासक एक महत्वपूर्ण योग अभ्यास है, जो रीढ़ की हड्डी की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने में मदद करता है। यह पीठ को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है और इसे रोजाना की दिनचर्या में शामिल करने की सलाह दी जाती है। यह अभ्यास सूक्ष्म व्यायाम का हिस्सा है, जो शरीर की कटि क्षेत्र (कमर) की ताकत को बढ़ाता है।

ट्रंक मूवमेंट या कटिशक्ति विकासक में धड़ (ट्रंक) की गति शामिल होती है, जैसे आगे झुकना, पीछे झुकना, बाएं-दाएं मुड़ना या घुमाना। यह रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और कमर की मांसपेशियों को मजबूत करता है। यह पीठ की सेहत सुधारने में कारगर होता है। कटि शक्ति विकासक के नियमित अभ्यास से पीठ दर्द कम होता है, पोस्चर बेहतर होता है और शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है। यह उन लोगों के लिए खास फायदेमंद है जो लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं।

ट्रंक मूवमेंट अभ्यास से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ता है, जिससे पीठ मजबूत बनती है। इससे पूरे शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, रक्त संचार बेहतर होता है और तनाव कम होता है। इसे रोजाना करने से कमर दर्द, स्लिप डिस्क जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। खास बात है कि यह पाचन तंत्र को भी सुधारता है और शरीर को एनर्जी मिलती है।

योग एक्सपर्ट बताते हैं कि इस अभ्यास को खड़े होकर या बैठकर किया जा सकता है। सांस के साथ तालमेल रखना जरूरी होता है। सबसे पहले सांस लेते हुए आगे या पीछे झुकें, सांस छोड़ते हुए वापस आएं। धीरे-धीरे और नियंत्रित तरीके से करें। शुरू में 5-10 बार दोहराएं और धीरे-धीरे बढ़ाएं। इसे सुबह खाली पेट करें।

ट्रंक मूवमेंट का अभ्यास सभी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है। हालांकि, कुछ सावधानियां बरतनी भी जरूरी हैं। योग विशेषज्ञ के अनुसार, इसे हमेशा सांस के तालमेल के साथ धीरे-धीरे करें। दिल के मरीज सावधानी बरतें और डॉक्टर से सलाह लें। तेज पीठ दर्द, वर्टिब्रल या इंटरवर्टेब्रल डिस्क की समस्या होने पर इस अभ्यास से बचें। महिलाओं को पीरियड्स के दौरान इसे नहीं करना चाहिए। यदि अभ्यास के दौरान कोई असुविधा महसूस हो तो तुरंत रोक दें। योग प्रशिक्षक की देखरेख में शुरू करना बेहतर है।

--आईएएनएस

एमटी/एबीएम

Share this story

Tags