पिंडली शक्ति विकासक: इस व्यायाम से घुटने-जांघ मजबूत और दर्द होता है दूर, जानें अभ्यास का तरीका
नई दिल्ली, 21 दिसंबर (आईएएनएस)। योग की परंपरा में सूक्ष्म व्यायाम बहुत महत्वपूर्ण हैं। इनमें से एक खास व्यायाम है 'पिंडली शक्ति विकासक'। यह आसान क्रिया खास तौर पर पिंडलियों या पैरों के पीछे की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मददगार है। इससे पैरों में ताकत आती है, थकान दूर होती है और घुटने-जांघ भी मजबूत बनते हैं।
पिंडली शक्ति विकासक व्यायाम का अभ्यास कोई भी आसानी से घर पर कर सकता है। रोजाना कुछ मिनट के अभ्यास से पैर सुडौल और मजबूत हो जाते हैं।
इसमें हाथों की गोलाकार गति और सांस के साथ बैठने-उठने की क्रिया शामिल होती है। यह न केवल पिंडलियों को मजबूत करता है बल्कि पैरों की मांसपेशियों, घुटनों और कमर को भी लचीला बनाता है। नियमित अभ्यास से रक्त संचार बेहतर होता है और पैरों में थकान या दर्द की समस्या कम होती है।
इस व्यायाम के अभ्यास की विधि सरल है। सबसे पहले सीधे खड़े हों, दोनों पैर मिले हुए हों और शरीर सिर से पैर तक पूरी तरह सीधा रखें। मुट्ठियां बंधी हों और गर्दन सीधी हो। अब धीरे-धीरे सांस अंदर लेते हुए हाथों को छाती के सामने फैलाएं और बैठ जाएं। बैठते समय एड़ियां जमीन पर टिकी रहें और घुटने आपस में मिले रहें। तेजी से हाथों को गोल घुमाकर वापस छाती के सामने लाएं। मुट्ठियां छाती के पास हों और ऊपरी बाहें कंधों के समानांतर रहें। फिर हाथों को दोबारा फैलाते हुए छाती को आगे खींचें और वापस नीचे लाएं।
योग एक्सपर्ट बताते हैं कि प्रारंभ में इस क्रिया को 20 से 25 बार दोहराना चाहिए, फिर धीरे-धीरे संख्या बढ़ाई जा सकती है। इसे खाली पेट सुबह के समय करना सबसे अच्छा है।
पिंडली शक्ति विकासक अभ्यास के कई फायदे हैं। यह पिंडलियों की मांसपेशियों को मजबूत और आकर्षक बनाता है। लंबे समय तक खड़े रहने या चलने से होने वाली थकान दूर होती है। रक्त संचार सुधारने से पैरों में सूजन या दर्द की शिकायत कम होती है। यह व्यायाम घुटनों और टखनों को मजबूत करता है, जिससे खेलकूद या दैनिक कार्यों में बेहतर प्रदर्शन होता है। महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए उपयोगी यह क्रिया पैरों की सुंदरता भी बढ़ाती है।
योग विशेषज्ञों के अनुसार, यह सूक्ष्म व्यायाम पूरे शरीर की ऊर्जा को संतुलित करता है और शरीर को फिट रखता है। इस व्यायाम को रोजाना करने से पैरों को स्वस्थ और मजबूत किया जा सकता है। योग प्रशिक्षकों की सलाह है कि शुरुआत में किसी विशेषज्ञ की देखरेख में करें।
--आईएएनएस
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