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लंबे समय तक बैठने से पैरों में कमजोरी? योग का ‘पादांगुलि शक्ति विकासक’ अभ्यास देगा राहत

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। ऑफिस में घंटों एक ही पोजीशन में बैठना हो या अनियमित दिनचर्या, इसका सीधा असर पैरों की मांसपेशियों और उंगलियों पर पड़ता है। लिहाजा, पैर कमजोर होने लगते हैं। दौड़ने-भागने में जल्दी थकान, पैरों में दर्द और संतुलन की कमी आम समस्या बन गई है। योग पद्धति पादांगुलि शक्ति विकासक के अभ्यास की सलाह देती है।
लंबे समय तक बैठने से पैरों में कमजोरी? योग का ‘पादांगुलि शक्ति विकासक’ अभ्यास देगा राहत

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। ऑफिस में घंटों एक ही पोजीशन में बैठना हो या अनियमित दिनचर्या, इसका सीधा असर पैरों की मांसपेशियों और उंगलियों पर पड़ता है। लिहाजा, पैर कमजोर होने लगते हैं। दौड़ने-भागने में जल्दी थकान, पैरों में दर्द और संतुलन की कमी आम समस्या बन गई है। योग पद्धति पादांगुलि शक्ति विकासक के अभ्यास की सलाह देती है।

योग और आयुर्वेद में इसका बेहद सरल और असरदार समाधान पादांगुलि-शक्ति-विकासक क्रिया के रूप में बताया जाता है। योग एक्सपर्ट बताते हैं कि रोजाना 5 से 7 मिनट इस आसान क्रिया के अभ्यास से पैरों के पंजे और उंगलियां मजबूत, लचीली और सुडौल बन जाती हैं। खास तौर पर धावक, फुटबॉल, बैडमिंटन, टेनिस और क्रिकेट जैसे खेलों के खिलाड़ियों के लिए यह क्रिया वरदान से कम नहीं है।

इससे पैरों को विशेष ताकत मिलती है, स्प्रिंट करने की क्षमता बढ़ती है और चोट लगने का खतरा भी कम हो जाता है। साथ ही लंबे समय तक खड़े रहने वाले लोगों, शिक्षकों, पुलिसकर्मियों, और दुकानदारों को भी यह अभ्यास बहुत फायदा पहुंचाता है।

मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा पादांगुलि शक्ति विकासक क्रिया के अभ्यास की सरल विधि के बारे में विस्तार से जानकारी देता है। इसके लिए दोनों पैरों को आपस में मिलाकर एकदम सीधे खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को कंधों के बराबर सीधा फैलाएं ताकि संतुलन बना रहे। अब धीरे-धीरे शरीर का पूरा भार पैर की उंगलियों के अगले हिस्से (पंजों) पर डालें। एड़ियां जमीन से ऊपर उठा लें, जितनी देर तक सहजता से संभव हो, इसी स्थिति में खड़े रहें। इस दौरान सांस सामान्य रखें। शुरुआत में इसका अभ्यास 30 सेकंड से 1 मिनट तक करें, फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाकर 5 से 7 मिनट तक ले जाएं।

योगाचार्यों के अनुसार यह अभ्यास पैर की उंगलियों और पंजों की मांसपेशियों को मजबूत करता है, उनमें रक्त-संचार बढ़ाता है और नसों को सक्रिय बनाता है। इससे पैर सुंदर और आकर्षक भी दिखने लगते हैं। महिलाओं के लिए यह अभ्यास ऊंची एड़ी की सैंडल पहनने की आदत से होने वाली विकृति को भी ठीक करता है।

इससे संतुलन बेहतर होता है, थकान कम होती है और पैरों की पकड़ मजबूत हो जाती है। हालांकि, इस अभ्यास की शुरुआत योग एक्सपर्ट की देखरेख में करनी चाहिए।

--आईएएनएस

एमटी/डीएससी

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