जानें क्या होता है पैप स्मीयर टेस्ट और किस लिए किया जाता है यह टेस्ट
जयपुर| एक पैप स्मीयर गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर की जाँच के लिए की जाने वाली एक प्रक्रिया है और इस टेस्ट के दौरान महिलाओं के सर्विक्स पर कैंसर कोशिकाओं की उपस्थिति की जाँच की जाती है जिसमें यह पता लगाया जाता है कि महिला के अंदर सर्विक्स कैंसर के लक्षण हैं या नहीं| यह टेस्ट वायरल संक्रमण जैसे ह्यूमन पेपिलोमा वायरस का पता लगा सकता है क्यूंकि यही वायरस आगे चलकर सर्विक्स कैंसर का कारण बनता है |
पैप स्मीयर टेस्ट की मदद से कैंसर कोशिकाओं को पूरी तरह से विकसित होने से पहले ही उनकी उपस्थिति के बारे में जानकारी ले ली जाती है जिससे समय रहते इस कैंसर को को होने से रोका जा सके|
बहुत से लोगों को यह बात पत्र नहीं होती या बहुत से लोग इन बातों पर ध्यान नहीं देते पर आपको बता दें कि 21 साल की उम्र से महिलाओं को लगातार पैप स्मीयर टेस्ट को कराते रहना चाहिए क्यूंकि कुछ परिस्थितियों में महिलाओं को कैंसर के जोखिमों में वृद्धि हो सकती है|
यह टेस्ट कराते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए कि यह टेस्ट तब ही कराएं जब आपको पीरियड्स ना हों और साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि यह टेस्ट करने से पहले फिसिकल रिलेशन नहीं बनाना चाहिए| डॉक्टर से पूछे बिना इस टेस्ट के पहले वजाईना के स्वास्थ से जुडी किसी भी तरह की दवाई को ना ले और साथ ही टेस्ट के दौरान गहरी सांस लेते रहना चाहिए|
इस टेस्ट को करने में 10 से 20 मिनट का समय लगता है पर इस टेस्ट को करा लेने से या समय समय पर कराते रहने से आपके स्वास्थ को कैंसर जैसी बीमारी से बचाया जा सकता है क्यूंकि इस टेस्ट को कृते रहने के कारण यदि कभी आपके शरीर में या सर्विक्स में कैंसर के कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो उन्हें शुरुआत दौर में ही जान जाने के कारण इनका आसानी से इलाज भी कराया जा सकता है और साथ ही व्यक्ति को इस खतरनाक बीमारी से बचाया भी जा सकता है|

