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अपान-वायु योग मुद्रा से 15 मिनट में रुक जाएगी हिचकी

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हेल्थ न्यूज़ डेस्क, भारत में कहा जाता है किसी व्यक्ति को हिचकी आती है तो उसे कोई याद कर रहा है. लेकिन जब हिचकी काबू में नहीं आती तो यह उस व्यक्ति के लिए परेशानी भी बन जाती है. इसको रोकने के कई विकल्प है. जैसे पानी पीना, नींबू चाटना, थोड़ी देर सांस रोकना आदी. इसकी जगह, आप आयुर्वेदिक उपाय अपना सकते हैं. योग को रोगों के उपचारों में काफी महत्व दिया जाता है. हमारे शास्त्रों में लगभग हर परेशानी के लिए एक योग का विवरण किया हुआ है. हिचकी के लिए भी एक आसन योग है. इसको अपान वायु मुद्रा कहते है . 

क्यों आती है हिचकी?

हिचकी आना हमारी शरीर की एक प्रक्रिया है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक, डाइजेशन या रेस्पिरेट्री सिस्टम में गड़बड़ी होने से हिचकी आनी शुरू हो जाती है. ज्यादा खाना खाने से पेट बहुत ज्यादा फूल जाता है जिससे हिचकी आती हैं. इसके अलावा नर्वस या एक्साइटेड महसूस करना,  शराब का अधिक सेवन करना, स्ट्रेस, च्युइंगगम चूसते समय हवा निगलना जैसी वजहों से हिचकी आती है.

कैसे करें अपान वायु मुद्रा?

नीचे दिए स्टेप्स को फॉलो करते हुए करें अपान वायु मुद्रा कर सकते हैं.

  • सबसे पहले पीठ सीधी करके आसन ग्रहण कर लें
  • हाथों को घुटनों के ऊपर रख दें
  • आंखों को बंद कर कुछ देर गहरी सांसे लें
  • पहली अंगुली को आगे की तरफ मोड़ें
  • बीच की और रिंग अंगुली को मिलाएं
  • पहली अंगुलि के ऊपर से इन दोनों अंगुलियों को अंगूठे से मिला दें
  • टिप पर लगाकर प्रेस करें
  • इस समय छोटी अंगुली को जितना हो सकें फैलाने की कोशिश करें
  • इस पोज को रोजाना कम से कम 15 मिनटों तक करें
  • धीरे-धीरे इसे 40 से 45 मिनट भी कर सकते हैं
  • आप इस योगासन को कुर्सी पर भी बैठकर कर सकते हैं

अपान वायु मुद्रा के है कई फायदे

यह मुद्रा हिचकी के अलावा बाकी चीजों को भी ठीक करता है. इससे शरीर से विषैले तत्व दूर हो जाते हैं. मुद्रा में ठीक तरह से सांस लेने से आपके शरीर से 90% टाॅक्सिन पदार्थों खत्म हो जाएंगे. पेट, दिल और दिमाग के रोगों में इससे राहत मिलती है. इस मुद्रा को रोज करने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है. साथ ही इम्यून सिस्टम भी दुरुस्त होता है.

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