आंखों के लिए संजीवनी नेत्र शक्ति विकासक, तेज होगी रोशनी, मिटेगी थकान
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। आज के डिजिटल समय में मोबाइल, कंप्यूटर और लैपटॉप जैसे गैजेट्स पर लंबे समय तक काम करना आम बात हो गई है। वहीं, स्क्रीन के सामने ज्यादा समय बिताने के कारण आंखों की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में 'नेत्र शक्ति विकासक' का अभ्यास प्रभावी समाधान साबित होता है।
मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा नेत्र-शक्ति-विकासक' के बारे में जानकारी देते हुए बताता है कि यह एक सरल योग क्रिया है, जो आंखों की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है और दृष्टि में भी सुधार करती है। यह त्राटक का एक रूप है, जिसमें भौंहों के बीच दृष्टि स्थिर रखी जाती है।
'नेत्र-शक्ति-विकासक' क्रिया आंखों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने और नेत्र शक्ति बढ़ाने में विशेष रूप से उपयोगी है। यह एक सरल योग अभ्यास है जो भौंहों के बीच ध्यान केंद्रित करके किया जाता है। इस क्रिया को करने की विधि बेहद आसान है। सबसे पहले खड़े होकर दोनों पैरों को कंधे की चौड़ाई जितना अलग रखें। पैरों से कंधों तक शरीर को पूरी तरह सीधा रखें। अब गर्दन को पूरी तरह पीछे की ओर झुकाएं, जैसे सिर ऊपर की तरफ हो। दोनों आंखों से पूरी ताकत लगाते हुए भौंहों के बीच के बिंदु (भ्रूमध्य) पर बिना पलक झपकाए दृष्टि को स्थिर रखें।
योग एक्सपर्ट बताते हैं कि जब आंखों में थकान महसूस हो या आंसू आने लगें, उससे ठीक पहले आंखें बंद कर लें और कुछ पल आराम करें। फिर आंखें खोलकर दोबारा से इसी तरह अभ्यास करें। शुरुआत में इस क्रिया को केवल 5 मिनट तक ही करें। धीरे-धीरे समय बढ़ाया जा सकता है, लेकिन अधिक जोर न डालें।
नेत्र शक्ति अभ्यास आंखों की मांसपेशियों को मजबूत करता है, एकाग्रता बढ़ाता है और आंखों की रोशनी सुधारने में मदद करता है। नियमित अभ्यास से आंखों की थकान दूर होती है, दृष्टि स्थिर होती है और मानसिक शांति मिलती है। यह त्राटक का एक रूप है, जो योग में आंखों के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह क्रिया बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए सुरक्षित है। इसके रोजाना कुछ मिनट के अभ्यास से आंखें स्वस्थ और मजबूत रह सकती हैं। बशर्ते सही तरीके से इसका अभ्यास किया जाए। अगर किसी को गंभीर आंखों की समस्या हो तो पहले योग विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
--आईएएनएस
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