हेल्थ न्यूज़ डेस्क, कम उम्र में ही बच्चों का आजकल हार्ट अटैक का खतरा है. उनमें दिल की बीमारी बढ़ रही है. एक्सपर्ट्स इसकी बड़ी वजह बिगड़ी लाइफस्टाइल और खानपान को मानते हैं. इसके अलावा किसी न किसी तरह का तनाव भी बच्चों के दिल को जोखिम में डाल रहा है. अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए तो उम्र बढ़ने के साथ रिस्क भी बढ़ता जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं छोटी उम्र में बच्चों को हार्ट अटैक आखिर क्यों हो रहा है...
क्या आपके बच्चे का दिल भी हो रहा कमजोर
कार्डियोलॉजिस्ट्स के अनुसार, आजकल बच्चे फिजिकली कोई काम नहीं कर रहे, उन्हें फास्ट फूड कल्चर में पाला जा रहा है. इसके अलावा पढ़ाई का तनाव भी साथ चल रहा है. ऐसे में पैरेंट्स को सावधान होने की जरूरत है, क्योंकि जरा सी लापरवाही बच्चे की सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है. उनका कहना है कि आजकल बच्चे टहलना और खेलना कम कर रहे हैं, जो हार्ट अटैक (Heart Attack) की वजह बन रही है. बच्चों को फैटी चीजें ज्यादा पसंद आ रही हैं, घर पर कई मांए भी रोटी बनाने की बजाय दो मिनट में ब्रेकफास्ट तैयार कर रही हैं, जिसकी वजह से हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ता जा रहा है.
1. फेमिली हिस्ट्री है तो सावधानी बरतें
डॉक्टरों का कहना है कि अगर घर में किसी को हार्ट अटैक की समस्या है तो ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत है. गलत खानपान बच्चों के हार्ट में ब्लॉकेज का खतरा न पैदा करे, इसके लिए लापरवाही से बचें. कम उम्र में शुरू-शुरू में इसे लेकर तो लापरवाही की जाती है लेकिन बाद में यह बड़ी समस्या बन जाती है.
2. मोटापा से बच्चों को हार्ट अटैक का खतरा
डॉक्टर्स का कहना है कि बच्चों में हार्ट डिजीज का सबसे बड़े कारणों में मोटापा भी है. बच्चों में मोटापे की वजह से सांस की समस्या, शुगर और अन्य बीमारी हो सकती है. अगर पैरेंट्स सही समय पर गंभीर नहीं हुए तो उसकी दिक्कतें बढ़ सकती हैं.
3. बच्चा दिल की बीमारी से जूझ रहा तो ख्याल रखें
कार्डियोलॉजिस्ट्स का कहना है िक अगर बच्चा दिल की किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है तो उसका फॉलोअप लेते रहें. समय-समय पर डॉक्टर के पास जाएं और उनकी दवाईयां, सलाह लें. बच्चों की सेहत को लेकर लापरवाही न बरतें.
4. पढ़ाई का तनाव
एक्सपर्ट्स का कहना है कि बहुत से पैरेंट्स छोटी छोटी चीजों को इग्नोर कर देते हैं, जो बच्चों के लिए ठीक नहीं है. हमारे समाज में पढ़ाई को लेकर बड़ा तनाव है. घर से बाहर जाकर बच्चे गलत चीजें खाते हैं, कई बार तो कम उम्र में नशे के भी शिकार हो जाते हैं, पढ़ाई को लेकर भी तनाव लेते हैं, जो उनके दिल को खोखला कर देता है और गंभीर खतरे बढ़ा देता है.