हेल्थ न्यूज़ डेस्क,सोरायसिस त्वचा से जुड़ी बीमारी है। यह रोग किसी को भी हो सकता है। त्वचा संबंधी इस बीमारी को लेकर अभी भी लोगों में जागरूकता नहीं है। कई बार लोग त्वचा पर पपड़ीदार पैच या लाल धब्बे देखकर इसे नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन ये हल्के धब्बे सोरायसिस के शुरूआती लक्षण हो सकते हैं। आपको बता दें कि यह बीमारी ज्यादातर ठंडे इलाकों में रहने वाले लोगों में होती है। कभी-कभी गर्मी के मौसम में ये धब्बे अपने आप गायब हो जाते हैं। अगर आपकी त्वचा पर लाल या भूरे रंग के धब्बे भी दिखाई दे रहे हैं तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कटिस स्किन स्टूडियो, मुंबई के सीईओ और मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अमनव गोयल हमें बता रहे हैं कि सोरायसिस क्यों होता है और इसके होने के बाद इसे रोकने के लिए हमें क्या करना चाहिए।
सोरायसिस के लक्षण
डॉ. अमनव गोयल कहते हैं, “जब आपको सोरायसिस होता है, तो आपकी त्वचा पर लाल और भूरे रंग के पपड़ीदार धब्बे दिखाई देने लगते हैं। इन धब्बों पर लगातार खुजली होती रहती है जिससे इनमें दरारें पड़ जाती हैं। खुजली होने पर त्वचा से गाढ़ा पानी निकलने लगता है जो मवाद जैसा होता है। सोरायसिस सिर पर हो तो रोगी के सिर की त्वचा पर धब्बे या पपड़ी बनने लगती है। ज्यादा तनाव लेना भी आपको इस बीमारी की चपेट में ला सकता है। यह रोग अनुवांशिक भी होता है। अगर आपके परिवार में किसी को सोरायसिस हुआ है तो आप भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। ,
सोरायसिस इन अंगों को प्रभावित करता है
डॉ. अमनव गोयल आगे कहते हैं, ''सोरायसिस ज्यादातर शरीर के कुछ हिस्सों पर ही होता है। इसमें खोपड़ी, कान के आसपास, घुटने, कोहनी और पीठ के निचले हिस्से शामिल हैं। इस बीमारी को लेकर अभी भी लोगों में ज्यादा जागरुकता नहीं है। कई बार लोगों के स्कैल्प पर सोरायसिस हो जाता है लेकिन लोग इसे फोड़ा या इंफेक्शन समझने लगते हैं।
यह रोग किस उम्र में होता है?
डॉ. अमनव गोयल का कहना है कि यह बीमारी किसी को भी और किसी भी उम्र में हो सकती है। यह आपकी अनुवांशिक स्थिति पर निर्भर करता है। लेकिन इसकी शुरुआत ज्यादातर 15 साल की उम्र से ही हो जाती है। अगर सही समय पर ध्यान न दिया जाए तो यह बीमारी लंबे समय तक रहती है।
उपाय क्या हैं
इस बीमारी को पूरी तरह ठीक करने के लिए अभी तक कोई इलाज नहीं है। लेकिन आप निश्चित रूप से अपनी अच्छी देखभाल करके और नियमित जांच कराकर इसे कम कर सकते हैं। ओमेगा 369 कैप्सूल की मदद से कम कर सकते हैं। साथ ही अपने आहार में चावल का पानी और दलिया शामिल करें। इसे कम करने के लिए आप नारियल तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन घरेलू उपचार आजमाने की बजाय इसे ठीक करने के लिए डॉक्टर से सलाह लें।

