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क्या आपको भी मिट्टी खाने का मन होता है? इसे हल्के में ना लें, हो सकता है इस बीमारी का है संकेत

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हेल्थ न्यूज़ डेस्क, अक्सर आपने देखा होगा कि जो बच्चे छोटे होते हैं वे जमीन पर लेटकर मिट्टी चाटते हैं, दीवार का प्लास्टर, कोयला चौक और यहां तक ​​कि घड़े की मिट्टी भी खाते हैं, बच्चे इस समस्या के आदी होते हैं। यह सिर्फ बच्चों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बड़े भी ऐसा करते हैं। विशेषकर महिलाओं को घड़े का टुकड़ा, कुल्लड़ चौक आदि चोरी-छिपे खाते देखा जा सकता है। यह एक प्रकार का रोग है। इस आदत को जियोफैगिया कहा जाता है। ज्यादातर लोगों का मानना ​​है कि कैल्शियम की कमी से ऐसा होता है जबकि डॉक्टर कुछ और ही कहते हैं।

दरअसल इसका सीधा संबंध पाइका नाम की बीमारी से है। इसमें इंसान खुद को मिट्टी खाने से नहीं रोक सकता। यह ज्यादातर गर्भवती महिलाओं में देखा जाता है। माटी खाने का नशा किसी नशीले पदार्थ का नशा जैसा ही है।

पिका क्या है?

चिकित्सकों के अनुसार पिका एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति को ऐसे पदार्थ खाने की इच्छा होती है जो खाने योग्य नहीं होते। पाइका एक ऐसे पक्षी का नाम है, जो कुछ भी खा लेता है। उन्हीं के नाम पर इस बीमारी का नाम रखा गया।ज्यादातर महिलाएं जब मिट्टी खाती हैं तो कहा जाता है कि उनमें कैल्शियम की कमी है जबकि ऐसा होता नहीं है, इस बीमारी का सीधा संबंध आयरन की कमी से है। इस रोग में महिला को बार-बार मिट्टी खाने की इच्छा होती है ऐसे में जब वह बार-बार मिट्टी खाती है तो उसके पेट में कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं जैसे पेट में कीड़े होने की समस्या।

किडनी स्टोन की भी समस्या हो सकती है

यदि कोई स्त्री या बच्चा लगातार मिट्टी खायेगा तो उसकी आंतों में रुकावट होगी। इसके अलावा लीवर पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मिट्टी खाने वाले बच्चों और बड़ों के शरीर में सूजन आने लगती है। मिट्टी खाने से पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे खाना ठीक से नहीं पच पाता, इसके अलावा भूख की अनुभूति या तो बंद हो जाती है या कम हो जाती है। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि मिट्टी पानी के अंदर नहीं घुलती और इसके कंकड़ धीरे-धीरे गुर्दे की पथरी में बदल जाते हैं।

एनीमिया की शिकायत भी हो सकती है

मिट्टी खाने से व्यक्ति एनीमिया का भी शिकार हो जाता है। शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी को एनीमिया कहते हैं। हीमोग्लोबिन कम होने की वजह से खून में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है, जिससे एनीमिया हो जाता है।

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