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1 अक्टूबर को बढ़ने वाली है Online Payment करने वालों की मुश्किलें, फटाफट जान ले ये खबर कही बाद में ना हो परेशानी 

1 अक्टूबर को बढ़ने वाली है Online Payment करने वालों की मुश्किलें, फटाफट जान ले ये खबर कही बाद में ना हो परेशानी 

टेक न्यूज़ डेस्क -1 अक्टूबर यानी कल से लाखों मोबाइल यूजर्स को ऑनलाइन पेमेंट करने में दिक्कत आ सकती है। उन्हें बैंक की ओर से भेजे जाने वाले ओटीपी यानी वन टाइम पासवर्ड को प्राप्त करने में दिक्कत आ सकती है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी (TRAI) 1 अक्टूबर 2024 से एक नया नियम लागू करने जा रही है, जिसमें ओटीटी लिंक, यूआरएल, एपीके लिंक वाले मैसेज ब्लॉक कर दिए जाएंगे। टेलीकॉम रेगुलेटर इसे 1 सितंबर से लागू करने जा रहा था, जिसे टेलीकॉम ऑपरेटर्स और दूसरे स्टेकहोल्डर्स की मांग पर 30 सितंबर तक बढ़ा दिया गया था।

ओटीपी मिलने में हो सकती है दिक्कत
टेलीकॉम रेगुलेटर फर्जी कॉल और मैसेज पर लगाम लगाने के लिए 1 अक्टूबर से नए नियम लागू करने जा रहा है। इसमें यूजर्स को किसी भी टेलीमार्केटर और संस्थान से मैसेज या कॉल नहीं आएंगे, जो व्हाइटलिस्टेड नहीं हैं। ऐसे में जिन बैंकों या प्लेटफॉर्म ने खुद को व्हाइटलिस्टेड नहीं किया है, उनके यूजर्स को ओटीपी वाले मैसेज नहीं मिलेंगे। बिना ओटीपी के ऑनलाइन पेमेंट करना संभव नहीं है।

फर्जी कॉल और मैसेज से मिलेगी निजात! देश के करोड़ों मोबाइल यूजर्स को फर्जी कॉल और मैसेज से निजात दिलाने के लिए DoT और TRAI ने नियम सख्त कर दिए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, TRAI ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स से उन सभी कंपनियों को रजिस्टर करने को कहा है, जो SMS के जरिए यूजर्स को OTP और दूसरी जरूरी जानकारियां मुहैया कराती हैं। अगर कंपनी रजिस्टर्ड नहीं है, तो यूजर्स को SMS नहीं मिलेंगे। पिछले कुछ सालों में फर्जी मैसेज और कॉल के जरिए करोड़ों रुपये की ठगी के मामले सामने आए हैं। ज्यादातर मामलों में हैकर्स यूजर्स को SMS के जरिए फर्जी लिंक, APK फाइल के लिंक आदि भेज रहे थे। इन लिंक पर क्लिक करते ही यूजर्स की निजी जानकारी और डिवाइस का एक्सेस हैकर्स के पास पहुंच जाता था और बड़े पैमाने पर ठगी की जाती थी।

क्या है TRAI का नया नियम?

टेलीकॉम रेगुलेटर ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स से कहा है कि वे OTP, लिंक जैसी अहम जानकारियां वाले मैसेज के लिए एक खास टेम्प्लेट फॉलो करें, ताकि फर्जी मैसेज को ट्रैक करना आसान हो। इसके अलावा बैंकिंग या दूसरी सेवाएं देने वाली एजेंसियों को व्हाइटलिस्ट किया जाए, ताकि उनके मैसेज यूजर्स को मिल सकें। नए नियम के मुताबिक, व्हाइटलिस्ट नहीं होने वाली एजेंसियों द्वारा भेजे गए मैसेज को नेटवर्क द्वारा ब्लॉक कर दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में यूजर्स को ऑनलाइन भुगतान करने के लिए ओटीपी प्राप्त नहीं होगा।

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